Haryana: विधानसभा में खुली चर्चा के बाद ही पास होगा मृत शरीर सम्मान विधेयक, सीएम मनोहर लाल ने कहा- 'सभी विधायकों की सहमति जरूरी'
हरियाणा सीएम मनोहर लाल ने मृत शरीर सम्मान विधेयक 2023 के विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश करने की बात कही है। उन्होंने मृत शरीर सम्मान विधेयक में बदलाव के भी निर्देश दे सकते हैं। विधानसभा में खुली चर्चा के बाद ही मृत शरीर सम्मान विधेयक पास होगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा ने कहा कि सहमति नहीं बन पाई तो बिल स्थगित कर देंगे।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि मृत शरीर सम्मान विधेयक 2023 विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। विधानसभा में पेश होते ही विधेयक राज्य के 90 विधायकों की प्रॉपर्टी हो जाता है। इस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक चर्चा करेंगे। चर्चा के उपरांत जो भी सहमति बनेगी, उसी हिसाब से मृत शरीर सम्मान विधेयक में बदलाव किए जा सकते हैं। अभी यह नहीं कहा जा सकता कि विधानसभा में पेश होने के तुरंत बाद यह बिल स्वीकार हो जाएगा। यदि विधायकों में सहमति नहीं बन पाती है तो इस बिल को स्थगित भी किया जा सकता है।
हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार किए गए मृत शरीर सम्मान विधेयक 2023 में कई तरह के प्राविधान हैं। यह बिल मृत व्यक्ति का शव सड़क पर रखकर कई दिनों तक प्रदर्शन करने की प्रवृत्ति बंद करने, मृत व्यक्ति का सम्मान बनाए रखने तथा शव के साथ सड़क पर बैठकर प्रदर्शन करने वालों की वजह से आम लोगों को होने वाली परेशानी को खत्म करने के इरादे से विधानसभा में लाया जा रहा है। बिल में यह भी प्राविधान रखा गया है कि यदि किसी व्यक्ति का निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है और इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो जाती है तो शव प्राप्त करने के लिए बिल का भुगतान जरूरी है, क्योंकि कोई डॉक्टर कभी यह नहीं चाहता कि उसका मरीज स्वस्थ न हो।
डॉक्टर अपने मरीज को बचाने के लिए करते पूरा प्रयास
डॉक्टर अपने मरीज को बचाने तथा उसे उत्तम से उत्तम इलाज देने के लिए पूरा प्रयास करते हैं। लाख प्रयासों के बावजूद भी यदि इलाज प्राप्त करने वाले व्यक्ति का जीवन नहीं बच पाता तो यह डॉक्टर की गलती नहीं है। इसका नुकसान निजी अस्पतालों, उसके पूरे स्टाफ अथवा कर्मचारियों तथा इलाज में लगने वाली दवाइयों और उपकरणों के रूप में सामने नहीं आना चाहिए।
प्रदेश सरकार का उद्देश्य बेहद सकारात्मक
मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अनुसार मृत शरीर सम्मान विधेयक 2023 पर जब विधानसभा में चर्चा होगी तो सभी विधायकों की राय का सम्मान किया जाएगा। दूसरी तरफ, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) हरियाणा चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. अजय महाजन का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किया जाने वाला मृत शरीर सम्मान विधेयक 2023 सिर्फ डॉक्टरों के कार्य को लेकर लक्षित नहीं है। प्रदेश सरकार का उद्देश्य बहुत ही सकारात्मक है।
राज्य सरकार ने इस बिल को तैयार करते समय यह ध्यान में रखा कि मरने के बाद मृत शरीर का सम्मान बरकरार रहे, मृत शरीर के साथ खिलवाड़ न हो पाए और सड़कें जाम होने की स्थिति में लोगों को परेशानी न हो, लेकिन कुछ लोगों ने इस बिल को ऐसे बनाकर पेश कर दिया कि जैसे सरकार सिर्फ डॉक्टरों को टारगेट कर रही है, जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।
हर डॉक्टर देता है अपना सर्वश्रेष्ठ
डॉ. अजय महाजन ने बताया कि कभी कोई अस्पताल या डॉक्टर नहीं चाहता कि उसके अस्पताल में कोई अनहोनी हो। जीवन भगवान के हाथों में होता है। हमेशा हर डॉक्टर अपना सर्वश्रेष्ठ देता है। यदि दुर्भाग्यवश किसी अस्पताल में कोई अनहोनी हो भी जाए तो इसकी जांच के लिए हर जिले में मेडिकल बोर्ड काम करता है। उस मेडिकल बोर्ड की जांच रिपोर्ट के आधार पर ही पुलिस में रिपोर्ट दर्ज हो सकती है। पुलिस को भी यह अधिकार नहीं है कि वह ऐसे मामलों में सीधे एफआईआर दर्ज कर ले। इसलिए मृत शरीर सम्मान विधेयक 2023 के प्रविधानों का लाभ पूरे समाज को सामूहिक रूप से मिलना है।
उन्होंने बताया कि किसी अस्पताल में यदि कोई हादसा हो जाए तो उसकी सजा वहां उपचारित बाकी मरीजों व उनके परिजनों को क्यों मिलनी चाहिए। ऐसी सकारात्मक सोच भी मरीजों के परिजनों को रखनी होगी।