Haryana Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव के नतीजों ने लिखी विधानसभा इलेक्शन की पटकथा, समझिए पूरा सियासी समीकरण
हरियाणा में लोकसभा चुनाव के परिणाम काफी दिलचस्प रहे। लोकसभा चुनाव के रिजल्ट में कांग्रेस को पांच और बीजेपी को पांच सीटों पर जीत हासिल हुई। इनेलो और जजपा को एक भी सीट नहीं मिली। वहीं लोकसभा चुनाव के इन नतीजों से विधानसभा चुनाव का सियासी आकलन लगाया जा रहा है। साल 2019 में बीजेपी ने 10 लोकसभा सीटों के 79 विधानसभा क्षेत्रों में जीत का परचम लहराया था।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में 10 लोकसभा सीटों के चुनाव नतीजे इसी साल अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव की पटकथा लिखते दिखाई दे रहे हैं। पिछले चुनाव में राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटें जीतने वाली भाजपा इस बार जहां पांच लोकसभा सीटों पर सिमट गई है, वहीं कांग्रेस ने भाजपा से पांच सीटें छीनते हुए अपनी झोली में डाल ली हैं।
प्रदेश में विधानसभा सीटों की संख्या 90 है। भाजपा ने 10 लोकसभा सीटों की जीत के साथ राज्य के 79 विधानसभा क्षेत्रों में जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार पांच लोकसभा सीटें जीतते हुए उसकी बढ़ती 44 विधानसभा सीटों तक सिमटकर रह गई है। पिछले चुनाव में कांग्रेस को 10 और जननायक जनता पार्टी (जजपा) को केवल एक ही हलके में जीत हासिल हुई थी।
कांग्रेस के लिए लोकसभा चुनाव के नतीजे काफी संभावनाओं से भरे नजर आ रहे हैं। कांग्रेस ने इस बार पांच लोकसभा सीटें जीतते हुए 46 विधानसभा क्षेत्रों में जीत हासिल की है। 90 सदस्यीय विधानसभा में हालांकि भाजपा व कांग्रेस की बढ़त वाली विधानसभा सीटों का अंतर बहुत अधिक नहीं है, लेकिन जिस तरह से पिछले चुनाव की अपेक्षा इस बार भाजपा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है, उसे देखकर कहा जा सकता है कि भाजपा को तीसरी बार सत्ता में आने और कांग्रेस को करीब 10 साल बाद सत्ता में वापसी करने के लिए अपनी पुरानी रणनीतियों में बदलाव करना पड़ सकता है।
करनाल में ही कर पाई कमाल
भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि घर बैठे पुराने व समर्पित कार्यकर्ता को सत्ता व संगठन के द्वार तक लाना होगा, जबकि कांग्रेस के रणनीतिकार पार्टी की एकजुटता को भविष्य में जीत का आधार मानकर चल रहे हैं। पिछले लोकसभा चुनावों में भाजपा ने छह लोकसभा सीटों पर एकतरफा प्रदर्शन करते हुए उनके अंतर्गत आने वाले सभी 54 विधानसभा सीटों में जबरदस्त तरीके से जीत हासिल की थी। एक लोकसभा में औसतन नौ विधानसभा क्षेत्र आते हैं। लोकसभा की 10 सीटों में से इस बार भाजपा केवल करनाल में ही ऐसा प्रदर्शन कर पाई है। यानी भाजपा ने वहां सभी नौ विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की।
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वोटों के इस समीकरण को समझना जरूरी
खास बात यह है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में 79 विधानसभा हलकों में लीड लेने के बाद भी पांच माह बाद हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा 40 सीटों पर सिमट गई थी, जबकि 10 हलकों में लीड लेने वाली कांग्रेस ने 31 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। केवल एक हलके नारनौंद से लीड लेने वाली पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की जजपा ने विधानसभा चुनावों में 10 सीटों पर जीत हासिल की थी।
सिरसा और रोहतक की सभी 18 सीटों पर कांग्रेस जीती
कांग्रेस ने दो संसदीय क्षेत्रों सिरसा व रोहतक में एकतरफा जीत दर्ज की है। यानी इन दोनों संसदीय क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले सभी 18 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को लीड हासिल हुई है। चौटाला परिवार की दोनों पार्टियों इनेलो व जजपा को इस बार के लोकसभा चुनाव में एक भी विधानसभा क्षेत्र में लीड नहीं मिल पाई है।
दोनों ही पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त कराने से नहीं रोक सके हैं। ग्रामीण इलाकों में भाजपा को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। हालांकि कुछ शहरों में भी भाजपा को मामूली डेंट लगा है। लेकिन इस लोकसभा चुनाव में शहरी मतदाता ही भाजपा की ताकत बनकर सामने आए हैं।
रोहतक, गुड़गांव, हिसार व सोनीपत के 25 हलकों में भी आगे रही थी भाजपा
पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, सिरसा, भिवानी-महेंद्रगढ़ व फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले सभी विधानसभा क्षेत्रों में लीड हासिल की थी। इन छह संसदीय सीटों के अंतर्गत 54 विधानसभा सीटें आती हैं, जिन पर भाजपा ने एकतरफा जीत हासिल की थी। बाकी के चार संसदीय क्षेत्रों रोहतक, गुड़गांव, हिसार व सोनीपत के अंतर्गत आने वाले 36 हलकों में से भाजपा 25 में आगे रही थी।
हिसार के नारनौंद हलके से जजपा के दुष्यंत चौटाला ने लीड हासिल की थी। रोहतक में उस समय कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने पांच महम, गढ़ी-सांपला-किलोई, बादली, बेरी व झज्जर, सोनीपत में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दो हलकों बरौदा व खरखौदा तथा गुड़गांव में कैप्टन अजय सिंह यादव ने तीन हलकों नूंह, पुन्हाना व फिरोजपुर-झिरका में जीत हासिल की थी।
इस बार भाजपा व कांग्रेस का हलकावार यह रहा समीकरण
इस बार के लोकसभा चुनाव में भिवानी-महेंद्रगढ़ संसदीय क्षेत्र में भाजपा ने छह और कांग्रेस ने तीन, गुड़गांव में भाजपा ने छह और कांग्रेस ने तीन तथा फरीदाबाद में कांग्रेस ने तीन और भाजपा ने छह विधानसभा हलकों में लीड ली है। अंबाला में भाजपा ने चार और कांग्रेस ने पांच, कुरुक्षेत्र में भाजपा ने पांच और आइएनडीआइए गठबंधन ने चार, सोनीपत में भाजपा ने पांच और कांग्रेस ने चार तथा हिसार में भाजपा ने तीन और कांग्रेस ने छह विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है।