'किसान आंदोलन की मिल रही सजा', धान की कम खरीद को लेकर सुरजेवाला का हरियाणा और पंजाब सरकार पर हमला
हरियाणा और पंजाब में धान की खरीद में भारी कटौती से किसान परेशान हैं। रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने केंद्र सरकार पर किसानों को किसान आंदोलन की सजा देने का आरोप लगाया है। पिछले साल के मुकाबले दोनों राज्यों में 82 लाख 88 हजार 450 टन कम धान खरीदा गया है। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) नहीं मिल पा रहा है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा और पंजाब में धान की कम खरीद पर कांग्रेस हमलावर हो गई है। पार्टी के राज्यसभा सदस्य और राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि दोनों राज्यों के किसानों को किसान आंदोलन की सजा दी जा रही है।
किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एसएसपी) नहीं देना पड़े, इसके लिए धान की खरीद और किसानों के रजिस्ट्रेशन में आधी से ज्यादा कटौती कर दी है।
केंद्र सरकार पर लगाए ये आरोप
सुरजेवाला ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने पिछले पांच साल फर्टिलाइजर, फूड और फ्यूल सब्सिडी में तीन लाख 30 हजार करोड़ रुपये की कटौती कर दी है। साल 2020-21 में सब्सिडी सात लाख 58 हजार 165 करोड़ रुपये थी, जिसे चालू बजट में चार लाख 28 हजार 423 करोड़ रुपये कर दिया गया है। पिछले दो साल में ही फूड सब्सिडी में 78 हजार करोड़ रुपये की कटौती कर दी गई है। इसकी कीमत किसान व गरीब मजदूर को चुकानी होगी।यह भी पढ़ें- Haryana News: हरियाणा में सरकार बनने के बाद दिल्ली में बढ़ी गतिविधियां, राष्ट्रपति मुर्मु से मिले CM सैनीकांग्रेस सांसद ने कहा कि पिछले साल के मुकाबले पंजाब और हरियाणा में 82 लाख 88 हजार 450 टन धान की खरीद कम हुई है। हरियाणा में एमएसपी पर खरीद के लिए चार लाख 19 हजार 532 किसानों ने पंजीकरण कराया था, जिसमें केवल एक लाख 33 हजार 114 किसानों की फसल खरीद हुई है, जबकि दो लाख 86 हजार 418 किसान अभी तक वंचित हैं। प्रदेश में पिछले साल हुई 58.92 लाख टन धान की खरीद के मुकाबले इस साल अभी तक 37.23 लाख टन धान खरीदा गया है, जबकि धान खरीद 15 नवंबर को बंद हो जाएगी।
पंजाब सरकार पर भी उठाए सवाल
इसी तरह पंजाब में पिछले साल हुई 1.11 करोड़ टन धान खरीद के मुकाबले इस बार अभी तक 49.84 लाख टन धान खरीदा गया है। यानी कि पिछले साल के मुकाबले में अब तक आधी खरीद भी नहीं हुई। रजिस्टर्ड किसानों की संख्या भी सात लाख 98 हजार से घटकर तीन लाख 22 हजार रह गई है।राष्ट्रीय स्तर की बात करें तो 19 प्रांतों में एमएसपी पर धान बेचने के इच्छुक किसानों की संख्या एक करोड़ 11 लाख से घटकर 51 लाख 20 हजार रह गई है। धान खरीद भी सात करोड़ 19 लाख टन के मुकाबले अभी तक 92 लाख 46 हजार टन हुई है। ऐसे में 15 दिन में बाकी की खरीद कैसे हो पाएगी।
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