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इनेलो-बसपा भी बीजेपी को करेंगी सपोर्ट? गोपाल कांड के बयान ने मचा दिया बवाल, क्या टूट जाएगा त्रिकोणीय गठबंधन

Haryana Assembly Election हरियाणा लोकहित पार्टी के प्रमुख गोपाल कांडा ने एक सियासी बयान देकर अपने विरोधी दलों को परेशानी में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में इनेलो-बसपा और हलोपा का गठबंधन चुनाव जीतने के बाद भाजपा के साथ सरकार बनाएंगे। गोपाल कांडा के इस बयान पर पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने सोशल मीडिया पर शायराना अंदाज में तंज कसा।

By Jagran News Edited By: Rajiv Mishra Updated: Mon, 16 Sep 2024 12:24 PM (IST)
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चुनाव जीतने के बाद भाजपा के साथ सरकार बनाएंगे- गोपाल कांडा (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में इनेलो और बसपा के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ रहे हरियाणा लोकहित पार्टी (हलोपा) प्रमुख गोपाल कांडा ने अपने सहयोगी दलों को मुश्किल में डाल दिया है। गोपाल कांडा ने कहा कि हलोपा-इनेलो-बसपा गठबंधन के चुनाव जीतने के बाद भाजपा के साथ मिलकर राज्य में तीसरी बार सरकार बनाएंगे। हलोपा राष्ट्रीय स्तर पर अभी एनडीए का ही हिस्सा है।

दुष्यंत ने शायराना अंदाज में कसा तंज

गोपाल कांडा के इस बयान पर हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम और जननायक जनता पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दुष्यंत चौटाला ने निशाना साधा है। दुष्यंत ने इंटरनेट मीडिया पर लिखा है, ऊपर से समझौते, ऊपर से ही पैसे, सब कर दिये इकट्ठे ये एक जैसे, इनको दे रखा है आका ने एक हुक्म, सरकार बनवाओ भाजपा की जैसे-तैसे।

भाजपा से हलोपा का नहीं हो पाया था गठबंधन

गोपाल कांडा की हरियाणा लोकहित पार्टी और भाजपा के बीच गठबंधन करने को लेकर कई दौर की बातचीत चली थी, लेकिन बात नहीं बनी। 10 विधानसभा सीटें मांगने से बात करने वाली हलोपा सिरसा जिले की तीन से चार विधानसभा सीटों पर राजी हो गई थी, लेकिन भाजपा के रणनीतिकार यह सीटें भी देने को तैयार नहीं हुए।

इन पार्टियों से भी भाजपा ने नहीं किया गठबंधन

हलोपा के अलावा राज्यसभा सदस्य जयंत चौधरी की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल और पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा की हरियाणा जनचेतना पार्टी के साथ भी भाजपा ने गठबंधन नहीं किया। विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय शर्मा भाजपा के सहयोग से राज्यसभा पहुंचे हुए हैं, उनकी पत्नी शक्ति रानी शर्मा कालका से हरियाणा जनचेतना पार्टी से चुनाव लड़ रही हैं।

इनेलो और बसपा के साथ चुनाव लड़ रही हलोपा

भाजपा के रणनीतिकारों ने राष्ट्रीय लोकदल, हरियाणा जनचेतना पार्टी और हरियाणा लोकहित पार्टी के साथ प्रत्यक्ष गठबंधन करने की बजाय उन्हें अपनी सुविधा अनुसार चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र कर दिया, जिसके बाद हलोपा ने इनेलो व बसपा के साथ गठबंधन कर लिया और सिरसा सीट पर स्वयं गोपाल कांडा ने चुनावी ताल ठोक दी। कांडा ने पूरे पांच साल तक भाजपा सरकार को समर्थन दिए रखा था।

गोपाल कांडा बोले, मेरी मां भाजपा को वोट देती है

गोपाल कांडा ने कहा कि जब मैं 2009 में निर्दलीय चुनाव मैदान में था तो मैंने अपनी मां को कहा कि इंजन के चुनाव चिह्न वाला बटन दबाना है। तब मेरी मां ने कहा कि मैं कमल के फूल के अलावा कहीं वोट नहीं डालूंगी। कांडा ने कहा कि मेरा परिवार आरएसएस का परिवार है।

उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सिरसा सीट छोड़ने के लिए भी कहती तो मैं उस पर भी विचार कर लेता, मगर कभी मुझे पार्टी ने ऐसा कहा नहीं। भाजपा को पता है कि मैं इस सीट पर जीतने वाला उम्मीदवार हूं। बता दें कि इनेलो-बसपा और हलोपा का पूरे हरियाणा में एक ही सीट पर उम्मीदवार है। हलोपा सिरसा सीट पर ही चुनाव लड़ रही है और इनेलो-बसपा उसे समर्थन कर रहे हैं।

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इनेलो और बसपा का पिछले चुनाव में प्रदर्शन

इनेलो ने 2019 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की 90 में से 81 सीटों पर चुनाव लड़ा था। लेकिन वह केवल एक सीट ही जीत पाई थी। उस चुनाव में इनेलो को 2.44 फीसदी वोट मिले थे। दूसरी तरफ बसपा ने 87 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन वह प्रदेश में एक भी सीट नहीं जीत पाई। बसपा ने इस चुनाव में 4.21 फीसदी वोट हासिल किए थे।

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