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Haryana Politics: ताऊ देवी लाल के जन्मदिन पर चाचा-भतीजा दिखाएंगे दम, अलग-अलग जगहों पर करेंगे शक्ति प्रदर्शन

Haryana Politics सम्मान रैली के बहाने कैथल में दिग्गजों को एक मंच पर लाकर अभय चौटाला अपना दमखम दिखाएंगे। अभय चौटला विपक्षी दलों को न्यौता भेज चुके हैं जिन्हें एक साथ मंच पर लाकर वो अपनी राजनीतिक पकड़ का दिखाएंगे। राजस्थान में जड़े जमाने में लगे दुष्यंत चौटाला चौटाला सीकर में किसान विजय सम्मान दिवस रैली में शक्ति प्रदर्शन करेंगे।

By Sudhir TanwarEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Mon, 25 Sep 2023 09:19 AM (IST)
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ताऊ देवी लाल के जन्मदिन पर चाचा-भतीजा दिखाएंगे दम (फाइल फोटो)।
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो: पूर्व उपप्रधानमंत्री स्वर्गीय ताऊ देवी लाल की 110वीं जयंती पर आज यानी सोमवार को चौटाला परिवार एक बार फिर अलग-अलग जगहों पर शक्ति प्रदर्शन करेगा। राजस्थान में राजनीतिक जड़े जमाने की कोशिश में लगे उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला सीकर में किसान विजय सम्मान दिवस रैली में दम दिखाएंगे।

इसी तरह इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रधान महासचिव और ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला कैथल में सम्मान रैली के बहाने दिग्गजों को एक मंच पर लाकर राजनीतिक संदेश देने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। रैली में इनेलो सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला आईएनडीआए में शामिल होने पर भी अपने पत्ते खोल सकते हैं।

जजपा प्रमुख और अभय चौटाला की तनातनी जगजाहिर

इनेलो से अलग होकर जननायक जनता पार्टी (जजपा) बनाने वाले दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला की अपने चाचा अभय सिंह चौटाला से तनातनी जगजाहिर है। दोनों ही पार्टियां ताऊ देवीलाल की राजनीतिक विरासत पर दावा करते हुए खुद को उनका वास्तविक उत्तराधिकारी बताती रही हैं। राजस्थान के विधानसभा चुनाव में 25 से 30 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही जजपा ने रैली के लिए सीकर को इसीलिए चुना है क्योंकि 1989 के लोकसभा चुनाव में चौ. देवीलाल सीकर से जीतकर देश के उपप्रधानमंत्री बने थे।

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ताऊ देवी लाल के वोट बैंक पर जजपा की निगाहें

1990 में सीकर संसदीय सीट के दातारामगढ़ से डा. अजय चौटाला विधायक चुने गए थे। जजपा की निगाहें ताऊ देवीलाल के वोट बैंक पर हैं। रैली को लेकर जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय सिंह चौटाला ने भी पूरी रणनीति बनाई है। दावा किया जा रहा है कि सीकर रैली में हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों से लोग हिस्सा लेंगे।

वहीं, इनेलो की कैथल रैली कई मायनों में महत्वपूर्ण होगी। यदि सब कुछ संभावनाओं के अनुरूप हुआ तो रैली प्रदेश की राजनीति को नई दिशा दे सकती है। अभय चौटाला का दावा है कि इस रैली में देश के 80 प्रतिशत विपक्षी नेता शामिल होंगे।

इनेलो ने सभी विपक्षी दलों को भेजा न्योता

इनमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, एनसीपी नेता शरद पवार, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल, सीताराम येचुरी के साथ ही भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह जैसे बड़े चेहरे शामिल हैं। इनेलो की ओर से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को भी न्योता भेजा गया है।

क्या दोहरा पाएंगे सभी विपक्ष को एक साथ मंच पर लाने का इतिहास

अभय ने खुद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मिलकर रैली का आमंत्रण दिया है। अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या 87 साल के बुजुर्ग ओमप्रकाश चौटाला 37 साल पहले चौधरी देवीलाल द्वारा समस्त विपक्ष को एकमंच पर लाने के रचे इतिहास को दोहरा पाएंगे।

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