Move to Jagran APP

Haryana: हाई कोर्ट ने लगाया 5 लाख का जुर्माना, शिक्षा मंत्री कंवरपाल बोले- जमा करवा दिए 50 लाख रुपये, जानिए वजह?

हरियाणा में सरकारी स्कूलों की स्थिति पर पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने 15 दिसंबर तक सरकार से सभी स्कूलों की स्थिति की वास्तविकता को लेकर हलफनामा दायर करेगी। वहीं बालकुंज में हाईकोर्ट के पांच लाख जुर्माने पर शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि 50 लाख रुपये जमा करवा दिए गए हैं। पिछली तारीख पर हाई कोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।

By Anurag AggarwaEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Wed, 06 Dec 2023 07:08 PM (IST)
Hero Image
सरकार HC में 15 दिसंबर को दायर करेगी हलफनामा।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की नाराजगी के बाद राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने स्कूलों में सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए रफ्तार पकड़ ली है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के दिशा निर्देशों के बाद राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने सरकारी स्कूलों में होने वाले कामों में लापरवाही पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों की खिंचाई की है।

अब राज्य के स्कूलों में शौचालयों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है तथा बिजली और पानी की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। राज्य में अभी सिर्फ छह स्कूल ऐसे बचने का दावा किया जा रहा है, जिनमें बिजली कनेक्शन लगने बाकी हैं और चार स्कूलों में पानी की सुविधा का इंतजाम होना है। इन 10 स्कूलों में जन सुविधाएं उपलब्ध कराने में कुछ कानूनी व तकनीकी पेंच हैं, जिसे निकालने के लिए स्कूल शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को आदेश दिए हैं।

सरकार HC में 15 दिसंबर को दायर करेगी हलफनामा

हरियाणा सरकार हाई कोर्ट में 15 दिसंबर को नए सिरे से हलफनामा दायर करेगी, जिसमें बताया जाएगा कि राज्य के सरकारी स्कूलों में जन सुविधाओं की वास्तविक स्थिति क्या है। कैथल के बालू स्कूल के बच्चों ने अपने वकील प्रदीप कुमार रापड़िया के माध्यम से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट में यह केस लंबे समय से चला आ रहा था।

पिछली तारीख पर हाई कोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। शिक्षा विभाग की ओर से मई में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में जो शपथपत्र दाखिल किया गया था, उसमें माना गया था कि राज्य के सरकारी स्कूलों में शौचालय, पीने के पानी, खेल के मैदान तथा बिजली कनेक्शनों की कमी है।

131 में से 121 स्कूलों में जन सुविधाओं का किया जा चुका इंतजाम

हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग को आदेश दिया था कि वह पांच लाख रुपये बालकुंज के खाते में जमा कराए, लेकिन स्कूल शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने जानकारी दी कि अब बालकुंज की खाते में पांच लाख नहीं बल्कि 50 लाख रुपये की राशि जमा करवा दी गई है, जिससे बच्चों के विकास पर इसे इस्तेमाल किया जा सके। मई में दिए हलफनामे में स्कूल शिक्षा विभाग ने हाई कोर्ट में स्वीकार किया था कि राज्य के 131 सरकारी स्कूलों में पीने के पानी की सुविधा नहीं है।

ये भी पढ़ें: Hepatitis B: कैथल नागरिक अस्पताल में होगी हेपेटाइटिस-बी और सी की जांच, तुरंत मिलेगी रिपोर्ट, ऐसे करें बचाव?

236 स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं हैं। 538 स्कूलों में लड़कियों के शौचालय नहीं है और 1047 स्कूलों में लड़कों के शौचालय नहीं है। कोर्ट को बताया गया था कि छात्रों के लिए 8240 क्लासरूम की जरूरत है।

कंवरपाल ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों साथ की बैठक

हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी और शिक्षा विभाग पर लगाए जुर्माने के बाद हरियाणा सरकार हरकत में आई। स्कूल शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने इस मुद्दे को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बड़ी बैठक की। बैठक में अधिकारियों ने उन्हें बताया कि स्कूलों में यह कमियां मई में दिए हलफनामे में थी। इसके बाद अभी तक की अवधि में शिक्षा विभाग द्वारा अधिकतर कमियों को दूर किया जा चुका है। बजट जारी कर शौचालयों का निर्माण करवाया चुका है।

15 दिसंबर को HC में नया शपथपत्र देंगे शिक्षा विभाग के अधिकारी

बिजली और पानी का भी प्रबंध कर लिया गया है। कमरों के निर्माण को लेकर प्रक्रिया शुरू की है। कंवरपाल गुर्जर का कहना है कि अभी तक अधिकतर कमियों को दूर किया जा चुका है। कमरों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। इसमें थोड़ा समय भी लग सकता है। कमरों के निर्माण के लिए शिक्षा विभाग ने वित्त विभाग को प्रस्ताव भेज दिया है। 15 दिसंबर को हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई के दौरान शिक्षा विभाग की ओर से पूरी जानकारी अपडेट करके नये सिरे से शपथ-पत्र दिया जाएगा।

ये भी पढ़ें; हरियाणा में गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों पर हो सकती कार्रवाई, HC ने फरवरी तक सरकार से रिपोर्ट दाखिल करने के दिए निर्देश

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।