Haryana Election 2024: पूर्व विधायक लतिका शर्मा बढ़ा रहीं भाजपा की मुश्किलें, शक्ति रानी शर्मा के लिए चुनौती
कालका विधानसभा सीट पर भाजपा को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व विधायक लतिका शर्मा की नाराजगी दूर नहीं हो रही है और उनके समर्थक लगातार पार्टी छोड़कर कांग्रेस में जा रहे हैं। वहीं कालका क्षेत्र में समस्याओं का अंबार है जिसमें पिंजौर मार्केट में लगने वाला जाम सड़कों की खस्ताहालत पानी की कमी अस्पतालों में सुविधाओं का अभाव और अच्छी शिक्षा का अभाव शामिल है।
जागरण संवाददाता, कालका। भाजपा की पूर्व विधायक लतिका शर्मा की नाराजगी दूर नहीं हो रही है। उनके समर्थक लगातार पार्टी छोड़कर कांग्रेस में जा रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में लतिका शर्मा के समर्थक माने जाने वाले भाजपा के कुछ पार्षद कांग्रेस में चले गए हैं। लतिका शर्मा प्रचार से गायब हैं। हाल ही में उनके कुछ समर्थक पार्षद भाजपा को अलविदा कह गए हैं।
भाजपा हाईकमान प्रचार के लिए कर चुका है सम्पर्क
लतिका शर्मा कई बार भाजपा हाईकमान द्वारा संपर्क करके कालका में प्रचार के लिए कहा जा चुका है, जिसके चलते भाजपा के लिए कालका विधानसभा सीट एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। कार्यकर्ताओं का अंदरूनी असंतोष पार्टी के लिए मुशकिल बन सकता है।
पार्टी के लिए असंतुष्टों को साथ लेकर चलना चुनौती है। पार्टी के कई पुराने वर्कर चुप्पी साधे हुए है। कांग्रेस इस चुनाव में स्थानीय बनाम बाहरी को बड़ा मुद्दा बना रही है। स्थानीय बनाम बाहरी के नाम पर वोट मांग रही है। हालांकि विकास के नाम पर विधायक भी कालका में कोई काम करवाने में सफल नहीं हुए।
कालका क्षेत्र में समस्याओं का अंबार
कालका क्षेत्र में समस्याओं की भरमार से लोगों में रोष है। लोगों का कहना है कि पिछले 5 वर्ष में यहां पर विकास नहीं हुआ। हम वोट किस आधार पर दें। लोगों के मुताबिक इस विधानसभा क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या पिंजौर मार्केट में लगने वाला जाम है।
अक्सर लोगों को इस जाम में एक से दो घंटे तक फंसे रहना पड़ता है। जाम से निजात दिलाने के लिए जमीनी स्तर पर कुछ नहीं हुआ। इसके अलावा हाईवे से कालका तक जाने वाली सड़क की खस्ताहालत पर अभी तक किसी का ध्यान नहीं जाता है।
जबकि इस सड़क से आए दिन हजारों की संख्या में वाहन गुजरते है। लेकिन सड़क पर जगह जगह गड्डे बने हुए है। जिसकी वजह से आए दिन हादसे भी हो रहे है।
इन समस्याओं का चाहते हैं हल
काली माता मंदिर में पार्किंग की व्यवस्था, एचएमटी को पुन: जीवित करवाकर उद्योग स्थापित करवाना, मोरनी में पानी की उपलब्धता के लिए डैमो की व्यवस्था, विभिन्न गांवों में सड़कों की हालत सुधारना, रायपुररानी को सबडिवजीवन का दर्जा मिलने जैसे काम अधूरे है।
मोरनी की ढाणियों में सड़कों की बदहाली गर्भवती महिलाओं के लिए बड़ी मुसीबत बनती है, क्योंकि गर्भवती महिलाओं को बार-बार चेकअप के लिए अस्पताल जाना हो तो वो कच्चे रास्ते से जाती हैं जो उनके लिए जोखिम भरा होता है।
कई बार तो गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी के मौके पर अस्पताल पहुंचाना भी काफी परेशानी भरा हो जाता है। एसडीएच अस्पताल, कालका-पीएचसी, पिंजोर अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध नहीं है। रेडियोलाजिस्ट ना होने के कारण महिलाओं एवं अन्य लोगों को या तो प्राइवेट अल्ट्रासाउंड करवाना पड़ता है या फिर नागरिक अस्पताल सेक्टर 6 आना पड़ता है।
कालका अस्पताल में तीन डाक्टरों के पद खाली है। बुजुर्गों व आमजन के हड्डी सम्बंधित रोगों के लिए (ऑर्थोपेडिशियन) नहीं है। अन्य विशेषज्ञों का होना अति आवश्यक है, जोकि अभी इस इलाके में नही है व आमजन को समस्याओ का सामना करना पड़ता है।
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अच्छी शिक्षा का आभाव
यहां के बच्चों को चंडीगढ़ पंचकूला जैसी शिक्षा नहीं, खेल को बढ़ावा देने पर ध्यान नहीं दिया। प्लेग्राउंड, स्टेडियम और अच्छे प्रशिक्षण नहीं मिल रहे। बच्चों को हायर एजुकेशन में अच्छे इंजीनियरिंग या ट्रेनिंग कॉलेज भी लाने की ज़रूरत है। स्थानीय विधायक बहाने करते रहे कि उनकी सरकार नहीं है। विधायक ने बहानेबाजी के अलावा कुछ नहीं किया।
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