हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा को घेरने के लिए बुना जा रहा जाल
भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर जांच एजेंसियों के माध्यम से शिकंजा कसने की तैयारी में है। हुड्डा अभी तीन सीबीआइ जांच झेल रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ । हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर भाजपा पूरी तरह से हमलावर है। हुड्डा पर विभिन्न जांच एजेंसियों के माध्यम से लगातार शिकंजा कसता जा रहा है। नेशनल हेराल्ड अखबार के स्वामित्व वाली कंपनी एजेएल को प्लाट आवंटित करने के मामले में पूरी तरह से घिर चुके हुड्डा पहले से तीन सीबीआइ जांच झेल रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा की कंपनी को लाइसेंस देने के मामले की जांच कर रहे जस्टिस एसएन ढींगरा आयोग की रिपोर्ट में भी हुड्डा पर आंच आने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। हुड्डा कांग्र्रेस के भीतर भी अपनों से घिरे हुए हैं। कांग्र्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर और पूर्व सिंचाई मंत्री कैप्टन अजय यादव का खेमा हुड्डा को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है। इसी तरह के हमले हुड्डा खेमे की ओर से विरोधी गुट पर किए जा रहे हैैं।
नेशनल हेराल्ड अखबार की प्रकाशक कंपनी एजेएल को पंचकूला में प्लाट आवंटित करने के मामले की विजिलेंस जांच पूरी हो चुकी है। यह केस अब सीबीआई को सौंपा जा रहा है। पंचकूला के सेक्टर छह में प्राइम लोकेशन पर एजेएल को 28 सितंबर 2005 को 3360 स्कवायर मीटर का यह प्लाट नियमों के विरुद्ध आवंटित किया गया था। हुड्डा ने मुख्यमंत्री बनने के छह माह बाद एजेएल को यह प्लाट आवंटित कर दिया था और प्लाट आवंटन पर उनके हस्ताक्षर बताए जाते हैैं।
23 करोड़ का प्लाट मात्र 59 लाख में
एजेएल को यह प्लाट मात्र 59 लाख रुपये में दिया गया, जबकि उस समय इसकी बाजार कीमत 23 करोड़ रुपये थी। हरियाणा स्टेट विजिलेंस ब्यूरो पंचकूला ने हुडा के पूर्व चेयरमैन और तत्कालीन मुख्य प्रशासक समेत 5 लोगों पर धोखाधडी समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। हुडा ने सेक्टर 6 के प्लॉट नंबर 17 को 2005 से पहले अलॉट किया गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री भजनलाल ने यह प्लाट अलाट किया गया।
नियमों के मुताबिक इस प्लॉट पर निर्माण किया जाना था जो नहीं हुआ, जिस कारण प्लाट रिज्यूम कर लिया गया था। हुड्डा 2005 में जब सीएम बने तो उन्होंने एजेएल को यह प्लाट दोबारा आवंटित कर दिया। विजिलेंस की प्राथमिक जांच में पाया गया कि एजेएल को यह प्लॉट दो बार अलॉट हुआ। रिज्यूम होने पर हुडा ने टेंडर नहीं निकाला था और कंपनी को बिना शर्तों के प्लॉट फिर से अलॉट कर दिया गया।
इन सीबीआइ जांच में फंसे हुए हुड्डा
हुड्डा के विरुद्ध गेहूं की करनाल बंट नामक बीमारी के उपचार में इस्तेमाल होने वाली रैक्सील दवा खरीद मामले में सीबीआई जांच पहले से चल रही है। गुडग़ांव के मानेसर में 400 एकड़ जमीन के जबरदस्ती अधिग्र्रहण के मामले में भी सीबीआइ द्वारा जांच की जा रही है। हुडा के पंचकूला में 13 औद्योगिक प्लाट आवंटन मामले में सीबीआई जांच कर रही है। पिछले दिनों हुड्डा और उनके समर्थकों तथा प्लाट धारकों के ठिकानों पर सीबीआई द्वारा छापेमारी की गई थी।
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