हरियाणा के सीएम मनोहरलाल बोले- किसान पहले कृषि कानूनों को अपनाएं, फिर बताएं खूबियां और कमियां
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने किसानों को कृषि कानूनों को लेकर बड़ी सलाह दी है और आजमाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि किसान पहले तीनों कृषि कानूनों को अपनाएं और इसके बाद इसकी खूबियों और कमियों के बारे में बताएं।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Mon, 14 Jun 2021 06:15 PM (IST)
चंडीगढ, जेएनएन। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों को सलाह दी कि वे उन्नतीशील बनें और खेती में नए-नए प्रयोग करें। किसान खेती को व्यापारिक ढंग से लें। उन्नतीशील किसान प्राकृतिक व आर्गेनिक खेती करते हुए सामान्य किसानों से कई गुणा आय हासिल कर रहे हैं। इसलिए आम किसानों को कोई भी नया प्रयोग करते समय हिचकना नहीं चाहिए। मनोहर लाल ने तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को दोटूक कहा कि इन कानूनों में कुछ भी गलत नहीं है। यदि किसानों को इनमें कोई कमी लगती है तो वह उसकी जानकारी दें, लेकिन यह तब तक नहीं पता चल सकता, जब तक किसान इन कानूनों को अपनाकर परख नहीं लेते। किसान पहले इन कानूनों को अपनाएं और फिर इसकी खुबियों व कमियों के बारे में बताएं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों को दी नए-नए प्रयोग करने और खेती को व्यापार समझने की सलाहचंडीगढ़ में मीडिया कर्मियों से बातचीत में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हमारी मंशा किसानों की आय डबल से भी अधिक करने की है। हाल ही में राज्य के उन्नतीशील किसानों की कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें इन किसानों ने बताया कि वह नए-नए प्रयोग और नई तकनीक का इस्तेमाल करते हुए न केवल अधिक पैदावार हासिल कर रहे हैं, बल्कि उनकी आय भी बढ़ गई है। अधिकतर उन्नतीशील किसान तीन कृषि कानूनों के हक में हैं। यह कानून उन्हें सुरक्षा और बाजार दोनों उपलब्ध कराते हैं, जो किसानों की आय बढ़ाने में सहायक हैं।
कहा- उन्नतीशील किसान तीन कानूनों के हक में, अगर इनमें कुछ गलत है तो बाकी जगह आंदोलन क्यों नहींमनोहर लाल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि तीन कृषि कानूनों का विरोध राजनीतिक विद्वेष के चलते राह से भटक गया। किसानों को मालूम नहीं है कि इन कानूनों में क्या खामियां हैं। उनकी तरफ से भाजपा विरोधी दल बोल रहे हैं कि तीनों कृषि कानून किसान विरोधी हैं, जबकि वास्तविक किसान जो खेत में काम कर रहा है, उसे इन खामियों के बारे में पता भी नहीं है। राजनीतिक दल भी सिर्फ इसलिए विरोध कर रहे हैं, क्योंकि विपक्ष के नाते उन्हें ऐसा करना है। उनके पास एक ही भाषा है कि यह तीनों कानून काले हैं, मगर इन कानूनों में काला क्या है, वह आज तक यह नहीं बता सके हैं।
मुख्यमंत्री ने विपक्षी राजनीतिक दलों से सवाल किया कि आखिरकार यदि इन कानूनों में वास्तव में कोई खामी होती तो देश के बाकी राज्यों व क्षेत्रों में भी इस तरह का आंदोलन हुआ होता। हरियाणा की ही अगर बात करें तो दक्षिण हरियाणा खासकर महेंद्रगढ़-नारनौल के इलाके में यह आंदोलन नहीं है। क्या वहां के किसान इन कानूनों से प्रभावित नहीं होंगे, लेकिन वह जानते हैं कि कानूनों में किसानों के हित की बात है। वे समझ चुके हैं। इसलिए जहां भी आंदोलन हो रहा है, उसमें पूरी तरह से राजनीतिक विरोध की मंशा छिपी है।
उन्होंने किसानों से अनुरोध किया कि वह तीनों कृषि कानूनों का अध्ययन करें। उन्हें अपने हित में सब कुछ ठीक लगता है तो अपनाएं। ठीक नहीं हैं तो कमियां बताएं, ताकि उन पर आगे बढ़ेंगे तो समाधान निकलेगा। प्रगतिशील किसान इन कानूनों के हक में हैं।सूक्ष्म सिंचाई उपकरणों पर 85 फीसद तक सब्सिडीमुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों से आह्वान किया कि वह प्राकृतिक व आर्गेनिक खेती अपनाते हुए फसल विविधिकरण पर जोर दें, ताकि जमीन की उर्वरा शक्ति बरकरार रहे और उनकी पैदावार बढ़ने के साथ ही आय भी बढ़ सके। उन्होंने पानी की बचत पर जोर देते हुए कहा कि इस बार दो लाख एकड़ जमीन में धान की फसल की रोपाई नहीं करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
किसानों को सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं पर लाने की मंशा जाहिर करते हुए मनोहर लाल ने कहा कि ऐसे उपकरणों पर सरकार 85 फीसदी तक सब्सिडी प्रदान करती है। किसानों को सिर्फ 15 प्रतिशत राशि खर्च करनी होगी। इससे पानी की बचत होगी और आने वाली पीढ़ियों का भविष्य भी सुरक्षित रह सकेगा।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।