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दुष्यंत चौटाला ने हासिल की नई उपलब्धि, हरियाणा में सबसे लंबे कार्यकाल वाले बने उपमुख्यमंत्री; पढे़ं पूरी खासियतें

दुष्यंत चौटाला हरियाणा में सबसे लंबे कार्यकाल वाले उपमुख्यमंत्री बन गए हैं। भाजपा गठबंधन सरकार में शामिल दुष्यंत ने चार साल पूर्व 27 अक्टूबर 2019 को डिप्टी सीएम का कार्यभार संभाला था। जबकि चंद्र मोहन पौने चार वर्ष उपमुख्यमंत्री रहे थे।

By Sudhir TanwarEdited By: Preeti GuptaUpdated: Sat, 28 Oct 2023 03:56 PM (IST)
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हरियाणा में सबसे लंबा कार्यकाल पूरा करने वाले डिप्टी सीएम बने दुष्यंत चौटाला

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Haryana Deputy CM:  दुष्यंत चौटाला हरियाणा में सबसे लंबे कार्यकाल वाले उपमुख्यमंत्री बन गए हैं। भाजपा गठबंधन सरकार में शामिल दुष्यंत ने चार साल पूर्व 27 अक्टूबर 2019 को डिप्टी सीएम का कार्यभार संभाला था।

स्वर्गीय मुख्यमंत्री भजन लाल के बड़े पुत्र चंद्र मोहन पौने चार वर्ष उपमुख्यमंत्री रहे थे। उनसे पहले चांद राम, डॉ. मंगल सैन, बनारसी दास गुप्ता और मास्टर हुकम सिंह भी उपमुख्यमंत्री रहे, लेकिन उनका कार्यकाल अपेक्षाकृत कम ही रहा था।

चंद्र मोहन बिश्नोई ने किया था पौन चार साल का कार्यकाल

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि उपमुख्यमंत्री के तौर पर चार वर्ष पूर्ण कर दुष्यंत अब तक हरियाणा के सबसे लंबे कार्यकाल वाले डिप्टी सीएम बन गए हैं।

इससे पूर्व तत्कालीन भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान पंचकूला जिले की कालका विधानसभा सीट से चार बार विधायक एवं पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के बड़े पुत्र चंद्र मोहन बिश्नोई मार्च 2005 से दिसंबर 2008 अर्थात पौने चार वर्ष तक हरियाणा के उपमुख्यमंत्री रहे थे।

दुष्यंत चौटाला की तरह कोई नहीं हुआ सीधा डिप्टी सीएम नियुक्त 

दुष्यंत चौटाला को छोड़कर सभी पांचों उपमुख्यमंत्रियों को संबंधित राज्यपालों ने तत्कालीन मुख्यमंत्रियों की सलाह पर मंत्री नियुक्त करने के बाद ही उपमुख्यमंत्री के तौर पर पदांकित किया था।

इनमें से कुछ को तो मंत्री नियुक्त करने के तत्काल बाद उपमुख्यमंत्री पदांकित कर दिया गया था, जबकि किसी को कुछ समय बाद। हालांकि किसी को भी दुष्यंत चौटाला की तरह सीधे उपमुख्यमंत्री नियुक्त नहीं किया गया था।

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भारत के संविधान के संबंधित अनुच्छेदों में कहीं भी राज्यों में उपमुख्यमंत्री और केंद्र में उपप्रधानमंत्री के पद का उल्लेख नहीं है। फिर भी राजनीतिक विवशताओं और गठबंधन सरकारों की आवश्यकता के अनुरूप सत्ताधारी पार्टियों या गठबंधनों द्वारा उपप्रधानमंत्री और उपमुख्यमंत्री बनाए जाते रहे हैं।

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