Farmers Protest: बॉर्डर से हटने के मूड में नहीं किसान संगठन, आचार संहिता को लेकर कही ये बात
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर देश में आचार संहिता लागू हो गई है। वहीं किसान संगठन बॉर्डर से हटने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं। इसी को लेकर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि कोई भी आचार संहिता किसी को भी अपनी मांग के लिए आवाज उठाने को नहीं रोक सकता है। ऐसे में उम्मीद है कि ये किसान आंदोलन लोकसभा चुनाव के दौरान भी जारी रहेगा।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गया है। इसी के साथ तय है कि अब अगली सरकार का गठबंधन 14 जून के करीब ही होगा। देश आचार संहिता लागू होने के बावजूद किसान संगठन बॉर्डर से अपना धरना हटाने के मूड में नहीं दिखाई दे रहे है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का कहना कि चाहे कोड आफ कंडक्ट लग गया है लेकिन किसी को भी अपनी मांगों के प्रति आवाज उठाने से रोक नहीं जा सकता। ऐसे में मौजूदा किसान आंदोलन नई सरकार बनने तक चलता रहेगा।
बता दें कि फरवरी माह से ही किसान संगठन पंजाब के दो बॉर्डर शंभू और खनौरी पर धरना दे रहे है। इस दौरान किसानों और हरियाणा पुलिस के बीच संघर्ष भी हुआ। जिसें शुभकरण की मौत भी हो गई। माना जा रहा था कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद किसान संगठन धरना खत्म कर सकते है। क्योंकि अब उनकी मांगों पर विचार अगली सरकार को ही करना है। लेकिन जगजीत सिंह डल्लेवाल ने स्पष्ट कर दिया है कि वह धरने पर बैठे रहेंगे।
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शंभू और खनौरी बॉर्डर पर रहेंगे किसान
उन्होंने कहा कि शंभू और खनौरी बॉर्डर पर जहां मौजूद किसान बने रहेंगे। वहीं, अब मंडी डबवाली बॉर्डर पर भी किसान जुटने शुरू हो गए हैं। डल्लेवाल का यह भी कहना है कि उन्हें विभिन्न सरकारी कर्मचारी संगठनों ने भी उनका सहयोग देने की बात की है और वह आगे आ रहे हैं।
अलगाववादी कहने वाले नेताओं की आलोचना की
किसान नेता ने कहा कि आंदोलन में शामिल किसान नेताओं को अलगाववादी कहने वाले राजनीतिक दलों के नेताओं की आलोचना की। उनका कहना है कि यह समाज में फूट डालने जैसा है। इसके साथ ही डल्लेवाल का कहना है कि मौजूदा किसान आंदोलन को बनाए रखने के लिए विभिन्न संगठनों से मीटिंग करके ही इस बारे में तय किया गया है कि आंदोलन जारी रहेगा।ये भी पढ़ें: Jind News: हादसों को दावत! सुरक्षा मानकों पर खरा नहीं उतर रहे 600 बहुमंजिला कोचिंग संस्थान, दिखी कई खामियां
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