Diabetes in Children: पैरेंट्स सावधान! मधुमेह का शिकार हैं बच्चे तो घरेलू नुस्खों से करें परहेज, नहीं तो...
Diabetes in Children इस शोध से यह भी पता चला कि इंसुलिन छोड़कर डाक्टर द्वारा लिखी दवाइयों का इस्तेमाल न कर जिन बच्चों ने दूसरी दवाइयों या घरेलू नुस्खों का प्रयोग किया उनका ग्लूकोज लेवल एक महीने बाद पहले से खराब पाया गया। यहां तक कि इन बच्चों के रक्त ग्लूकोज की रीडिंग भी पहले की तुलना में अधिक पाई गई।
By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerUpdated: Mon, 02 Oct 2023 07:24 AM (IST)
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़: टाइप-1 डायबिटीज (मधुमेह) पीड़ित बच्चे डाक्टरों द्वारा लिखी दवाइयों का सेवन करने से ज्यादा इलाज के दूसरे विकल्प पर भरोसा करते हैं या फिर यह कहा जा सकता है कि डाक्टर द्वारा लिखी दवाइयों के साथ दूसरी दवाइयां जैसे आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक या अन्य घरेलू नुस्खों का प्रयोग करते हैं। यह तथ्य पीजीआइ चंडीगढ़ के एक शोध में सामने आए हैं।
पीजीआइ के पीडियाट्रिक विभाग के एंडोक्रिनोलाजी एवं डायबिटीज यूनिट के सीनियर डाक्टरों ने यह शोध किया है। यह शोध 183 बच्चों पर किया गया, जो टाइप-1 डायबिटीज से पीड़ित थे। इन बच्चों में से 37 प्रतिशत ने इलाज के दूसरे विकल्पों पर भरोसा जताया। डाक्टर की लिखी दवा को छोड़ उन्होंने दूसरी दवाइयों का प्रयोग किया।
यह शोध प्रैक्टिस आफ कांप्लिमेंट्री एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन यूज इन नार्थ इंडियन चिल्ड्रन विद टाइप-1 डायबिटीज स्टडी के नाम से प्रकाशित हुई है। यह शोध पीजीआइ के पीडियाट्रिक विभाग की डा. प्रियंका वालिया, लतिका रोहिला और देवी दयाल ने किया है।यह भी पढ़ेंः Healthy Tips For Heart: दिल की सेहत का रखना चाहते हैं ख्याल, तो जिम करते समय रखें इन बातों ध्यान