Haryana: हरियाणा सरकार पर भूपेंद्र हुड्डा ने जमकर साधा निशाना, कहा- FPO के नाम पर लूटा किसानों का करोड़ों रुपया
हरियाणा के पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बीजेपी और जेजेपी की गठबंधन की सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि गठबंधन की इस सरकार में किसानों के साथ फसल खरीद फसल बीमा मुआवजा और एफपीओ में घोटाले हुए हैं। ड्रिप सिंचाई पर सरकार की तरफ से मिलने वाली 85% सब्सिडी भी किसानों को देने की बजाय घोटालेबाजों ने डकार ली।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी सरकार घोटालेबाजों के संरक्षक की तरह काम कर रही है। किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) और फसल बीमा योजनाओं के नाम पर किसानों से धोखा कर बड़े घोटालों को अंजाम दिया जा रहा है।
एफपीओ के नाम पर किसानों के साथ हुआ सैकड़ों करोड़ का घोटाला इसका ताजा उदाहरण है। हुड्डा ने कहा कि पहले धान व बाजार खरीद, फिर फसल बीमा और मुआवजे के नाम पर किसानों से सैकड़ों करोड़ की लूट हुई। अब सरकार के एक और घोटाले का खुलासा हुआ है। किसानों के करोड़ों रुपये हड़पने के लिए फर्जी किसानों के नाम पर फर्जी एफपीओ बनाए गए हैं।
किसानों की सब्सिडी गई घोटालेबाजों की जेब में
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने चंडीगढ़ में बयान जारी कर कहा कि जिन रुपयों का इस्तेमाल किसानों के उत्थान के लिए होना चाहिए था, वह सीधे घोटालेबाजों की जेब में गया। ड्रिप सिंचाई पर सरकार की तरफ से मिलने वाली 85% तक सब्सिडी भी किसानों को देने की बजाय घोटालेबाजों ने डकार ली। किसानों को न इक्विटी ग्रांट मिली और न ही सब्सिडी।
पूरे प्रदेश में इतने बड़े स्तर पर घोटाला हुआ कि मामला केंद्र सरकार तक पहुंच गया। लेकिन केंद्र सरकार को भी गुमराह करने के लिए बीजेपी-जेजेपी ने कोई कसर नहीं छोड़ी। सीआइडी की जांच के नाम पर पूरे घोटाले पर लीपापोती की गई व गुनाहगारों को बचाया गया।
फसल बीमा योजना के नाम पर ठग रही गठबंधन सरकार: हुड्डा
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि खुद केंद्र सरकार को प्रदेश सरकार की जांच पर भरोसा नहीं हुआ और उसने पूरे मामले की जांच सीबीआइ से करवाने के लिए कहा। इससे पहले गठबंधन सरकार हर सीजन में किसानों को फसल बीमा योजना के नाम पर ठगती आ रही है। पीएम फसल बीमा योजना के जरिये किसानों को लूटकर निजी बीमा कंपनियों का खजाना भरा जा रहा है।
संसद में खुद केंद्र सरकार ने जुलाई महीने में बताया था कि पिछले सात साल में निजी बीमा कंपनियों ने पूरे देश में एक लाख 97 हजार 657 करोड़ रुपये का बीमा प्रीमियम वसूला है। इसके बदले में कंपनियों ने 1 लाख 40 हजार 36 करोड़ रुपये का ही मुआवजा दिया। उन्हें कुल 57 हजार करोड़ रुपये का तगड़ा मुनाफा हुआ है।
सात जिलों के करीब तीन लाख किसानों का नहीं हुआ बीमा
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में वर्ष 2022-23 में एआईसी कंपनी ने 703.84 करोड़ रुपये प्रीमियम लिया। लेकिन सिर्फ 7.46 करोड़ रुपये का ही मुआवजा दिया। यानी 99 प्रतिशत राशि कंपनी की तिजोरी में गई। इस बार प्रदेश के सात जिलों के करीब तीन लाख किसानों की फसल का बीमा ही नहीं किया गया। बीमा करने की समय सीमा भी 31 दिसंबर को पूरी हो चुकी है। क्लस्टर-2 के अंबाला, करनाल, सोनीपत, हिसार, जींद, महेंद्रगढ़ और गुरुग्राम जिले के किसान बीमा से वंचित रह गए हैं।