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Bajrang Punia: कुश्ती के मैदान से लेकर सियासी रण तक, बजरंग एक अलग 'दंगल' के लिए तैयार; किस सीट से लड़ेंगे चुनाव?

Bajrang Punia Profile भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया (Who is Bajrang Punia) और विनेश फोगाट ने आज कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली है। पार्टी उन्हें विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी बना सकती है। बजरंग पूनिया ने कांग्रेस ज्वाइन करने के दौरान कहा कि हम पार्टी में रहकर मेहनत करेंगे और आगे बढ़ेंगे। ब्रजभूषण के खिलाफ आंदोलन में पूनिया सबसे आगे थे।

By Agency Edited By: Prince Sharma Updated: Fri, 06 Sep 2024 06:17 PM (IST)
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Bajrang Punia: बजरंग पूनिया कौन हैं, जिन्होंने कांग्रेस ज्वाइन की

पीटीआई, पंचकूला। Haryana Election 2024:  भारतीय रेसलर बजरंग पूनिया ने आज विनेश फोगाट के साथ नई दिल्ली में कांग्रेस ज्वाइन की। टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता और भारतीय कुश्ती में सबसे मशहूर नामों में शुमार बजरंग अब राजनीति के मैदान पर उतरने के लिए तैयार हैं। ऐसी चर्चा है कि बजरंग को कांग्रेस विधानसभा चुनाव (Haryana vidhan sabha chunav) में उतार सकती है।

भारतीय कुश्ती दिग्गजों के इतिहास में बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) का नाम सबसे ऊपर है। बजरंग ने अपने करियर के दौरान कई उतार-चढ़ाव देखे। वह फ्रीस्टाइल भार वर्ग में विश्व में नंबर-1 रैंक पाने वाले पहले भारतीय थे और चार विश्व पदक जीतने वाले भी पहले व्यक्ति।

30 वर्षीय बजरंग ने आधिकारिक तौर पर यह नहीं कहा है कि वह खेल छोड़ रहे हैं, लेकिन जिस दिशा में उनका करियर जा रहा है, उससे साफ है कि अब जनसेवा खेल की तुलना में प्राथमिकता के तौर पर रहेगी। बजरंग के राजनीति में एंट्री करने की शुरुआत अचानक नहीं बल्कि काफी महीने पहले ही शुरु हो गई थी।

बृजभूषण के खिलाफ खोला था मोर्चा

पिछले साल भाजपा के कद्दावर नेता और तत्कालीन भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के विरोध में बजरंग पूनिया ने जमकर खिलाड़ियों के साथ आंदोलन किया।

इस अभूतपूर्व आंदोलन में उनकी पत्नी संगीता फोगाट भी साथ रहीं। आंदोलन में विनेश फोगाट, साक्षी मलिक सहित कई खिलाड़ी दिल्ली की सड़कों पर आंदोलन कर रहे थे। वे शरण सिंह द्वारा कथित रूप से परेशान और डराए गए लोगों के लिए न्याय की मांग कर रहे थे। 

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14 साल में शुरू किया अखाड़ा

हरियाणा के झज्जर में साधारण से परिवार में जन्मे और पले-बढ़े बजरंग पूनिया परिवार को बिना बताए ही सुबह-सुबह घर से ट्रेनिंग करने निकल जाते थे। आखिरकार 14 साल की उम्र में वे अखाड़े में शामिल हो गए। उनकी इसी ललक और समर्पण ने उन्हें एक इंटरनेशनल स्टार बना दिया और अपनी उपलब्धियों के दम पर वह खेल के क्षेत्र में सुपरस्टार कहलाए।

बजरंग पूनिया हमेशा से ही मैदान पर सबसे बहादुर खिलाड़ी के रूप में जाने जाते थे। इसलिए, वे तत्कालीन  भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) अध्यक्ष की कथित तानाशाही रवैए के बारे में बात करते हुए परेशान नहीं हुए।

NADA ने किया था निलंबित

उन्होंने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) के संचालन के तरीकों पर सवाल खड़े किए। उन्होंने डोप सैंपल देने से यह कहते हुए इनकार क दिया। जिसके परिणामस्वरूप उन्हें सस्पेंड भी कर दिया गया। बजरंग का मानना ​​था कि NADA ने परीक्षण करने के लिए एक्सपायर हो चुकी किट का इस्तेमाल किया था। 

जब साथी पहलवानों विनेश और साक्षी के साथ सड़कों पर उतरे तब तक बजरंग पहले से ही ओलंपिक पदक विजेता थे। चार विश्व चैम्पियनशिप पदक, दो एशियाई खेल, तीन राष्ट्रमंडल खेल और आठ एशियाई चैम्पियनशिप पदक जीत चुके थे।

उनके आलोचकों ने उन्हें अवसरवादी कहा और संदेह जताया कि बजरंग अपनी राजनीतिक स्थिति के कारण कुश्ती में आगे भी बने रह सकते हैं या नहीं। लेकिन अगर वे ऐसा नहीं कर सकते तो भी बजरंग ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी लगातार सफलता के साथ साबित कर दिया है कि वे देश के बेहतरीन एथलीटों में से एक हैं। अब वे एक अलग 'दंगल' के लिए कमर कस रहे हैं, जहां उनके आक्रामक कदम नहीं बल्कि समर्थन और वोट उनकी किस्मत तय करेंगे।

कहां से लड़ सकते हैं बजरंग

बजरंग पूनिया ने आज कांग्रस का हाथ थाम लिया है। ऐसे में कांग्रेस उन्हें बादली विधानसभा सीट से टिकट दे सकती है। इसके अलावा बहादुरगढ़ या भिवानी सीट भी विकल्प में है। कांग्रेस की सूची में यह क्लियर हो जाएगा कि बजरंग किस सीट से ताल ठोकेंगे।

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