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Haryana News: किरण चौधरी के खिलाफ कांग्रेस की याचिका खारिज, जजपा विधायकों की सदस्यता पर सुनवाई करेंगे स्पीकर

कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाली तोशाम की विधायक किरण चौधरी की सदस्यता रद्द करने की कांग्रेस की याचिका खारिज हो गई है। विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि कांग्रेस की याचिका त्रुटियों से भरी थी। वहीं जजपा के विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा और जोगी राम सिहाग के विरुद्ध दायर याचिका पर सुनवाई होगी। दोनों जजपा विधायकों को चार सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रखना होगा।

By Anurag Aggarwa Edited By: Rajiv Mishra Updated: Tue, 23 Jul 2024 12:12 PM (IST)
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कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गई थीं किरण चौधरी (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में राज्यसभा की एक सीट के लिए होने वाले चुनाव से पहले विधानसभा स्पीकर ने दो अहम फैसले लिए हैं। स्पीकर ने कांग्रेस की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें तोशाम की विधायक किरण चौधरी के भाजपा में शामिल हो जाने के बाद उनकी विधानसभा से सदस्यता रद्द करने की मांग की गई थी।

इससे पहले कांग्रेस ने स्पीकर को सदस्यता रद्द करने के लिए नोटिस दिया था। स्पीकर ने कहा है कि कांग्रेस की याचिका त्रुटियों से भरी थी। याचिका विधानसभा के ‘दल-बदल के आधार पर सदस्यों की अयोग्यता नियम 1986’ की कसौटियों पर खरी नहीं उतरी, जिस कारण उसे निरस्त कर दिया गया।

जजपा के विधायकों को अपना पक्ष रखने को कहा

विधानसभा सचिवालय ने सोमवार को स्पीकर के इस फैसले से कांग्रेस नेताओं को अवगत करवा दिया है। दूसरी तरफ, विधानसभा स्पीकर ने जननायक जनता पार्टी के दो विधायकों की विधानसभा से सदस्यता रद्द करने की मांग संबंधी याचिका पर सुनवाई करने का फैसला लिया है।

याचिका में नरवाना के जजपा विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा और बरवाला के विधायक जोगी राम सिहाग की विधानसभा से सदस्यता रद्द करने की मांग की गई है।

जजपा ने दोनों विधायकों पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने तथा भाजपा को समर्थन देने का आरोप लगा रखा है। दोनों जजपा विधायकों और विधायक दल के नेता को चार सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रखने को कहा गया है।

कांग्रेस ने की थी किरण चौधरी की सदस्यता रद्द करने की मांग

विधानसभा सचिवालय की ओर कांग्रेस नेताओं को बताया गया कि किरण चौधरी की सदस्यता रद्द करने के संबंध में दायर याचिका पर याचिकाकर्ताओं के हस्ताक्षर और सत्यापित नहीं है। यदि याचिका नियम छह की अपेक्षाओं का अनुपालन नहीं करती है, तो अध्यक्ष याचिका को खारिज कर सकते हैं।

याचिका के प्रत्येक अनुलग्नक पर याचिकाकर्ता द्वारा हस्ताक्षर किए जाने अनिवार्य होते हैं, लेकिन कांग्रेस की ओर से याचिकाकर्ताओं ने एक भी अनुलग्नक पर हस्ताक्षर नहीं किए।

विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक भारत भूषण बत्रा और विधायक दल के उप नेता आफताब अहमद ने 19 जून को विधायक किरण चौधरी की सदस्यता रद्द करने की मांग को लेकर पहले नोटिस भेजा था।

उसके छह दिन बाद उन्होंने एक रिमाइंडर भेजा। फिर 11 जुलाई को याचिका दायर कर किरण चौधरी की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी।

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जजपा विधायकों के खिलाफ याचिका पर होगी सुनवाई

जजपा के दो विधायकों के विरुद्ध याचिका पार्टी के कार्यालय सचिव रणधीर सिंह की ओर से दायर की गई थी। स्पीकर के अनुसार हालांकि याचिका हरियाणा विधानसभा (दल-बदल के आधार पर सदस्यों की अयोग्यता) नियम 1986 के नियम छह की अपेक्षा पर खरा नहीं उतरती।

इसके बावजूद स्पीकर ने सर्वोच्च न्यायालय के एक निर्णय के आधार पर याचिका पर सुनवाई करने का निर्णय लिया है। ‘उड़ीसा विधानसभा के अध्यक्ष बनाम उत्कल केशरी परिदा’ मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने यह व्यवस्था दी है कि न केवल सदन का सदस्य, बल्कि कोई भी इच्छुक व्यक्ति, इस तथ्य को विधानसभा अध्यक्ष के ध्यान में लाने का हकदार है कि सदन का कोई सदस्य भारत के संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत अयोग्य होना अपेक्षित है।

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