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Chandigarh: तिरुपति रोडवेज के हरियाणा व झारखंड के 8 ठिकानों पर ED की छापेमारी, मिले 2.12 करोड़ रुपये

मंगलवार को हरियाणा चंडीगढ़ और झारखंड में ईडी (ED) ने तिरुपति रोडवेज के आठ ठिकानों पर छापेमारी की है। इस दौरान ईडी ने 2.12 करोड़ रुपये नगद बरामद किए हैं। अवैध खनन के मामले में ईडी ने पंचकूला के रत्तेवाली गांव में जांच शुरू की थी। अधिक खनन के कारण हरियाणा को 35 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है।

By Deepak SaxenaEdited By: Deepak SaxenaPublished: Wed, 10 Jan 2024 11:30 PM (IST)Updated: Wed, 10 Jan 2024 11:30 PM (IST)
तिरुपति रोडवेज के हरियाणा व झारखंड के 8 ठिकानों पर ED की छापेमारी।

जागरण संवाददाता, पंचकूला। ईडी ने मंगलवार को हरियाणा, चंडीगढ़ और झारखंड में आठ स्थानों पर तिरुपति रोडवेज के ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान 2.12 करोड़ रुपये नगद बरामद किए गए। ईडी की टीम ने अवैध खनन के एक मामले में तिरुपति रोडवेज के मेसर्स गुरप्रीत सिंह सभरवाल, लखमीर सिंह सभरवाल, प्रदीप गोयल, मोहित गोयल और अन्य के ठिकानों पर जांच शुरू की है।

अधिक खनन से हरियाणा को 35 करोड़ का नुकसान

ईडी ने पंचकूला के रत्तेवाली गांव में अवैध खनन के संबंध में दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। रेत, बजरी, बोल्डर और अन्य खनिजों के तय सीमा से अधिक खनन से हरियाणा सरकार को 35 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है।

ईडी कंपनी प्रबंधकों से कर रही पूछताछ

ईडी की जांच में पता चला कि मेसर्स तिरुपति रोडवेज ने रत्तेवाली गांव में अवैध खनन की। इससे हुई आय को बैंकिंग चैनलों के माध्यम से नकद जमा कराया गया। बाद में उस पैसे का चल-अचल संपत्तियों में निवेश किया गया। छापेमारी के दौरान तलाशी में डिजिटल उपकरण, चल-अचल संपत्तियों के संबंध में संदिग्ध दस्तावेज, बैंक लॉकर और 2.12 करोड़ नगद बरामद हुए। ईडी कंपनी प्रबंधकों से पूछताछ कर रही है।

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मई 2022 में तिरुपति माइनिंग पर दर्ज हुआ था केस

मई 2022 में विजिलेंस की टीम ने तिरुपति माइनिंग कंपनी के मालिक के घर, कार्यालय व रायपुररानी स्थित खनन साइट पर रेड की थी। जांच में पता चला था कि मई 2022 में ही करीब 1800 से ज्यादा ट्रकों में खनन सामग्री ले जाया गया, लेकिन उनमें से सिर्फ 518 ट्रकों का जीएसटी व रायल्टी बिल जारी किया गया। एसीबी द्वारा हरियाणा स्पेस एप्लीकेशन सेंटर की मदद से अलाटेड खनन साइट का सर्वे करवाया गया। इसमें अलाटेड साइट से ज्यादा एरिया में माइनिंग होना पाया गया। इसके बाद एसीबी की शिकायत पर तिरुपति माइनिंग कंपनी के मालिक व अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

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