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Haryana Election 2024: अधूरी रह गई राहुल गांधी की चाह, कांग्रेस चली हुड्डा की राह; AAP ने उतारे 20 प्रत्याशी

Haryana Election 2024 हरियाणा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में गठबंधन के लिए बात नहीं बन पाई। राहुल गांधी प्रदेश में आप और सपा से गठबंधन चाहते थे लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा इसके खिलाफ थे। गठबंधन नहीं होने पर आप ने 20 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। आप नेता सुशील गुप्ता ने कहा कि हम सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।

By Jagran News Edited By: Rajiv Mishra Updated: Tue, 10 Sep 2024 07:39 AM (IST)
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Haryana Assembly Election 2024: राहुल गांधी की इच्छा के बावजूद AAP-कांग्रेस में नहीं हो सका गठबंधन
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच गठबंधन नहीं हो सका। सीटों के बंटवारे पर बात नहीं बनने पर आम आदमी पार्टी ने सोमवार को 20 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी।

पहली सूची में आप के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता का नाम शामिल नहीं है, जबकि वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा कैथल जिले की कलायत विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। इस सूची में भाजपा अथवा कांग्रेस के किसी असंतुष्ट नेता का भी नाम नहीं है। सूची जारी करते हुए आप के प्रदेशाध्यक्ष व अन्य वरिष्ठ नेताओं ने कहा है कि वे कांग्रेस के फैसले का ज्यादा इंतजार नहीं कर सकते थे।

राहुल के चाहने के बावजूद हो सका गठबंधन

बता दें कि गठबंधन की गांठ तब नहीं बंध सकी जबकि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन चाहते थे। लेकिन प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहले दिन से इस गठबंधन के विरुद्ध थे। इस तरह, राहुल गांधी की इच्छा अधूरी रह गई और गठबंधन पर हुड्डा की ही चली।

'पार्टी सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार तय कर देगी'

आप प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने सुबह ही कह दिया था कि यदि समय रहते कांग्रेस ने गठबंधन पर स्थिति साफ नहीं की तो उनकी पार्टी सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार तय कर देगी। इस बीच हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया व आप के राघव चड्ढा के बीच कई दौर वार्ता हुई। चड्ढा ने सकारात्मक माहौल की बात भी कही।

राहुल इसलिए चाहते थे आप-सपा से गठजोड़

राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी दोनों ही आइएनडीआईए गठबंधन का हिस्सा हैं। लोकसभा चुनाव में सीटों का बंटवारा इन राजनीतिक दलों की मजबूरी था। लेकिन राहुल गांधी हरियाणा के विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी व समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर इस राजनीतिक प्रेम-प्यार को आगे भी बनाए रखना चाहते थे।

समाजवादी पार्टी हरियाणा में कांग्रेस से जुलाना, सोहना, हथीन और दादरी समेत मुस्लिम व यादव बाहुल्य आधा दर्जन विधानसभा सीटें मांग रही थी। कांग्रेस चूंकि उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से कुछ सीटें मांग रही है, इसलिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी हरियाणा में सीटों के लिए दबाव बना रहे थे, जो कि काम नहीं आया। आप के साथ गठबंधन सिरे नहीं चढ़ने की वजह से समाजवादी पार्टी के साथ भी सभी संभावनाएं क्षीण हो गई।

हुड्डा के गठबंधन नहीं करने की ये रहीं वजह

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को एक ही सीट कुरुक्षेत्र दी थी, जिस पर वह हार गई थी। लेकिन इसकी नौ विधानसभा सीटों में से चार पिहोवा, कलायत, शाहबाद और गुहला-चीका में उसे बेहतर बढ़त मिली थी। ऐसे में हुड्डा को लग रहा था कि यदि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने आप को सीटें दे दी तो वह अपना जनाधार मजबूत कर सकती है।

कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर जिन विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के विधायक या फिर दिग्गज नेता हैं, वहां आप के प्रत्याशी सुशील गुप्ता चुनाव हारे थे। कैथल में रणदीप सिंह सुरजेवाला, थानेसर में अशोक अरोड़ा, लाडवा में विधायक मेवा सिंह और रादौर में विधायक बिशन लाल सैनी के क्षेत्रों में आप चुनाव हारी थी।

भूपेंद्र हुड्डा हाईकमान को पूरे समय यह समझाने में लगे रहे कि हरियाणा में कांग्रेस ने कभी किसी दल के साथ गठबंधन नहीं किया। गठबंधन से पार्टी को मजबूती नहीं बल्कि कमजोरी मिलेगी। कांग्रेस स्वयं चुनाव लड़ने में मजबूत हैं।

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गठबंधन नहीं होने का भाजपा को फायदा

प्रदेश में आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी का कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होने का फायदा भाजपा को मिलेगा। भाजपा गैरजाट मतों पर अपनी पकड़ का दावा कर रही है, जबकि कांग्रेस का दावा जाट व दलित मतों पर है। आप का वोट बैंक कांग्रेस को मिलता तो भाजपा को नुकसान होता।

आप नेता बोले- कार्यकर्ता हो रहे थे बेचैन

आप के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता और वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने सूची जारी करते हुए कहा कि हाईकमान के संदेश का इंतजार किया। चूंकि नामांकन की अंतिम तारीख नजदीक आ रही है और कार्यकर्ताओं में बेचैनी बढ़ रही थी। इसलिए हमने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। हम 90 सीट पर चुनाव लड़ने को पूरी तरह से तैयार थे।

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