Haryana News: क्या कद्दावर नेताओं की वजह से कांग्रेस के लिए उम्मीदवार घोषित करना हो रहा चुनौती? पढ़ें पूरी जानकारी
हरियाणा में आगामी 25 मई को मतदान होना है। लेकिन कांग्रेस के लिए लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार घोषित करना आसान नहीं बन रहा। भूपेंद्र हुड्डा गुट की पसंद को खारिज करने में सैलजा-सुरजेवाला और किरण की तिकड़ी जुट गई है। जबकि भाजपा से कांग्रेस में आए पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह तटस्थ दिखाई दे रहे हैं। पार्टी में फिलहाल असमंजस की स्थिति दिख रही है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। (Haryana Lok Sabha Election Hindi News) हरियाणा की नौ लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार घोषित करना कांग्रेस हाईकमान के गले की फांस बन गया है। तीन लोकसभा सीट रोहतक, अंबाला और सिरसा को छोड़कर किसी भी लोकसभा सीट (Lok Sabha Chunav) पर उम्मीदवारों के नाम को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) और सैलजा-रणदीप-किरण (एसआरके) गुट में सहमति नहीं बन पा रही है।
कांग्रेस (Haryana Congress) की गुटबाजी को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह (Birendra Singh) ने अभी पत्ते नहीं खोले हैं। वह दोनों गुटों को भरोसे में लेकर चल रहे हैं। भिवानी से अपनी बेटी पूर्व सांसद श्रुति चौधरी का टिकट कटने की भनक लगने पर कांग्रेस विधायक दल की पूर्व नेता किरण चौधरी ने मंगलवार को नई दिल्ली में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। श्रुति चौधरी भी उनके साथ थी।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की ओर से भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट ((Bhiwani-Mahendragarh Lok Sabha seat)के लिए महेंद्रगढ़ के विधायक राव दान सिंह का नाम टिकट के लिए आगे किया जा रहा है। लेकिन एसआरके गुट चाहता है कि श्रुति चौधरी को ही यहां से टिकट मिलना चाहिए।
श्रुति चौधरी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बंसीलाल की पौत्री हैं। हालांकि श्रुति लगातार दो चुनाव हार चुकी हैं, लेकिन फिर भी बंसीलाल और किरण चौधरी के प्रभाव के चलते एसआरके गुट श्रुति चौधरी की टिकट पर अड़ा हुआ है। करनाल लोकसभा सीट पर अलग से विवाद छिड़ा हुआ है।
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आइएनडीआइए गठबंधन (INDI Alliance) में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अपने नेता मराठा वीरेंद्र वर्मा के लिए कांग्रेस से यह सीट मांग रही है। मराठा ने कुछ दिन पहले नई दिल्ली में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से भी मुलाकात की थी। कांग्रेस हाईकमान यह सीट एनसीपी को देने के लिए तैयार बताया जाता है।
लेकिन हुड्डा गुट नहीं चाहता कि करनाल लोकसभा सीट एनसीपी को दी जाए। आइएनडीआइए गठबंधन के सहयोगी के नाते आम आदमी पार्टी को कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पहले ही दी जा चुकी है, जहां से आप के प्रदेश अध्यक्ष डा. सुशील गुप्ता चुनाव लड़ रहे हैं।कांग्रेस के राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि नौ लोकसभा सीटों के उम्मीदवारों के नाम घोषित करने को लेकर पार्टी में जिस तरह सिर फुटौवल की स्थिति बनी हुई है, उससे टिकट घोषित होने के बाद उम्मीदवारों के चुनाव प्रचार पर जबरदस्त विपरीत असर पड़ना तय है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद और मधुसूदन मिस्त्री के नेतृत्व ने पार्टी हाईकमान ने तीन दिन पहले एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर टिकटों का विवाद खत्म करने की पहल की थी, लेकिन खुर्शीद और मिस्त्री के नेतृत्व वाली कमेटी भी हरियाणा के कांग्रेसियों की गुटबाजी को खत्म करने में कामयाब नहीं हो सके हैं।उन्होंने संभावित उम्मीदवारों की एक लिस्ट बनाकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सौंप दी है, जिस पर सहमति बनी थी कि यदि अध्यक्ष चाहेंगे तो बिना केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के ही इसे जारी किया जा सकता है। बताया जाता है कि मंगलवार को खरगे का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण इस लिस्ट पर कोई चर्चा नहीं हो सकी।
केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक भी इसीलिए टाल दी गई थी, लेकिन जब किरण चौधरी (Kiran Chaudhary) को यह भनक लगी कि लिस्ट में श्रुति चौधरी का नाम नहीं है तो वह सीधे दिल्ली पहुंच गई। किरण चौधरी की पुरानी हिस्ट्री है कि हुड्डा सरकार में जब मंत्रिमंडल से उनका मंत्रालय छीन लिया गया था को कुछ घंटों के बाद ही वह उसे वापस कराने में कामयाब हो गई थी।
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