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Haryana Election: सैलजा की नाराजगी दूर करने का जिम्मा हुड्डा पर, कांग्रेस हाईकमान ने दिया स्पष्ट संदेश

Haryana Assembly Election हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में खींचतान जारी है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी सैलजा और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के बीच चल रही नाराजगी को दूर करने के लिए अब कांग्रेस हाईकमान ने पहल शुरू कर दी है। हाईकमान ने हुड्डा को स्पष्ट संदेश दिया है कि दिग्गज नेताओं को साथ लेकर चलने की जिम्मेदारी उनकी है।

By Jagran News Edited By: Rajiv Mishra Updated: Mon, 23 Sep 2024 09:55 AM (IST)
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सैलजा की नाराजगी दूर करने की जिम्मेदारी हुड्डा पर (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव अभियान के चरम पर पहुंचने के बीच पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से अंदरूनी खींचतान के कारण पार्टी की वरिष्ठ नेता कुमारी सैलजा की नाराजगी सामने आने के बाद कांग्रेस नेतृत्व ने तत्काल मामले को संभालने की पहल शुरू कर दी है।

हाईकमान ने चुनाव अभियान की कमान संभाल रहे हुड्डा को स्पष्ट संदेश दिया है कि अन्य वरिष्ठ नेताओं को साथ लेकर चलने की जिम्मेदारी उनकी है और सैलजा सरीखे नेताओं की चुनाव में अनदेखी नहीं की जा सकती।

खरगे की रैली पर रहेंगी नजरें

पार्टी नेतृत्व ने अपने स्तर पर भी सैलजा की शिकायतें दूर करने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। अब नजरें सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अंबाला में होने वाली रैली में पर हैं जिसमें सैलजा के शामिल होने की उम्मीद की जा रही है।

सिरसा से लोकसभा सदस्य सैलजा का अंबाला गृह है और यदि इस समय वह कांग्रेस अध्यक्ष की रैली में शामिल नहीं हुईं तो चुनाव में इसका नकारात्मक संदेश जाएगा। अंबाला के अलावा खरगे की सोमवार को घरौंदा में दूसरी रैली है।

सैलजा को मनाना हुड्डा की जिम्मेदारी

पार्टी के एक चुनावी रणनीतिकार ने कहा कि प्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष के नाते यह हुड्डा की जिम्मेदारी है कि सभी नेताओं की क्षमता का इस्तेमाल किया जाए। हाईकमान के साथ बैठकों में हुड्डा ने इसकी प्रतिबद्धता भी जताई थी और जब चुनाव अभियान अब दो हफ्ते का समय रह गया है तो खींचतान की ऐसी खबरें पार्टी के हित में नहीं हैं।

सुरजेवाला को समझाने का हो रहा प्रयास

सूत्रों ने बताया कि संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और हरियाणा के प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया ने सैलजा के साथ ही वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला की शिकायतों को लेकर हुड्डा को समझाने का प्रयास किया है।

दीपेंद्र हुड्डा को भी इसी तरह का संदेश दिया गया है। वैसे हुड्डा समर्थकों का दावा है कि वेणुगोपाल तथा पार्टी कोषाध्यक्ष अजय माकन भूपेंद्र-दीपेंद्र की चुनावी रणनीति का पूरा समर्थन कर रहे हैं।

रविवार को दिल्ली में थीं कुमारी सैलजा

नाराजगी की चर्चाओं के बीच सैलजा रविवार दोपहर दिल्ली में ही मौजूद थीं और हरियाणा से आने वाले अपने समर्थकों से मुलाकात कर उनकी शिकायतें सुन रही थीं। खरगे की अंबाला रैली में सैलजा के शामिल होने के संबंध में उनके समर्थकों ने बताया कि रविवार दोपहर तक तो उन्हें इस कार्यक्रम की कोई जानकारी नहीं दी गई। हालांकि दिल्ली पहुंचे समर्थकों ने उनके रैली में शामिल होने का विकल्प खुला होने का संकेत दिया।

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टिकट बंटवारे के समय से ही नाराज हैं सैलजा

सैलजा की नाराजगी तो टिकट बंटवारे के समय से ही रही है क्योंकि उम्मीदवारी तय करने में हुड्डा का वर्चस्व रहा। काफी मशक्कत के बाद करीब दर्जनभर सैलजा समर्थकों को टिकट मिल पाया। अब चुनाव अभियान का पूरा तंत्र भूपेंद्र एवं दीपेंद्र हुड्डा के नियंत्रण में है।

जाहिर तौर पर हरियाणा में पार्टी के भीतर वर्चस्व की लड़ाई में हुड्डा के अकेले कांग्रेस के रथ को हांकने का दांव सैलजा को स्वीकार्य नहीं है और इसलिए वह प्रचार अभियान से दूरी बना रही हैं।

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