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पूर्व क्रिकेटर रहे DSP जोगिंदर शर्मा IPS पदोन्नति सूची में नाम न होने पर पहुंचे हाईकोर्ट, उनके बाद नियुक्त अधिकारियों को लेकर उठाए सवाल

हरियाणा सरकार ने आईपीएस पदोन्नति के लिए 12 डीएसपी की सूची तैयार की जिसमें अधिकतर वर्ष 2009 में नियुक्त हुए थे। इस आधार पर पूर्व इंटरनेशनल क्रिकेटर और डीएसपी जोगिंदर शर्मा (DSP Joginder Sharma) ने आईपीएस पदोन्नति लिस्ट में उनका नाम न होने पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने याचिका में कहा कि उन्होंने 11 डीएसपी से पहले प्रोबेशन पूरी की थी।

By Dayanand Sharma Edited By: Deepak SaxenaUpdated: Sat, 06 Jan 2024 09:36 PM (IST)
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पूर्व क्रिकेटर रहे DSP जोगिंदर शर्मा ने IPS पदोन्नति सूची में नाम न होने पर पहुंचे हाईकोर्ट।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पूर्व इंटरनेशनल क्रिकेटर जोगिंदर शर्मा (DSP Joginder Sharma), जो खेल कोटा के तहत हरियाणा पुलिस में डीएसपी के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने आईपीएस अधिकारियों के रूप में पदोन्नति के लिए विचार किए गए लोगों की सूची में अपना नाम शामिल नहीं करने के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

DSP जोगिंदर शर्मा बोले- 11 डीएसपी से पहले पूरी की प्रोबेशन

डीएसपी जोगिंदर शर्मा के अनुसार, राज्य सरकार 2021 की चयन सूची के लिए आईपीएस पद पर पदोन्नति के लिए राज्य पुलिस सेवा के 12 अधिकारियों के नामों पर विचार कर रही है और सूची में शामिल अधिकांश डीएसपी 2009 में राज्य पुलिस में शामिल हुए थे। इस तथ्य के बावजूद सूची में उसे शामिल नहीं किया गया कि जबकि वह 5 अक्टूबर 2007 को सेवा में शामिल हुए थे और नियमों के अनुसार सभी 11 डीएसपी से पहले प्रोबेशन पूरी की थी।

नियुक्ति के नियम 10 के हवाला पर दायर की याचिका

याचिका में तर्क दिया गया कि राज्य प्राधिकारियों ने पत्र में अवैध रूप से उल्लेख किया है कि प्रशिक्षण पूरा होने पर याची की सेवा कंफर्म की जाती है। यह शर्त नियुक्ति पत्र एवं नियमों के विरूद्ध होने के साथ पूरी तरह से अवैध है। नियुक्ति पत्र या प्रासंगिक नियमों में ऐसा कोई उल्लेख नहीं है कि प्रोबेशन कंफर्म के लिए प्रशिक्षण पूरा करना आवश्यक है। याचिका के अनुसार नियम 10 को पढ़ने से यह स्पष्ट हो जाता है कि सेवा में प्रवेश करने वाला कोई प्रशिक्षु नहीं है और उसे एक पूर्ण कर्मचारी के रूप में सेवा में शामिल किया गया है। प्रशिक्षण पूरा होने से पहले की याचिकाकर्ता की सेवा अवधि को सेवा से बाहर नहीं किया जा सकता है।

शर्मा की याचिका में आगे कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर उन्हें तत्कालीन राज्य सरकार द्वारा पांच अक्टूबर, 2007 को हरियाणा पुलिस में डीएसपी के पद पर शामिल किया गया था। 4 सितंबर 2007 के नियुक्ति पत्र में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था कि वह दो साल की अवधि के लिए प्रोबेशन पर रहेंगे, जिसमें प्रशिक्षण की अवधि आदि शामिल होगी। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया था कि प्रोबेशन की अवधि एक साल तक बढ़ाई जा सकती है।

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प्रोबेशन से 6 साल तीन महीने बाद किया गया कंफर्म

याचिकाकर्ता के अनुसार, हरियाणा पुलिस सेवा नियम 2002 के नियम 10 में भी यह प्रविधान है कि सेवा के सदस्य दो साल की अवधि के लिए प्रोबेशन पर रहेंगे जिसमें प्रशिक्षण की अवधि आदि शामिल होगी। याचिकाकर्ता प्रासंगिक नियमों के अनुसार, 5 अक्टूबर 2009 को डीएसपी के पद पर कंफर्म होने का हकदार थे, या अधिकतम इसे 5 अक्टूबर, 2010 तक बढ़ाया जा सकता था। उनकी प्रोबेशन अवधि कभी नहीं बढ़ाई गई थी। हालांकि, 23 और 29 नवंबर के आदेश के अनुसार, उसे 9 जनवरी 2014 से कंफर्म कर दिया गया है, जो सेवा में शामिल होने के छह साल और तीन महीने की अवधि के बाद है।

हुड्डा सरकार में बने थे डीएसपी

शर्मा ने 23 और 29 नवंबर के आदेश को संशोधित करने और पांच अक्टूबर 2009 से डीएसपी के रूप में उनकी सेवा कंफर्म करने और उन्हें वरिष्ठता और पदोन्नति आदि सहित सभी परिणामी लाभ प्रदान करने के निर्देश देने की मांग की है। शर्मा 24 सितंबर 2007 को टी-20 विश्व कप जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य थे। हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने उन्हें हरियाणा पुलिस में डीएसपी के रूप में नियुक्त करने की घोषणा की थी। शर्मा ने यह भी दावा किया कि उन्होंने 1997 से 2017 तक राज्य के लिए क्रिकेट खेला है।

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