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Haryana: लायन सेंचुरी की तर्ज पर बनेगा प्रदेश में बनेगा गो अभ्यारण्य, राज्य सरकार ने ग्राम पंचायतों से मांगे प्रस्ताव

हरियाणा सरकार जल्द ही पंचायतों की जमीन पर काऊ सेंचुरी बनाने की बात कह रही है। इसे पूरे देश- विदेश के विभिन्न शहरों में लायन सेंचुरी की तर्ज पर बनाया जाएगा। जहां काऊ सेंचुरी में गायों के लिए चारे से लेकर पानी और पौष्टिक आहार की पूरी व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार ने ग्राम पंचायतों से प्रस्ताव मांगे गए हैं।

By Anurag Aggarwa Edited By: Deepak SaxenaUpdated: Fri, 05 Jan 2024 06:05 PM (IST)
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लायन सेंचुरी की तर्ज पर बनेगा प्रदेश में बनेगा गो अभ्यारण्य।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा की भाजपा सरकार प्रदेश में एक नया प्रयोग करने जा रही है। इसके तहत राज्य में पंचायतों की जमीन पर काऊ सेंचुरी (गो अभ्यारण्य) बनाए जाएंगे। यह काऊ सेंचुरी ठीक उसी तरह की होगी, जिस तरह देश-विदेश के विभिन्न शहरों में लायन सेंचुरी होती है। काऊ सेंचुरी में गायों को न केवल स्वतंत्र, स्वच्छंद और प्राकृतिक माहौल मिलेगा, बल्कि उनके लिए अंदर ही चारे से लेकर पानी तथा पौष्टिक आहार की पूरी व्यवस्था रहेगी। राज्य में यह काऊ सेंचुरी जिला प्रशासन और धार्मिक व सामाजिक संगठनों के सहयोग से मिलकर तैयार की जाएगी। औद्योगिक संगठन भी इनके निर्माण से लेकर उन्हें चलाने तक के काम में भागीदार बन सकते हैं।

प्रदेश में सड़कों पर घूम रहे बेसहारा गोवंश को सुरक्षित ठिकाना देने तथा सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने की मंशा से राज्य सरकार गो अभ्यारण्यों का निर्माण करने जा रही है। इसके लिए पंचायतों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। ग्राम पंचायतों को गोचरान या अपने अधिकार क्षेत्र की किसी भी जमीन पर काऊ सेंचुरी बनाने के लिए जमीन देने के प्रस्ताव पास करने होंगे। पहली प्राथमिकता गोचरान की भूमि पर काऊ सेंचुरी बनाने के लिए प्रस्ताव पास करने को दी जाएगी।

100 से 150 एकड़ जमीन में काऊ सेंचुरी बनाने की योजना है, जिससे गायों को इनमें प्राकृतिक माहौल मिल सके। इनमें हर नस्ल की गायें, बछड़े-बछडियां और नंदी होंगे। प्राथमिकता उस गोवंश को रखने में दी जाएगी, जो सड़कों पर बेसहारा घूम रहा है। इसके बाद यदि लोग चाहेंगे तो वह भी अपने गोवंश को इनमें छोड़ सकते हैं या फिर जिन गोशालाओं में अधिक गोवंश है, उसे इन गो अभ्यारण्यों में शिफ्ट किया जा सकता है।

गोशालाओं के निर्माण में राज्य सरकार करेगी मदद

राज्य में जब तक काऊ सेंचुरी नहीं बनती, तब तक नई गोशालाओं के निर्माण पर जोर रहेगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में नई गोशालाओं के निर्माण पर विस्तृत चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने भाजपा विधायकों से कहा कि वे औद्योगिक, धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं से संपर्क कर उन्हें नई गोशालाओं के निर्माण तथा संचालन के लिए तैयार करें। नई गोशालाओं का निर्माण भी पंचायतों की गोचरान अथवा खाली दूसरी जमीन पर कराया जा सकेगा। इन गोशालाओं के निर्माण में राज्य सरकार आर्थिक सहयोग देगी।

हरियाणा गोसेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण गर्ग के अनुसार 100 गायों को रखने के लिए बनाई जाने वाली गोशाला के निर्माण में राज्य सरकार 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद देगी, जबकि एक हजार गायों के रखने के लिए बनने वाली गोशाला के निर्माण में एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद देने की योजना है।

बछड़े-बछड़ी के लिए प्रतिदिन 20 रुपये, गाय के लिए 30 रुपये तथा नंदी के लिए 40 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से खुराक भत्ता गोशालाओं को मिलेगा। 100 गायों को रखने के लिए कम से कम पौने एकड़ की गोशाला बननी जरूरी है, जबकि एक हजार गायों को रखने के लिए साढ़े सात एकड़ जमीन होनी प्रस्तावित है। इसके अलावा 100 गायों के चारे के इंतजाम के लिए डेढ़ एकड़ जमीन अलग से होने की अनिवार्यता रखी गई है।

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जिला उपायुक्तों के माध्यम से आवंटित होंगी गोशाला

गोसेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण गर्ग के अनुसार जो पंचायतें अपने यहां गोशालाओं के लिए जमीन देना चाहेंगी, उन्हें ग्राम पंचायत में प्रस्ताव पारित करने के बाद इसकी सूचना जिला उपायुक्तों को देनी होगी। इसके अलावा जो औद्योगिक-सामाजिक और धार्मिक संस्थाएं इन गोशालाओं का संचालन करना चाहती हैं। उन्हें भी जिला उपायुक्त के पास अनुरोध पत्र देना होगा। फिर जिला उपायुक्त तय करेंगे कि किस ग्राम पंचायत की जमीन किस धार्मिक संस्था को गोशाला संचालन के लिए दी जानी प्रस्तावि होगी।

गर्ग ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सोच है कि राज्य में एक भी गोवंश सड़क पर नहीं रहना चाहिए। इनकी जगह गोशालाओं और काऊ सेंचुरी में होगी। इस कार्य में विधायकों से सहयोग मांगा गया है, जिससे वह अपने-अपने क्षेत्र की ग्राम पंचायतों के साथ ही धार्मिक, औद्योगिक व सामाजिक संस्थाओं को भी आगे ला सकें।

प्रदेश की 665 गोशालाओं में फिलहाल पांच लाख गोवंश

हरियाणा में इस समय 665 गोशालाओं का संचालन हो रहा है, जिनका रिकार्ड राज्य सरकार के पास दर्ज है। इन गौशालाओं में करीब 5 लाख गौवंश मौजूद है। गौशालाओं में गायों की संख्या के आधार पर सरकार गौशालाओं को साल में दो बार अनुदान प्रदान करती है। पिछले साल मई-जून में 40 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान किया गया था, जबकि इस साल जनवरी में 40 करोड़ रुपये का अनुदान गोशालाओं के पास पहुंचाने की तैयारी है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधायकों से कहा है कि सरकार की ओर से भेजे जाने वाले अनुदान को गोशालाओं तक पहुंचाना सुनिश्चित करें। इसके लिए जिला उपायुक्तों के साथ भी संपर्क साधा जाए। चेयरमैन श्रवण गर्ग के अनुसार फिलहाल करीब एक लाख गोवंश ऐसा है, जो सड़कों पर घूम रहा है। नई गोशालाओं के निर्माण के बाद यह गोवंश सड़कों पर घूमता दिखाई नहीं देगा और हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य होगा, जहां सड़कें बेसहारा पशु मुक्त दिखाई देंगी।

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