G20 Summit में हरियाणवी संस्कृति के दर्शन, मिट्टी के बर्तन और पीतल की मूर्तियां देख आकर्षित हुए विदेशी मेहमान
दिल्ली में आयोजित G20 समिट में हरियावणी संस्कृति की झलक देखने को मिली है। भारत मंडपम में सजी हरियाणा की पवेलियन ने विदेशी मेहमानों को अपने ओर आकर्षित किया। पीतला का नाचता हुआ मोर भगवान गणेश की नक्काशी की हुई लकड़ी की मूर्तियां टेराकोटा के बने रंगीन बर्तन और कमरों में लगाए जाने वाले झूमर-झालर सहज ही हर किसी का मन आकर्षित कर रहे थे।
By Anurag AggarwaEdited By: Rajat MouryaUpdated: Sun, 10 Sep 2023 03:57 PM (IST)
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। Haryanvi Culture In G20 Summit नई दिल्ली के प्रगति मैदान में सजे भारत मंडपम जी-20 में हरियाणा का पेवेलियन विदेशी मेहमानों के आकर्षण का केंद्र बना रहा। विदेशी मेहमानों ने हरियाणा की सभ्यता, संस्कृति और इतिहास के बारे में न केवल बारीकी से जानकारी प्राप्त की, बल्कि पेवेलियन में रखे पहली मानव सभ्यता के टेराकोटा (मिट्टी) से निर्मित बर्तनों को देखकर खुशी जाहिर की। पूरे देश में मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाने और खाने का प्रचलन बड़ी तेजी के साथ बढ़ रहा है। मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाने से उसकी पौष्टिकता व गुणवत्ता बरकरार रहती है।
भारत मंडपम में सजी हरियाणा पवेलियन में रेवाड़ी में तैयार मशहूर पीतल की मूर्तियां विदेशी मेहमानों के आकर्षण का विशेष केंद्र बनी रही। कदम और शीशम की लकड़ी से तैयार प्रतिमाओं ने विदेशी मेहमानों को खूब लुभाया। इन मूर्तियों व प्रतिमाओं पर नक्काशी का बारीक काम हो रखा था, जिसने विदेशी मेहमानों को अपने स्टाल पर काफी देर तक ठहराए रखा।हिसार के राखीगढ़ी में खुदाई के दौरान जितने भी मिट्टी के बर्तन (टेराकोटा) मिले हैं, उनमें से कुछ बर्तनों को हरियाणा पेवेलियन में सजाया गया था। पीतला का नाचता हुआ मोर, भगवान गणेश की नक्काशी की हुई लकड़ी की मूर्तियां, टेराकोटा के बने रंगीन बर्तन और कमरों में लगाए जाने वाले झूमर-झालर सहज ही हर किसी का मन आकर्षित कर रहे थे। भगवान नटराज की नृत्य करती हुई पीतल की प्रतिमा से विदेशी मेहमान खूब प्रभावित हुए।
भारत मंडपम #G20 के सफल आयोजन के लिए पूरी तरह तैयार है। मंडपम में हरियाणा प्रदेश का पवेलियन आकर्षण का केंद्र बन रहा है।
विदेशी मेहमान यहाँ हरियाणा की सभ्यता, संस्कृति और इतिहास से रूबरू हो रहे हैं, हरियाणा के पवेलियन में पहली मानव सभ्यता के टेराकोटा से निर्मित बर्तन प्रदर्शित… pic.twitter.com/fUWRVILMiT
— CMO Haryana (@cmohry) September 8, 2023
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क्या है G20 समिट?
G-20 को ग्रुप ऑफ ट्वेंटी कहा जाता है, इस समूह के 19 देश सदस्य हैं। ग्रुप का 20वां सदस्य यूरोपीय संघ है। जी-20 समिट का आयोजन साल में एक बार होता है, हालांकि 2008 से शुरुआत के बाद 2009 और 2010 में जी-20 समिट का आयोजन दो-दो बार किया गया था। इस सम्मेलन में ग्रुप के सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष को बुलाया जाता है और कुछ अन्य देशों को भी बुलाया जाता है। इसके बाद सभी देशों के राष्ट्राध्यक्ष बैठकर कई मुद्दों पर चर्चा करते हैं। भारत की अध्यक्षता में इस साल जी-20 सम्मेलन दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित किया गया। जिससे पूरी दुनिया में भारत का गौरव, रुतबा और सम्मान बढ़ा है। राष्ट्राध्यक्षों को दिए रात्रिभोज में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी शामिल हुए हैं।हरियाणा को मिला शेरपा की बैठक की मेजबानी का मौका
राष्ट्राध्यक्षों के दो दिवसीय सम्मेलन से पहले हरियाणा के नूंह में चार दिवसीय शेरपा बैठक का आयोजन किया गया। शेरपा का सीधा मतलब बहादुर होता है। इन बैठकों में शामिल होने वाले सभी देशों की तरफ से एक ना एक शेरपा होता है। इस बार भारत की तरफ से शेरपा की भूमिका में अमिताभ कांत रहे हैं। अमिताभ कांत एक रिटायर प्रशासनिक अधिकारी हैं, जो नीति आयोग के सीईओ रह चुके हैं।
बता दें कि शेरपा एक समुदाय है। इस समुदाय के लोग नेपाल और तिब्बत की दुर्गम पहाड़ियों में रहते हैं। ये पहाड़ों की ऊंची-ऊंची चोटियों पर चढ़ने में माहिर होते हैं। जी 20 की बैठक में अपने देश की बात को रखना, अपने देश के नेता ने क्या कहा है, उसकी बातों को इस बैठक में शामिल अन्य देशों के नेताओं के समक्ष कैसे प्रस्तुत करना है, यह भी किसी बहादुरी से कम नहीं होता है। इस बार जी 20 का थीम एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य रहा है। यानी इस थीम को लेकर भारत का क्या नजरिया है, इसकी जानकारी भी भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने नूंह में आयोजित बैठकों में दी है।
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