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हरियाणा में कांग्रेस विधायक दल का नेता कौन, हुड्डा के लिए खतरा साबित होंगे अशोक अरोड़ा और चंद्रमोहन?

हरियाणा में कांग्रेस विधायक दल का नेता कौन होगा? इस पर सस्पेंस बरकरार है। शुक्रवार को होने वाली विधायक दल की बैठक में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के एक बार फिर नेता चुने जाने की संभावना है। हालांकि पार्टी हाईकमान की नाराजगी के चलते उनके स्थान पर किसी दूसरे नेता को भी चुना जा सकता है। चर्चा है कि चंद्रमोहन बिश्नोई अशोक अरोड़ा और चौधरी आफताब अहमद भी रेस में हैं।

By Anurag Aggarwa Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Tue, 15 Oct 2024 07:57 PM (IST)
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कौन होगा हरियाणा कांग्रेस विधायक दल का नेता?
राज्य ब्यूरो,  चंडीगढ़।  हरियाणा में लगातार हार के कारण तलाश रही कांग्रेस 18 अक्टूबर यानी शुक्रवार को विधायक दल का नेता चुनेगी। कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी 17 अक्टूबर को मुख्यमंत्री का कार्यभार संभालेंगे और उससे अगले दिन कांग्रेस ने विधायक दल का नेता चुनने के लिए चंडीगढ़ में विधायक दल की बैठक बुलाई है।

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य अजय माकन तथा पंजाब में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा कांग्रेस विधायक दल की बैठक में पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद रहेंगे।

हुड्डा फिर हो सकते हैं विधायक दल के नेता

अशोक गहलोत, अजय माकन और प्रताप सिंह बाजवा यह तीनों नेता विधानसभा चुनाव के दौरान हरियाणा में कांग्रेस हाईकमान की ओर से पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किए गए थे।  इन तीनों नेताओं को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का करीबी माना जाता है।

अशोक गहलोत के साथ हुड्डा की मित्रता है, जबकि अजय माकन को हरियाणा से राज्यसभा सदस्य बनवाने के लिए हुड्डा ने पूरा जोर लगा दिया था, लेकिन किरण चौधरी के खेल करने पर माकन हार गए थे।

गहलोत, माकन और बाजवा के पर्यवेक्षक बनने का मतलब साफ नजर आ रहा है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा एक बार फिर कांग्रेस विधायक दल के नेता चुने जा सकते हैं।

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हुड्डा से नाराज है हाईकमान

हुड्डा के कांग्रेस विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद विधानसभा में उनका विपक्ष का नेता बनना तय है, क्योंकि इनेलो के मात्र दो विधायक चुनकर आए हैं और तीन निर्दलीय विधायकों ने पहले ही भाजपा को अपना समर्थन दे दिया है। चर्चा है कि पार्टी की हार के चलते हाईकमान नाराज है, जिस कारण हुड्डा के स्थान पर किसी दूसरे को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना जा सकता है।

कांग्रेस महासचिव एवं सांसद कुमारी सैलजा खेमे की ओर से पंचकूला के नव निर्वाचित विधायक एवं पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम आगे किया जा रहा है, जबकि हुड्डा के नेता नहीं चुने जाने की स्थिति में उनके खेमे से थानेसर के विधायक एवं पूर्व स्पीकर अशोक अरोड़ा तथा नूंह के विधायक एवं कांग्रेस विधायक दल के पूर्व उप नेता चौधरी आफताब अहमद के नाम बढ़ाए जा सकते हैं।

लिस्ट में गीता भुक्कल और बीबी बत्रा का नाम भी शामिल

दलित चेहरे के रूप में झज्जर की विधायक एवं पूर्व मंत्री गीता भुक्कल तथा रोहतक के विधायक एवं कांग्रेस विधायक दल के पूर्व मुख्य सचेतक बीबी बत्रा के नामों को विकल्प के रूप में रखा गया है। चंडीगढ़ स्थित कांग्रेस मुख्यालय में 18 अक्टूबर को दोपहर बाद तीन बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक होगी।

90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 37 विधायक चुनाव जीते हैं, जो कि बहुमत से नौ कम हैं। कांग्रेस की हार के बाद से हुड्डा और दीपेंद्र दोनों निराश हैं और लोगों के बीच नहीं जा रहे हैं। कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा की नाराजगी और करीब एक पखवाड़े तक चुनावी रण में प्रचार नहीं करने को पार्टी की हार का बड़ा कारण माना जा रहा है।

हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया के इस बैठक में भाग लेने की संभावना नहीं है। उन्होंने अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर प्रभारी पद छोड़ने की पेशकश की है, जिससे प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान पर अपना पद छोड़ने का दबाव बढ़ गया है।

12 साल में नहीं बन पाया प्रदेश में  कांग्रेस का संगठन

हरियाणा में कांग्रेस का पिछले 12 साल से संगठन नहीं है। इस अवधि में चार प्रदेश अध्यक्ष काम कर चुके हैं। इनमें डॉ. अशोक तंवर, कुमारी सैलजा और चौधरी उदयभान शामिल हैं।

उनसे पहले फूलचंद मुलाना अध्यक्ष थे, लेकिन उनके कार्यकाल में भी संगठन के नाम पर औपचारिकता निभाई गई। कांग्रेस नेताओं की गुटबाजी के चलते आज तक कांग्रेस अपने जिलाध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष भी तय नहीं कर पाई है।

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