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Farmers Protest: हरियाणा के अफसरों को वीरता पुरस्कार देने पर गृह मंत्रालय का सवाल, 'फोर्स का जिक्र क्यों नहीं'

शंभू बॉर्डर पर मुस्तैदी के साथ बेहतरीन काम करने पर हरियाणा सरकार (Haryana News) ने कुछ अफसरों को वीरता पुरस्कार के लिए चिन्हित किया था। इस बाबत अब गृह मंत्रालय ने पूछा कि ऑपरेशन में फोर्स का जिक्र क्यों नहीं है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन में पैरामिलिट्री फोर्स के जवान भी शामिल थे। ऐसे में उनका जिक्र क्यों नहीं है।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Thu, 25 Jul 2024 02:13 PM (IST)
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Haryana News: दिल्ली में गृह मंत्रालय का फाइल फोटो (जागरण न्यूज)
दीपक बहल, अंबाला। हरियाणा-पंजाब सीमा पर शंभू बॉर्डर पर बेहतरीन कार्य के कारण हरियाणा पुलिस के तीन आइपीएस और दो एचसीएस अधिकारियों को गैलेंट्री मेडल के मामले में गृह मंत्रालय ने राज्य के गृह विभाग को चिट्ठी लिख पूछा है कि ज्वाइंट ऑपरेशन में पैरामिलिट्री फोर्स के अधिकारी भी कार्यरत हैं, लेकिन उनका जिक्र इस प्रस्ताव में नहीं दिया गया।

हरियाणा पुलिस के साथ रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ), सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ), बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ), इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आइटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) पिछले पांच माह से तैनात हैं।

दरअसल स्वतंत्रता दिवस को लेकर गृह मंत्रालय ने अलग-अलग राज्य के अधिकारियों को सम्मानित करने को लेकर बैठकें चल रहीं हैं।

इन बैठकों में से जब हरियाणा का नंबर आएगा तो इसी प्रस्ताव पर ही चर्चा होनी है। यही कारण है कि गृह मंत्रालय ने गृह विभाग को पत्र लिखकर पैरामिलिट्री फोर्स के अलावा अन्य बिंदुओं पर जवाब मांगा है।

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अधिकारियों के अलावा आंदोलनकारियों पर कितने केस दर्ज हुए, इनका स्टेटस क्या है, इस पर भी जवाब मांगा है। अब गृह विभाग अपना जवाब गृह मंत्रालय को भेजेगा, जिसके बाद गैलेंट्री अवॉर्ड पर फैसला लिया जा सकेगा।

बता दें कि दिल्ली कूच के एलान के बाद हरियाणा पुलिस अलर्ट हो गई थी। किसान दिल्ली की ओर आगे न बढ़ जाएं और सुरक्षा की दृष्टि से आठ लेयर की सुरक्षा दीवार बना दी गई थी।

पैरामिलिट्री फोर्स पांच माह तक थी तैनात

यहां पर हरियाणा पुलिस के अलावा पैरामिलिट्री फोर्स भी पिछले पांच माह से तैनात है। हरियाणा की तरफ फोर्स खड़ी है और पंजाब की तरफ किसान बैठे हैं जो दिल्ली जाने को लेकर बॉर्डर खुलने का इंतजार कर रहे हैं।

अब तक के इंतजामों को बेहतरीन बताते हुए गृह विभाग ने अंबाला रेंज के आइजी सिबाश कबिराज, कुरुक्षेत्र के मौजूदा एवं अंबाला के तत्कालीन एसपी जशनदीप सिंह रंधावा, जींद एसपी सुमित कुमार, डीएसपी रामकुमार और डीएसपी भाटिया को गैलेंट्री अवार्ड देने के लिए गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था।

अलग-अलग प्रस्ताव पर भी मांगा जवाब

गृह विभाग की ओर से जो प्रस्ताव भेजा था, उसमें पुलिस अधिकारियों का अलग-अलग प्रस्ताव भेजा था। पुलिस अफसरों को गैलेंट्री मेडल के लिए भेजे गए प्रस्ताव पर पूछा गया है कि 13 और 14 फरवरी 2024 को की गई कार्रवाई का प्रस्ताव एक ही भेजा जाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

इसी तरह प्रस्ताव में इसका उल्लेख भी होना चाहिए की फायरिंग किस तरह और कैसे हालातों में हुई। कितने मामले दर्ज हुए और कितने निपटारा कर दिए गया, कितने पेंडिंग हैं, जिसका जिक्र भी प्रस्ताव में करने को कहा गया है।

इस तरह से रोके गए किसान

13 व 14 फरवरी 2024 को शंभू बॉर्डर पर किसान जुट चुके थे जो दिल्ली कूच के लिए तैयार थे। किसानों के जुटने से पहले ही हरियाणा सीमा में पुलिस ने कंकरीट की दीवारें बनाईं, रास्ते पर मोटी कीलें गाड़ दी, कंटीली तारों का जाल बिछाया, जेसीबी मौके पर खड़ी की थी।

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