Move to Jagran APP

Haryana: लिव-इन-रिलेशनशिप पर बेंचों में बढ़ा मतभेद, डिवीजन बेंच आठ जनवरी को करेगी मामले पर सुनवाई

डिवीजन बेंच ने हरियाणा व पंजाब से लिव-इन-रिलेशनशिप (Live in Relationship) पर विस्तृत जवाब मांगा। एक बेंच लिव-इन-रिलेशनशिप को संरक्षण दे रही तो दूसरी का मानना है कि इससे सामाजिक तानाबाना गड़बड़ा जाएगा। ऐसे में इस मामले पर डिवीजन बेंच आठ जनवरी को सुनवाई करेगी। प्रेमी जोड़े अक्सर लिव इन रिलेशनशिप में रहकर कोर्ट में सुरक्षा की मांग करते रहते हैं।

By Dayanand Sharma Edited By: Deepak SaxenaUpdated: Mon, 01 Jan 2024 07:04 PM (IST)
Hero Image
लिव-इन-रिलेशनशिप पर बेंचों में बढ़ा मतभेद, डिवीजन बेंच आठ जनवरी को करेगी मामले पर सुनवाई।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। लिव इन रिलेशनशिप में रहकर सुरक्षा की मांग करने के बढ़ते मामले पर हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने हरियाणा व पंजाब सरकार से विस्तृत जवाब तलब किया है। हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने कहा कि सरकार इस मामले में हाई कोर्ट की एकल बेंच द्वारा जारी आदेश पर अपना जवाब दायर कर अपना पक्ष रखे। डिवीजन बेंच इस मामले पर आठ जनवरी को सुनवाई करेगी।

लिव-इन-रिलेशनशिप पर बेंचों में मतभेद

लिव-इन-रिलेशनशिप में रहकर सुरक्षा की मांग कर करने वाले प्रेमी जोड़े के मामलों में हाई कोर्ट की विभिन्न पीठ द्वारा अलग-अलग फैसले दिए जाने पर हाई कोर्ट की एकल बेंच ने 21 मई 2021 को इस विषय पर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को एक मामला रेफर किया था। साथ ही ऐसे मामलों पर एक बड़ी पीठ का गठन करने का आग्रह किया था, जिसके बाद इस विषय पर सुनवाई डिवीजन बेंच ने शुरू की है।

लिव इन रिलेशनशिप में सुरक्षा की याचिका की खारिज

दरअसल, जस्टिस अनिल खेत्रपाल के सामने फरीदाबाद के एक प्रेमी जोड़े ने सुरक्षा की गुहार लगाई थी। इस मामले में युवक पहले से विवाहित था और उसका पत्नी से विवाद चल रहा था लेकिन तलाक नहीं हुआ था। इस बीच युवक एक अन्य महिला के साथ भागकर उसके साथ लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने लगा। दोनों ने परिजनों से जान को खतरा बताकर सुरक्षा की मांग की।

ये भी पढ़ें: Kaithal News: नए ट्रैफिक रुल्स को लेकर ट्रक और प्राइवेट बस चालक खफा, वाहनों का पहिया बंद कर की हड़ताल

जस्टिस खेत्रपाल ने कहा- अगर ऐसे संरक्षण दिया तो बिगड़ जाएगा सामाजिक संतुलन

जस्टिस अनिल खेत्रपाल ने कहा कि हाई कोर्ट की कई पीठ नाबालिग व लिव-इन-रिलेशनशिप में प्रेमी जोड़ों को सुरक्षा देने के आदेश दे चुकी है तो कई पीठ ऐसे ही मामलों को नैतिक व सामाजिक तौर पर गलत मान कर उनकी याचिका खारिज कर चुकी हैं। खुद जस्टिस खेत्रपाल ने जींद के एक जोड़े की याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि अगर लिव-इन रिलेशनशिप को संरक्षण दिया जाता रहेगा तो समाज का पूरा सामाजिक ताना बाना गड़बड़ा जाएगा।

जस्टिस अनिल खेत्रपाल ने चीफ जस्टिस से ऐसे मामलों पर स्पष्ट फैसला लेने के लिए एक बड़ी पीठ का गठन करने का आग्रह किया। इसके बाद चीफ जस्टिस ने इस मामले की डिवीजन बेंच को सुनवाई के आदेश दिए हैं।

ये भी पढ़ें: Haryana: SYL मुद्दे पर अभय चौटाला बोले 'बंद कर देंगे दिल्ली का पानी'... भाजपा-कांग्रेस और जजपा पर कही ये बड़ी बात

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।