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प्रापर्टी आइडी में गलतियां तुरंत ठीक कराने को देने होंगे पांच हजार रुपये, पोर्टल में अब नया विकल्‍प

Property ID हरियाणा में प्रापर्टी आइडी में सुधार करवा सकते हैं । इसके साथ ही प्रापर्टी आइडी की गलतियाें को तुरंंत ठीक करवाने के लिए पांच हजार रुपये की फीस देनी होगी। इसके साथ ही पोर्टल में नए विकल्‍प भी दिए गए हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Sat, 20 Aug 2022 11:10 AM (IST)
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हरियाणा में प्रापर्टी आइडी में गलतियों को अब ठीक करवा सकते हैं। (फाइल फोटो)
चंडीगढ़, [सुधीर तंवर]। Property ID: हरियाणा के शहर और कस्बों में प्रापर्टी सर्वे में हुई त्रुटियों को ठीक करने के लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है। इसके बावजूद अगर कोई व्यक्ति तुरंत प्रभाव से प्रापर्टी आइडी में दर्ज नाम में परिवर्तन, पावर आफ अटार्नी या मोबाइल नंबर बदलने, बकाया राशि का अपडेटेशन, प्रापर्टी साइज में संशोधन सहित अन्य त्रुटियों को ठीक कराना चाहता है तो उसे पांच हजार रुपये का शुल्क देना होगा।

संपत्ति कर प्रबंधन प्रणाली पोर्टल पर तत्काल समाधान का विकल्प जोड़ा

प्रापर्टी आइडी में सुधार करवाने के लिए हरियाणा के शहरी निकाय विभाग ने तत्काल समाधान योजना लांच की है। शहरी निकाय के प्रधान सचिव ने इस संबंध में सभी जिला नगर आयुक्तों, नगर निगम आयुक्तों और नगर परिषदों व पालिकाओं के कार्यकारी अधिकारियों और सचिवों को निर्देश जारी किए हैं।

दो दिन में रिकार्ड ठीक नहीं होने पर वापस मिलेगी पूरी राशि, एक हजार रुपये का मुआवजा अलग से

पोर्टल पर जोड़े गए तत्काल समाधान विकल्प पर आवेदन के दो कार्य दिवसों के भीतर समस्या का निपटारा कर दिया जाएगा। अस्वीकृति के मामले में संबंधित अधिकारियों को आवेदक को कारण बताना होगा। अगर दो दिन में समस्या का समाधान नहीं होता है तो न केवल आवेदक को पांच हजार रुपये वापस लौटा दिए जाएंगे, बल्कि एक हजार रुपये का मुआवजा भी दिया जाएगा।

विभाग द्वारा जारी आदेशों के मुताबिक संपत्ति का अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनडीसी) लेने के लिए कई बार लोगों को संपत्ति कर प्रबंधन प्रणाली पोर्टल पर तुरंत आपत्तियों के समाधान की आवश्यकता होती है और वे प्रतीक्षा करने की स्थिति में नहीं होते। इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए पोर्टल पर 'तत्काल समाधान' का नया विकल्प जोड़ा गया है। विसंगतियों के समाधान के लिए प्रत्येक प्रापर्टी के लिए पांच हजार रुपये प्रति संपत्ति शुल्क देना होगा।

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गौरतलब है कि स्थानीय निकायों के अधीन आने वाले सभी मकानों व प्लाटों की प्रापर्टी आइडी के रि-एसेसमेंट नोटिस वितरित करने का काम कई महीने से किया जा रहा है। नोटिस प्राप्ति पर लोगों को अपने नाम, पते व प्लाट एरिया में कोई गलती मिलती है तो वह उसमें सुधार के लिए अपने क्षेत्र के निगम के कार्यालयों में संबंधित सही दस्तावेजों को दिखाकर कंपनी के अधीनस्थ कर्मचारियों से ठीक करवा सकते हैं। इसके अलावा प्रापर्टी टैक्स मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल पर भी खामियों को आनलाइन ठीक कराया जा सकता है।

गलती किसी की, सजा किसी को

आरटीआइ एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि गलती किसी की है और सजा किसी को मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रापर्टी आइडी या एनडीसी बनवाने के लिए तत्काल योजना के नाम पर पांच हजार रुपये की वसूली गलत है। गलती सर्वे करने वाली कंपनी की है जिसने सर्वे में मनमानी करते हुए गलत जानकारियां अपलोड की हैं। असल दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। सरकार बगैर कोई अतिरिक्त शुल्क लिए तुरंत प्रभाव से त्रुटियों को ठीक कराए ताकि लोगों को राहत मिल सके।

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