Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Haryana: प्रॉपर्टी टैक्‍स जमा कराने पर फिर मिली 15% छूट, संपत्ति मालिकों को पोर्टल पर डाटा करना होगा वेरिफाइड

Haryana News हरियाणा में प्रॉपर्टी टैक्‍स जमा कराने पर फिर 15 प्रतिशत छूट। 15 नवंबर तक योजना का लाभ उठाया जा सकेगा। शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त और सचिव विकास गुप्ता ने इस संबंध में लिखित आदेश जारी कर दिए हैं। संपत्ति कर में छूट का लाभ लेने के लिए संपत्ति मालिकों को विभाग के पोर्टल पर जाकर डाटा स्व-प्रमाणित करना होगा।

By Sudhir TanwarEdited By: Himani SharmaUpdated: Fri, 06 Oct 2023 03:20 PM (IST)
Hero Image
प्रॉपर्टी टैक्‍स जमा कराने पर फिर मिली 15% छूट (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: प्रदेश सरकार ने शहरों के लाखों लोगों को राहत देते हुए प्रापर्टी टैक्स के भुगतान पर 15 प्रतिशत छूट की योजना को फिर शुरू कर दिया है। 15 नवंबर तक योजना का लाभ उठाया जा सकेगा। शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त और सचिव विकास गुप्ता ने इस संबंध में लिखित आदेश जारी कर दिए हैं। संपत्ति कर में छूट का लाभ लेने के लिए संपत्ति मालिकों को विभाग के पोर्टल पर जाकर डाटा स्व-प्रमाणित करना होगा।

ऑल सेक्टर रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप वत्स ने छूट की योजना में डाटा स्वप्रमाणित करने की शर्त लगाने पर एतराज जताया है। उन्होंने कहा कि प्रापर्टी टैक्स के भुगतान पर 30 प्रतिशत की छूट दी जाए। प्रापर्टी टैक्स के बिलों में गलत गारबेज चार्ज जोड़ने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि इसे तुरंत वापस लिया जाए।

यह भी पढ़ें: GST Reward: सरकार की GST बिल योजना से होगी इनामों की बौछार, ग्राहक जीत सकते एक करोड़ रुपये

शहरों में जो प्रापर्टी टैक्स के बिल बांटे गए हैं, उनमें बड़े स्तर पर प्रापर्टी आइडी में नाम, पता, फोन, प्लाट साइज सहित कई प्रकार की गड़बड़ी हैं। विभाग द्वारा हाउस टैक्स के साथ पिछले तीन वर्ष का कचरा कलेक्शन शुल्क मांगा जा रहा है, जबकि नियमानुसार नवंबर या दिसंबर 2022 से एक वर्ष का शुल्क लागू होना चाहिए था। इस तरह लोगों के बिलों के साथ लगभग दो से तीन हजार रुपये तक गलत राशि जोड़ कर भेजी गई है। इस कारण लाखों परिवारों में नाराजगी है।

शहरों में कचरा कलेक्शन की दरें

1. रेजिडेंशियल प्रापर्टी के लिए मासिक शुल्क -100 वर्ग मीटर तक के प्लाट में बने आवासीय भवन और हास्टल -20 रुपये -200 वर्ग मीटर तक के प्लाट में बने आवासीय भवन और हास्टल -40 रुपये -200 से 400 वर्ग मीटर तक के प्लाट में बने आवासीय भवन और हास्टल - 50 रुपये -400 वर्ग मीटर से अधिक प्लाट में निर्मित भवन और हास्टल - 100 रुपये -बीपीएल हाउस, ईडब्ल्यूएस फ्लैट, स्लम बस्ती - पांच रुपये -2000 वर्ग फीट तक कवर एरिया वाले फ्लैट्स/अपार्टमेंट (ईडब्ल्यूएस को छोड़कर) - 50 रुपये प्रति फ्लैट -2000 वर्ग फुट से अधिक कवर क्षेत्र वाले फ्लैट्स /अपार्टमेंट - 100 रुपये प्रति फ्लैट

2. व्यावसायिक साइटों के लिए मासिक शुल्क -व्यक्तिगत शाप व प्राइवेट आफिस जिनका 200 वर्ग फीट तक कवर्ड एरिया है और उसमें सर्विस स्टेशन, रेस्टोरेंट, ढाबा, मछली की दुकान, अनाज व सब्जी मंडी में दुकान

- 25 रुपये -व्यक्तिगत शाप व प्राइवेट आफिस जो जिसका 200 वर्ग फीट से अधिक कवर्ड एरिया है, उसमें सर्विस स्टेशन, रेस्टोरेंट, ढाबा, मछली की दुकान, अनाज व सब्जी मंडी में दुकान- 100 रुपये

-नर्सिंग होम, क्लीनिक, अस्पताल, औषधालय, बिना इनडोर सुविधा के 50 बेड तक के अस्पताल- 1500 रुपये -50 से 100 बेड तक के अस्पताल- 3000 रुपये -100 बेड से अधिक वाले अस्पताल- 5000 रुपये

यह भी पढ़ें:  हजारों की रिश्वत लेते विजिलेंस ने दो पुलिस वाले को रंगेहाथ पकड़ा, रेत का अवैध खनन करवाने के लिए मांग रहे थे पैसे

-शापिंग कांप्लेक्स जिसमें माल, सिनेमा हाल व नोटिफाइड स्लाटर हाउस है- कवर्ड एरिया पर 0.50 रुपये प्रति वर्ग फीट -बैंक, आडिटोरियम, गेस्ट हाउस, होटल 10 रूम तक- 500 रुपये

-मैरिज हाल, बैंक्वेट हाल, होटल 10 कमरों से अधिक तथा कामर्शियल लान- 4000 रुपये - 500 लोगों तक की मेंबरशिप सुविधा वाले क्लब और रेस्टोरेंट- 500 रुपये -500 लोगों से अधिक मेंबरशिप सुविधा वाले क्लब और रेस्टोरेंट- 1000 रुपये -पेट्रोल पंप, गैस स्टेशन- 1000 रुपये

3. आफिस एवं इंस्टीट्यूशनल भवनों के लिए मासिक शुल्क -केंद्र और राज्य सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के कार्यालय, कांप्लेक्स, वेलफेयर आर्गेनाइजेशन व सोसायटी-150 रुपये -सभी एजुकेशनल इंस्टीट्यूट दो एकड़ तक के प्लाट एरिया- 500 रुपये -एजुकेशनल इंस्टीट्यूट दो एकड़ से पांच एकड़ तक -1000 रुपये -एजुकेशनल इंस्टीट्यूट पांच एकड़ से ऊपर -5000 रुपये -सभी धार्मिक स्थल, धर्मशाला, खेल क्लब - चार्ज मुक्त 

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर