'मौजूदा विधायकों को ही उतारना था तो 20-20 हजार रुपये क्यों लिए', टिकट न मिलने पर भड़के कांग्रेस नेता, 49 सीटों पर फंसी पेच
Haryana Election 2024 टिकट को लेकर कांग्रेस में बगावत तेज हो गई है। पार्टी नेताओं ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बगावत को देखते हुए कांग्रेस ने दूसरी लिस्ट में सिर्फ 9 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। कांग्रेस आलाकमान जिन 49 सीटों पर प्रत्याशियों को लेकर असमंजस में है वह सभी सीटें पिछले चुनाव में पार्टी ने हारी थी।
सुधीर तंवर, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा की 41 सीटों के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी कांग्रेस में कई स्थानों पर असंतोष की स्थिति है। कई सीटों पर कुछ ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। बगावत की स्थिति को देखते हुए कांग्रेस ने शेष 49 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा में देरी की रणनीति बनाई है।
प्रत्याशियों की दो लिस्टें जारी करने की संभावना है, इनमें अंतिम सूची नामांकन की अंतिम तिथि से सिर्फ एक या दो दिन पहले आ सकती है। कांग्रेस ने पहली सूची में जिन 32 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए , वहां पर 793 दावेदार थे। इनमें भी 28 सीटों पर पार्टी ने मौजूदा विधायकों पर ही दांव खेला है। टिकट के अन्य दावेदारों में रोष है।
विनेश फोगाट को टिकट मिलने पर दावेदार नाराज
इनका तर्क है कि जब मौजूदा विधायकों को ही चुनाव लड़ाना था तो आवेदन के नाम पर 20-20 हजार रुपये क्यों लिये गए। टिकट नहीं मिलने पर बरोदा से कपूर नरवाल और बहादुरगढ़ से राजेश जून ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। साढ़ौरा से बृजपाल छप्पर भी खुलकर विरोध में उतर आए हैं।
शाहबाद में जजपा से आए रामकरण काला और नीलोखेड़ी में निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर के साथ ही जुलाना में ओलिंपियन पहलवान विनेश फोगाट को टिकट दिए जाने पर स्थानीय दावेदारों में नाराजगी है।
इन सीटों पर बगावत का अधिक डर
जुलाना में टिकट के 88 दावेदार थे, लेकिन यहां पैराशूट उम्मीदवार उतार दिया गया। कांग्रेस आलाकमान जिन 49 सीटों पर प्रत्याशियों को लेकर असमंजस में है, वह सभी सीटें पिछले चुनाव में पार्टी ने हारी थी। पार्टी ने 22 में से तीन जिलों में एक भी सीट पर उम्मीदवार घोषित नहीं किया है, जहां बगावत का सबसे ज्यादा डर है।
क्या है दीपक बाबरिया का दावा
हिसार, दादरी, कैथल, जिले इनमें शामिल हैं। हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया का दावा है कि 71 सीटों पर सहमति बना ली गई है, मगर इसके बावजूद पार्टी 41 प्रत्याशियों की घोषणा की गई है। पार्टी अपने प्रत्याशियों के नामों में देरी इसलिए भी कर रही है ताकि टिकट वितरण से नाराज लोगों को नामांकन करने के लिए ज्यादा मौका न मिल सके।
हुड्डा समर्थकों को मिले अधिक टिकट
पहली सूची में अधिकतर हुड्डा समर्थक विधायकों को टिकट मिला है। हालांकि अंबाला में सैलजा समर्थक उम्मीदवार उतारे गए हैं, मगर वे हिसार की सात, सिरसा की तीन और फतेहाबाद की तीन सीटों पर अपने समर्थकों को टिकट दिलवाना चाहती हैं।
इसी तरह सुरजेवाला कैथल, नरवाना सहित अन्य कुछ सीटें अपने समर्थकों के लिए मांग रहे हैं। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एकजुट होकर चुनाव लड़ने को तैयार हैं, सीटों पर बात नहीं बनने से पेंच फंसा हुआ है। इससे प्रत्याशी घोषित होने में देरी हो रही है।
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असंतुष्टों ने किया घेराव तो छलका बाबरिया का दर्द
कांग्रेस की पहली सूची जारी होने के बाद असंतुष्ट नेता नाराजगी जताने दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय पहुंच रहे हैं। यहां वह दो बार दीपक बाबरिया का घेराव कर चुके हैं। कुछ वीडियो भी सामने आए हैं, जिसमें असंतुष्टों से घिरे बाबरिया असहज स्थिति में नजर आ रहे हैं।
एक वीडियो में बाबरिया को घेरे असंतुष्ट नेता गुस्से में कह रहे हैं कि हम पिछले पांच सालों से अपने-क्षेत्रों में सक्रिय हैं। तय शुल्क देकर हमने आवेदन किया, लेकिन टिकट उन लोगों को दिया, जिन्होंने आवेदन तक नहीं किया। बाबरिया लोगों की तरफ देख तो रहे हैं, लेकिन कुछ कहते नहीं।
दूसरे वीडियों में एक व्यक्ति आक्रोशित लोगों को चुप रहने को कहते हुए साहब (दीपक बाबरिया) की बात सुनने को कहता है। इसके बाद बाबरिया कहते हैं कि अंतिम निर्णय कमेटी लेती है। इस बीच किसी के बोलने पर बाबरिया गुस्सा होकर तेज आवाज में कहते हैं कि किससे बात करनी है।
कल-परसों जब सूची आएगी, मैं जानता हूं तब आप लोग बहुत दुखी होंगे। आपसे क्षमा भी मांगता हूं। इस पर कुछ लोग बोलने लगते हैं, ऐसे मत बोले सर, आप हमारे बब्बर शेर हो। आपने बहुत लड़ाई लड़ी है हमारे लिए।
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