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जातीय जनगणना की मांग को लेकर कांग्रेस का आंदोलन, OBC सेल के कार्यकर्ता कल पैदल मार्च करते हुए पहुंचेंगे राजभवन

कांग्रेसी जातिगत जनगणना और ओबीसी महिलाओं के आरक्षण के लिए कल हरियाणा राजभवन पहुंचेंगे। कांग्रेस ओबीसी सेल की ओर से देश में अखिल भारतीय न्यायिक सेवा व्यवस्था स्थापित करने की भी मांग की जा रही है। कांग्रेस ओबीसी सेल की ओर से सोमवार को चंडीगढ़ स्थित पार्टी कार्यालय से हरियाणा राजभवन तक पैदल मार्च निकाला जाएगा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार देश में जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं।

By Anurag AggarwaEdited By: Himani SharmaUpdated: Sun, 01 Oct 2023 02:33 PM (IST)
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जातिगत जनगणना और ओबीसी महिलाओं के आरक्षण के लिए राजभवन पहुंचेंगे कांग्रेसी
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: देश में जातीय जनगणना कराने तथा ओबीसी महिलाओं को भी आरक्षण के लाभ के दायरे में शामिल किए जाने की मांग को लेकर कांग्रेस बड़ा आंदोलन छेड़ने की तैयारी में है। कांग्रेस ओबीसी सेल अपनी इस मांग को लेकर गांधी जयंती पर दो अक्टूबर को हरियाणा राजभवन में दस्तक देगा। कांग्रेस ओबीसी सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव तथा प्रदेश अध्यक्ष रमेश सैनी प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व करेंगे।

अखिल भारतीय न्‍यायिक सेवा व्‍यवस्‍था स्‍थापित करने की मांग

कांग्रेस ओबीसी सेल की ओर से देश में अखिल भारतीय न्यायिक सेवा व्यवस्था स्थापित करने की भी मांग की जा रही है। कांग्रेस ओबीसी सेल की ओर से सोमवार को चंडीगढ़ स्थित पार्टी कार्यालय से हरियाणा राजभवन तक पैदल मार्च निकाला जाएगा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार देश में जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं। उनकी इस मांग को कांग्रेस ओबीसी सेल ने पूरी मजबूती के साथ उठाने की कार्ययोजना बनाई है।

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जातिगत जनगणना की मांग दशकों पुरानी

भारत में जातिगत जनगणना की मांग दशकों पुरानी है। इसका उद्देश्य अलग-अलग जातियों की संख्या के आधार पर उन्हें सरकारी नौकरियों में आरक्षण देना और जरूरतमंदों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना बताया जाता है।

इससे पहले कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने साल 2010-11 में देशभर में आर्थिक-सामाजिक और जातिगत गणना करवाई थी, लेकिन इसके आंकड़े जारी नहीं किए गए थे। इसी तरह साल 2015 में कर्नाटक में जातिगत जनगणना करवाई गई थी, लेकिन उसके भी आंकड़े कभी सार्वजानिक नहीं किए गए।

बिहार सरकार ने भी जातिगत सर्वेक्षण की करी थी शुरुआत

जातियों की जनसंख्या के मुताबिक आरक्षण की मांग सबसे पहले 1980 के आसपास उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी के नेता कांशीराम ने की थी। दक्षिण भारत की कई पार्टियां इस तरह की जनगणना की मांग करती रही हैं। बिहार सरकार ने भी जातिगत सर्वेक्षण की शुरुआत कराई थी, लेकिन यह मामला फिलहाल कोर्ट में लंबित है।

कैप्टन अजय यादव का कहना है कि जातिगत जनगणना के बाद वास्तविक जरूरतमंद और पात्र लोगों को उनकी हिस्सेदारी का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने एक प्रवेश परीक्षा के माध्यम से अधीनस्थ न्यायालयों हेतु अधिकारियों की भर्ती के लिये अखिल भारतीय न्यायिक सेवा स्थापित करने हेतु एक विधेयक पारित करने का प्रस्ताव दिया था, जो कि लागू नहीं किया जा रहा है।

मह‍िलाओं के लिए होना चाहिए अलग आरक्षण का प्रविधान

स्वतंत्रता के तुरंत बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय पुलिस सेवा की तर्ज पर एक अखिल भारतीय न्यायिक सेवा का प्रविधान था, जो कि अब तक लागू नहीं है। कैप्टन अजय यादव ने कहा कि महिलाओं को राजनीति में आरक्षण अच्छी बात है, लेकिन इसमें भी एससी, एसटी, बीसी और ओबीसी वर्ग की महिलाओं के लिए अलग आरक्षण का प्रविधान होना चाहिये।

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इन सभी मांगों को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता चंडीगढ़ में सोमवार को सुबह 11 बजे पार्टी कार्यालय में इकट्ठा होंगे और वहां से पैदल मार्च करते हुए राजभवन पहुंचेंगे, जहां राज्यपाल को राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा जायेगा। उन्होंने बताया कि पूरे देश में यह आंदोलन खड़ा होगा।

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