हाईकोर्ट ने गडरिया समुदाय को एससी में अधिसूचित करने पर जारी रखी रोक, हरियाणा सरकार से मांगा जवाब
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने गडरिया समुदाय को अनुसूचित जाति (SC) में अधिसूचित करने पर रोक जारी रखी है। हाई कोर्ट ने इस मामले में सरकार को जवाब देने के समय देते हुए मामले की सुनवाई स्थगित कर दी है। सरकार ने 1950 में संविधान की धारा 341 का उल्लंघन करते हुए हरियाणा में एससी की सूची को संशोधित किया था।
By Dayanand SharmaEdited By: Preeti GuptaUpdated: Sat, 14 Oct 2023 01:42 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार की उस अधिसूचना पर रोक जारी रखी है, जिसके तहत राज्य सरकार ने गडरिया समुदाय को अनुसूचित जाति (SC) में अधिसूचित किया था।
हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पर आधारित डिवीजन बेंच ने अंबेडकर मिशन संस्था, पलवल द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिए हैं। हाई कोर्ट ने इस मामले में सरकार को जवाब देने के समय देते हुए मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।
एससी की सूची की थी संशोधित
इस मामले में याचिकाकर्ता संस्था ने हरियाणा सरकार की 5 जुलाई 2020 की अधिसूचना को रद करने की मांग की थी जिसके तहत सरकार ने 1950 में संविधान की धारा 341 का उल्लंघन करते हुए हरियाणा में एससी की सूची को संशोधित किया था।सरकार ने गडरिया को एससी प्रमाणपत्र जारी करने का लिया था निर्णय
सरकार ने 7 जुलाई, 2020 को अधिसूचना जारी कर गडरिया जाति को एससी प्रमाणपत्र जारी करने का निर्णय लिया था। 5 जुलाई को, हरियाणा सरकार ने एक अधिसूचना जारी की, जिसमें गडरिया जाति को सांसी जाति के पर्याय के रूप में जोड़ा गया। इसके बाद, राज्य सरकार ने 7 जुलाई, 2020 को एक और अधिसूचना जारी कर निर्देश दिया कि अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र गडरिया जाति के सदस्यों को जारी किया जाए।यह भी पढ़ें- अब शराब पीकर बस चलाने वाले ड्राइवरों की खैर नहीं, पकड़े जाने पर तुरंत होंगे बर्खास्त
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