Haryana News: JJP पर जाटों का वोट काटने का लेबल क्यों नहीं लगने देना चाहते चौटाला? हुड्डा परिवार ने लगाया गंभीर आरोप
प्रदेश (Haryana Politics News) के पूर्व डिप्टी सीएम और जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला जेजेपी पर जाटों का वोट काटने का लेबल नहीं लगने देना चाह रहे। भाजपा-जजपा का गठबंधन टूटने के बाद हुड्डा पिता-पुत्रों ने वोट काटू पार्टी का आरोप लगाया था। जजपा ने अभी तक पांच सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं। रोहतक और सोनीपत समेत पांच सीटें बाकी हैं।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। (Haryana Lok Sabha Election 2024 Hindi News) हरियाणा में जब भाजपा व जेजेपी का गठबंधन टूटा था और जेजेपी ने सभी 10 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। तब सबसे ज्यादा आपत्ति कांग्रेस ने जताई थी।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा (Deepender Singh Hooda) ने कई राजनीतिक मंचों से आरोप लगाया था कि जेजेपी ने सभी सीटों पर इसलिए चुनाव लड़ने की घोषणा की है। ताकि वह वोट काटू पार्टी बन सके और भाजपा (Haryana BJP) को इसका फायदा दिला सके।
जजपा ने पांच सीटों पर उतारे उम्मीदवार
हुड्डा और दीपेंद्र के इस आरोप में जाटों के वोट कटने की चिंता और दर्द छिपा था। जिसका कांग्रेस को नुकसान होना स्वाभाविक है। जननायक जनता पार्टी (JJP News) ने अभी तक जिन पांच लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए, उन्हें देखकर यही लग रहा है कि जेजेपी के रणनीतिकारों ने हुड्डा व दीपेंद्र के आरोपों को गंभीरता से लिया है।पांच लोकसभा सीटों पर अभी भी नहीं किए उम्मीदवार घोषित
इसलिए उन्होंने अपने माथे से जाटों के वोट का आरोप मिटाने के लिए अभी तक बाकी बची पांच लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं। जिन पांच लोकसभा सीटों पर जेजेपी ने अभी उम्मीदवार घोषित नहीं किए, उनमें सबसे बड़ी और चर्चित लोकसभा सीट रोहतक है।
जहां से कांग्रेस (Haryana Congress) के राज्य़सभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा चुनाव लड़ रहे हैं। साल 2019 में जेजेपी ने रोहतक से इनसो अध्यक्ष प्रदीप देसवाल को चुनाव लड़वाया था। देसवाल को करीब 21 हजार वोट मिले थे और दीपेंद्र सिंह हुड्डा की हार करीब सात हजार मतों से हुई थी।
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