Haryana: बाबूगीरी में लटकी 56 हजार 500 कर्मचारियों और अधिकारियों की ACP, वित्त विभाग ने दी एक महीने की मोहलत
Haryana News हरियाणा में सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की सुनिश्चित कैरियर प्रगति लटकी हुई है। कई बार चेतावनी के बावजूद एसीपी के लंबित मामलों में कोई सुनवाई नहीं होते देख अब वित्त विभाग ने संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को एक महीने का समय दिया है। साथ ही चेतावनी दी है कि निर्धारित अवधि में एसीपी का लाभ नहीं दिए जाने पर संबंधित अधिकारियों का वेतन रोक लिया जाएगा।
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो: हरियाणा में सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को सुनिश्चित कैरियर प्रगति (एसीपी) का लाभ देने में बाबूगीरी रोडे अटकाने से बाज नहीं आ रही। प्रदेश में 56 हजार 500 कर्मचारियों-अधिकारियों की एसीपी सक्षम अधिकारियों की लापरवाही के चलते अटकी हुई है।
कई बार चेतावनी के बावजूद एसीपी के लंबित मामलों में कोई सुनवाई नहीं होते देख अब वित्त विभाग ने संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को एक महीने का समय दिया है। साथ ही चेतावनी दी है कि निर्धारित अवधि में एसीपी का लाभ नहीं दिए जाने पर संबंधित अधिकारियों का वेतन रोक लिया जाएगा।
पिछले साल एक अगस्त से बनाई गई थी नई व्यवस्था
प्रदेश सरकार ने एसीपी का समयबद्ध लाभ देने में मानवीय हस्तक्षेप को खत्म करने और भ्रष्टाचार के रास्ते बंद करने के लिए पिछले साल एक अगस्त से नई व्यवस्था बनाई थी। एसीपी की फाइलें भौतिक (फिजकली) की बजाय मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (एचआरएमएस पोर्टल) के जरिये अग्रसारित की जाएंगी। वित्त विभाग ने हाल ही में एचआरएमएस पोर्टल पर एसीपी के मामलों की स्थिति की समीक्षा तो पता चला कि केवल कुछ विभागों ने ही नया सिस्टम लागू किया है।
नोडल अधिकारियों की कार्यशाला आयोजित की गई
एचआरएमएस पोर्टल पर एसीपी के कुल 88 हजार 800 मामलों में से 56 हजार 500 मामले लंबित हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए विगत 11 और 12 जुलाई को सभी नोडल अधिकारियों की कार्यशाला आयोजित की गई ताकि एसीपी के लंबित मामलों को निपटाने में तेजी लाई जा सके।
इसके बावजूद स्थिति में सुधार न होने पर वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने नाराजगी जताते हुए सभी विभागाध्यक्षों, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार, मंडलायुक्तों, उपायुक्तों और उपमंडल अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।
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सरकार का उद्देश्य विफल
आदेशों में कहा गया है कि एसीपी मामलों के प्रसंस्करण में देरी से न केवल सरकार का उद्देश्य विफल हो जाता है, बल्कि कर्मचारियों को भी समयबद्ध एसीपी नहीं मिलने से नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसलिए सभी विभाग एसीपी के सभी लंबित मामलों को एक महीने के भीतर एचआरएमएस पर उचित ढंग से संसाधित कराएं। अन्यथा दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों का अगले महीने का वेतन रोका जा सकता है।
कई विभागों ने सिस्टम को दरकिनार कर एक व्यक्ति को दिए सारे अधिकार
एचआरएमएस पर ऑनलाइन एसीपी प्रक्रिया निर्धारित की गई है। इसमें एसीपी मामलों के लिए फिजिकल फाइल न भेजकर पोर्टल के जरिये ही सभी अधिकारियों को उपयोगकर्ता बनाकर मामलों को आनलाइन अग्रेषित किया जाता है। चूंकि एसीपी माड्यूल एक वर्क फ्लो आधारित माड्यूल है, इसलिए अलग-अलग उपयोगकर्ताओं की अलग-अलग भूमिका होती है यथा फाइल आरंभ करने वाले प्राधिकारी, अग्रेषण प्राधिकारी, अनुमोदन प्राधिकारी और आर्डर जनरेटिंग प्राधिकारी।
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वहीं, कई विभागों ने एसीपी माड्यूल में एसीपी मामलों की शुरुआत से लेकर अग्रेषण, अनुमोदन और अनुदान के आदेश तैयार करने तक का सारा काम एक ही व्यक्ति को सौंप दिया है जो सरासर नियमों का उल्लंघन है। वित्त विभाग ने इस पर तुरंत अंकुश लगाने की चेतावनी दी है।