जाट आरक्षण आंदोलन-2015 में से 407 केस सरकार ले रही वापस, HC ने कहा-SIT दो हजार केस कैसे करेगी जांच
Jat reservation Protest in Haryana हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के चलते मुरथल में सामूहिक दुष्कर्म व राज्य में हिंसा मामले की जांच की रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की गई। सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र अनुपम गुप्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि इस मामले को लेकर कुल 2015 केस दर्ज हैं जिसमें से सरकार लगभग पांचवा हिंसा यानी 407 केस वापस लेना चाहती है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Jat reservation Protest in Haryana: हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के चलते मुरथल में सामूहिक दुष्कर्म व राज्य में हिंसा मामले की जांच की रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की गई। पिछली सुनवाई पर हाईकोर्ट ने मामले की जांच के लिए गठित आइजी अमिताभ ढिल्लों की एसआइटी से मामले की स्टेटस रिपोर्ट तलब की थी।
जाट आरक्षण आंदोलन - 2015 में से 407 केस सरकार ले रही वापस
बृहस्पतिवार को मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र अनुपम गुप्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि इस मामले को लेकर कुल 2015 केस दर्ज हैं जिसमें से सरकार लगभग पांचवा हिंसा यानी 407 केस वापस लेना चाहती है।
सभी पक्षों को सुनने के बाद कार्यवाहक चीफ जस्टिस जीएस संधावालिया व जस्टिस लुपिता बनर्जी पर आधारित डिवीजन बेंच ने सवाल उठाया कि एक एसआइटी 2000 के करीब मामले कैसे जांच कर सकती है। कोर्ट ने सभी पक्षों को बहस के लिए चार सप्ताह का समय देते हुए मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।
जाट नेताओं पर दर्ज मामले वापस ले सकती है सरकार
पिछले दिनों हरियाणा सरकार जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान जाट नेताओं पर दर्ज मामले वापस लेने पर विचार कर रही थी और संभावना थी कि इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकार अर्जी दायर कर कोर्ट से इस बाबत इजाजत लेगी।आरोपित दिलावर सिंह ने HC में दायर की जमानत याचिका
हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के घर पर तोड़-फोड़ व वाहनों को जलाने के आरोपित दिलावर सिंह ने हाईकोर्ट में जमानत की याचिका दायर की थी, इस जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया था कि सुप्रीम कोर्ट इन मामलों का ट्रायल दिसंबर 2018 तक पूरा किए जाने का आदेश दे चुका है।
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