कुलदीप बिश्नोई का कांग्रेस से फिर 'अलगाव', क्रास वोटिंग पर पार्टी के सभी पदोंंसे हटाया गया, विधायकी पर भी खतरा
राज्यसभा चुनाव में क्रास वोटिंग करनेवाले कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ कांग्रेस ने बड़ी कार्रवाई की है। कांग्रेस ने उनको पार्टी के सभी पदों से हटा दिया गया है। पार्टी उनकी हरियाणा विधानसभा की सदस्यता समाप्त करने को स्पीकर को पत्र लिखेगी।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Sun, 12 Jun 2022 08:40 AM (IST)
चंडीगढ़, जेएनएन। Kuldeep Bishnoi : हरियाणा में राज्यसभा चुनाव में क्रास वोटिंग करने का कुलदीप बिश्नोई को खामियाजा भुगतान करना पड़ सकता है। कांग्रेस ने कुलदीप को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया गया है। इसके साथ ही कुलदीप की हरियाणा विधानसभा की सदस्यता रद कराने के लिए स्पीकर को पत्र लिखा जा सकता है। उनको कांग्रेस कार्यसमिति से भी हटा दिया गया है।
हरियाणा स्पीकर को पत्र लिखेगी पार्टी, कांंग्रेस कार्यसमिति की सदस्यता से भी हटाया गयाबता दें कि इससे पहले कांग्रेस सूत्रों की ओर से बताया गया था कि कुलदीप बिश्नाेई को पार्टी से निलंबित किया गया जाएगा। उनकी विधानसभा की सदस्यता रद करने के लिए स्पीकर को पत्र भी लिखा जाएगा। लेकिन, शाम को कांग्रेस ने कुलदीप को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। इसके साथ ही उनको पार्टी के सभी पदों और कांग्रेस कार्यसमिति से हटा दिया गया है। वह कार्यसमिति के विशेष आमंत्रित सदस्य थे।
दरअसल आदमपुर के विधायक कुलदीप बिश्नोई एक बार फिर अपनी पार्टी से बागी हो गए थे। कुलदीप बिश्नोई के लिये पार्टी से ऊपर उनकी अंतर आत्मा की आवाज रही। राज्यसभा चुनाव में उन्होंने पार्टी हाईकमान के दिशा-निर्देशों को हवा में उड़ाते हुए अपनी आत्मा की आवाज पर वोट डाला। सुबह-सुबह वोट डालने के बाद कुलदीप दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
Kuldeep Bishnoi, who cross-voted in Rajya Sabha polls in Haryana, will be removed from membership of CWC (Special Invitee) & will be suspended from the party. A letter will also be written to the Speaker to get his Membership cancelled from Assembly: Congress Sources
(File pic) pic.twitter.com/hBBzRgy5Oa
— ANI (@ANI) June 11, 2022
अपनी रवानगी से पहले उन्होंने स्वीकार किया कि राज्यसभा चुनाव में अंतर आत्मा की आवाज पर वोटिंग की गई है। कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल समेत अन्य पार्टी नेताओं ने स्पष्ट संकेत दिये कि कुलदीप ने कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन को वोट न देकर भाजपा-जजपा गठबंधन के निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा को अपना वोट दिया।
कुलदीप बिश्नोई की इस खुली बगावत का पता चलने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार शाम को उनके साथ होने वाली अपनी मुलाकात को रद कर दिया। कुलदीप उनसे मुलाकात के लिए पिछले काफी समय से समय मांग रहे थे, लेकिन राहुल गांधी की ओर से उन्हें संदेश दिया गया था कि पहले वह कांग्रेस के पक्ष में मतदान करें, उसके बाद दिल्ली में मुलाकात होगी।जब राहुल गांधी को यह जानकारी मिली की कुलदीप बिश्नोई की गाड़ी पार्टी लाइन से नीचे उतर गई है तो उन्होंने कुलदीप से मिलने से इन्कार कर दिया है। हालांकि इस मुलाकात के रद होने के बाद कुलदीप के प्रवक्ता मोहित ने दावा किया कि राहुल गांधी के साथ उनके नेता की कोई मुलाकात पहले से तय नहीं थी, इसलिए उसके रद होने या न होने का कोई मतलब नहीं है।
कुलदीप बिश्नोई अपने विवादित फैसलों को लेकर शुरू से चर्चाओं में रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे कुलदीप हिसार व भिवानी से सांसद रह चुके हैं। उनकी माता जसमा देवी आदमपुर से और पत्नी रेणुका बिश्नोई हांसी से विधायक रहीं।वह खुद फिलहाल आदमपुर से विधायक हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उनके बेटे भव्य बिश्नोई को हिसार लोकसभा सीट से चुनाव लड़वाया था, लेकिन वहां भाजपा के टिकट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के आइएएस बेटे बृजेंद्र सिंह की जीत हुई थी। कुलदीप ने राज्यसभा चुनाव में क्रास वोट कर अपनी अलग राजनीतिक 'राह' पकड़ने का संकेत दे दिया है।
अजय माकन को कांग्रेस प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से ही कुलदीप बिश्नोई लगातार 'बागी' तेवर अपनाए हुए थे। उनकी नाराजगी चौधरी उदयभान को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर है। वह खुद प्रदेशाध्यक्ष बनना चाहते थे। कुलदीप बिश्नोई का दावा है कि राहुल गांधी ने उन्हें यह भरोसा दिलाया था, लेकिन जब वह उनसे जवाब मांगने के लिए समय मांग रहे थे तो उन्हें समय नहीं दिया गया।हुड्डा को सीएम बनाने के खिलाफ अलग पार्टी बना चुके कुलदीपराज्यसभा चुनाव में क्रास वोटिंग का दाग अपने कपड़ों पर लगवाने के बाद कांग्रेस में कुलदीप बिश्नोई की मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं। यह पहला मौका नहीं है जब कुलदीप ने इस तरह का राजनीतिक फैसला लिया है। अपने राजनीतिक फैसलों को लेकर कुलदीप अकसर विवादों में ही रहे हैं।
2005 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मुख्यमंत्री बनने के विरोध में दिसंबर 2007 में कुलदीप कांग्रेस से अलग हो गए थे और उन्होंने रोहतक में रैली कर हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) का गठन किया था। 2009 के विधानसभा चुनाव में कुलदीप सहित उनकी पार्टी के छह उम्मीदवार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहे।उस समय भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को 40 सीटों पर जीत हासिल हुई। यह स्थिति कुलदीप के लिए काफी फायदेमंद थी। कांग्रेस नेतृत्व ने उस समय कुलदीप को अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करने की स्थिति में कई तरह के विकल्प भी दिए थे, लेकिन कुलदीप की मांग इतनी मोटी थी कि वह पार्टी ने पूरी करना उचित नहीं समझा।
इसके नतीजे यह रहे कि कुलदीप के पांच विधायक उन्हें छोड़कर कांग्रेस में विलय कर गए। इसके बाद 2014 के विधानसभा चुनाव में हजकां को महज दो सीटों पर जीत हासिल हुई। कुलदीप खुद आदमपुर और उनकी पत्नी रेणुका बिश्नाई हांसी से चुनाव जीतीं। इसके बाद 28 अप्रैल 2016 को कुलदीप ने अपनी पार्टी हजकां का कांग्रेस में विलय कर दिया।खुद की वजह से किसी दल में नहीं गली कुलदीप की दालहजकां के अस्तित्व के दौरान कुलदीप बिश्नोई ने उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम कुमारी मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से गठबंधन किया लेकिन उनकी खुद की वजह से ही यह गठबंधन कुछ दिनों में ही टूट गया। इसके बाद कुलदीप ने भाजपा के साथ भी समझौता किया लेकिन यह भी लंबा नहीं चल पाया। उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा की हरियाणा जनचेतना पार्टी के साथ हजकां का गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन इसके नतीजे भी अच्छे नहीं रहे।
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