Haryana News: राज्यपाल के एडीसी पर लगे धमकाने के आरोप, मछली व्यापारी ने HC में लगाई गुहार; जानिए क्या है पूरा मामला?
चंडीगढ़ के एक मछली व्यापारी ने राज्यपाल के एडीसी पर धमकाने के आरोप लगाए हैं। इसके चलते मछली व्यापारी ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई है। याची ने बताया कि राजभवन में बुलाकर उसे धमकाया गया और जबरन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए गए। साथ ही भुगतान नहीं करने पर हरियाणा पंजाब व चंडीगढ़ में फर्जी केस में फंसाने की धमकी भी देने के आरोप लगाए हैं।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के राज्यपाल के एडीसी पर धमकाने, फर्जी मामले में हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ में केस दर्ज करवाने की चेतावनी देते हुए दस्तावेजों पर जबरन दस्तखत करवाने का मछली व्यापारी ने आरोप लगाया है। इसके बाद याची ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई है।
याचिका का निपटारा करते हुए हाईकोर्ट ने उसके मांगपत्र हरियाणा व पंजाब सरकार सहित यूटी प्रशासन को निर्णय लेने का आदेश दिया है। याचिका दाखिल करते हुए चंडीगढ़ निवासी इसरार ने हाईकोर्ट को बताया कि वह शास्त्री मार्केट में मछलियों का कारोबार करता है। उसकी मछली के व्यापार को लेकर आंध्र प्रदेश के मनोज सोनकर से मौखिक तौर पर साझेदारी हुई थी। मार्च 2024 में इस व्यापार में घाटा हुआ और 1 करोड़ की देनदारी की एवज में केवल 56 लाख रुपये की वसूली हुई।
राज्यपाल के एडीसी पर लगाए गंभीर आरोप
उसने बताया कि इसके बाद पोंगल त्योहार के दौरान मछली के लिए भुगतान कर दिया गया। याची ने बताया कि मनोज कुमार सोनकर मछली पश्चिम बंगाल के व्यापारी गोपाल सरकार से खरीदता था और उसे 20 साल से जानता था। याची ने बताया कि बकाया भुगतान के बावजूद हरियाणा के राज्यपाल के एडीसी मोहर कृष्ण ने याची को राजभवन बुलाया और धमकी दी कि यदि मछलियों के व्यापारी को भुगतान नहीं किया गया तो वह गंभीर परिणाम के लिए तैयार रहे।
उसका पद ऐसा है कि वह हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ कहीं भी याची के खिलाफ फर्जी मामला दर्ज करवा सकता है। इसके बाद एक दिन फिर उसे व मनोज कुमार को राज भवन बुलाया और मनोज से भुगतान का हलफनामा लेकर याची के गवाह के तौर पर हस्ताक्षर ले लिए गए।
उच्चाधिकारियों से भी लगाई गुहार
याची ने कहा कि इस मामले में उसने उच्चाधिकारियों से भी गुहार लगाई लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। ऐसे में याची ने हाईकोर्ट से अपील की कि हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ को निर्देश दिया जाए कि याची को परेशान न करें। साथ ही यदि उसकी किसी मामले में आवश्यकता हो तो 10 दिन का नोटिस दिया जाए। हाईकोर्ट ने याचिका का निपटरा करते हुए तीनों को इस मामले में मांगपत्र पर निर्णय लेने का आदेश दिया है।
ये भी पढ़ें: Haryana News: पांच माह से बंद शंभू बार्डर खुलवाने की मांग को लेकर HC में जनहित याचिका दायर, कोर्ट से की ये मांग