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Haryana Sports Associations: खेल संघों पर अब सरकार का पहरा, बिना मान्यता के लगेगा जुर्माना; मनमानी पर लगेगी लगाम

हरियाणा में अब प्रदेश और जिला स्तर पर खेल संघों पर सख्ती की है। जो खेल संघ बिना मान्यता के चलाए जा रहे हैं उनकी मनमानी अब नहीं चल सकेगी। बगैर पंजीकरण के राज्य स्तर का खेल संघ चलाने पर पांच से दस लाख रुपये और क्षेत्रीय स्तर के अपंजीकृत खेल संघ पर 50 हजार से एक लाख रुपये तक जुर्माना होगा।

By Sudhir Tanwar Edited By: Deepak Saxena Updated: Sat, 23 Mar 2024 08:04 PM (IST)
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खेल संघों पर अब सरकार का पहरा, बिना मान्यता के लगेगा जुर्माना (सांकेतिक)।
सुधीर तंवर, चंडीगढ़। हरियाणा में अब राज्य या जिला स्तर पर कोई भी खेल संघ बगैर मान्यता के नहीं चलाया जा सकेगा। खेल संघों पर हावी राजनीति और खिलाड़ियों के आर्थिक शोषण की लगातार शिकायतों पर एक्शन लेते हुए प्रदेश सरकार ने खेल संघों की मनमानी रोकने के लिए इनका पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है।

विधानसभा के बजट सत्र में पारित हरियाणा राज्य खेल संघ (पंजीकरण और विनियमन विधेयक) पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की मुहर के बाद विधि और विधायी विभाग की प्रशासनिक सचिव रितू गर्ग ने नए नियमों की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके साथ नया कानून लागू हो गया है।

खेल संघों को मान्यता देने के लिए हरियाणा खेल पंजीकरण परिषद और क्षेत्रीय खेल पंजीकरण परिषद बनाई जाएंगी। बगैर पंजीकरण के राज्य स्तर का खेल संघ चलाने पर पांच से दस लाख रुपये तक जुर्माना किया जाएगा। इसी तरह क्षेत्रीय स्तर के अपंजीकृत खेल संघ पर 50 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक जुर्माने का प्रविधान किया गया है।

जिला खेल अधिकारी होंगे सदस्य सचिव

अंतरराष्ट्रीय स्तर के हरियाणवी खिलाड़ी या फिर न्यूनतम 25 साल का सामान्य प्रशासन या कानून का अनुभव रखने वाले व्यक्ति की अध्यक्षता में हरियाणा खेल रजिस्ट्रेशन काउंसिल बनाई जाएगी, जिसमें खेल निदेशक सदस्य सचिव होंगे। राज्य स्तर के सभी खेल संघों को इस काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराना होगा जो तीन साल के लिए मान्य होगा। इसके बाद उसे फिर मान्यता रिन्यू करानी होगी। इसी तरह खेल संघों को क्षेत्रीय स्तर पर मान्यता के लिए मंडलायुक्त स्तर के अधिकारी की अगुवाई में क्षेत्रीय खेल रजिस्ट्रेशन काउंसिल बनाई जाएंगी। जिले के उपायुक्त इसमें सदस्य होंगे, जबकि जिला खेल अधिकारी को सदस्य सचिव की जिम्मेदारी दी जाएगी।

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गैर मान्यता प्राप्त खेल संघों से जुड़े खिलाड़ियों को न नौकरी, न कोई आर्थिक लाभ

नया कानून लागू होने के बाद अब प्रदेश में कोई भी खेल संघ पंजीकरण कराए बिना किसी तरह की खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन नहीं कर सकेगा और न ही खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देगा। गैर पंजीकृत खेल संघों को खेल प्रतियोगिताएं आयोजित कराने की अनुमति नहीं होगी। गैर मान्यता प्राप्त खेल संघों से जुड़े खिलाड़ियों को न सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता मिलेगी और न उन्हें कोई इनामी राशि या आर्थिक सहायता दी जाएगी।

खिलाड़ियों की शिकायतों पर होगी जांच

खेल परिषदों को खिलाड़ियों की ओर से की जाने वाली शिकायतों की जांच का अधिकार दिया गया है। इन खेल परिषदों को अपनी देखरेख में चैंपियनशिप, प्रशिक्षण और रिकॉर्ड की जांच करने का अधिकार होगा। खेल संघों के कामकाज के आकलन के साथ ही उनकी जवाबदेही भी रहेगी। पंजीकृत जिला स्तरीय संघों को राज्य चैंपियनशिप में भाग लेने का अधिकार होगा, जबकि पंजीकृत राज्य स्तरीय संघों को राष्ट्रीय खेल आयोजनों में भाग लेने का अधिकार होगा।

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