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Haryana Assembly Election 2024: बादशाहपुर में कांग्रेस के पास नहीं मजबूत उम्मीदवार, इस सीट पर BJP की भी टिकी निगाहें

Haryana Assembly Election 2024 हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियां तैयार हो गई हैं। बादशाहपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के पास कोई मजबूम उम्‍मीदवार नहीं है। वहीं इस सीट पर भाजपा भी नजर टिकाए बैठी है। साल 2019 में यहां के मतदाताओं ने न तो भाजपा को पसंद किया था और न ही कांग्रेस को महत्व दिया था। निर्दलीय उम्‍मीदवार ने इस सीट को अपने नाम कर लिया था।

By Jagran News Edited By: Himani Sharma Updated: Mon, 26 Aug 2024 10:53 AM (IST)
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हरियाणा की सबसे बड़ी विधानसभा सीट बादशाहपुर
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। Haryana Vidhansabha Chunav 2024: हरियाणा की सबसे बड़ी विधानसभा सीट बादशाहपुर (Badshahpur Assembly Seat) पर न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश की निगाह है। इस विधानसभा सीट पर हर बार करीब पांच लाख मतदाता मताधिकार का प्रयोग कर पसंद का विधायक चुनते हैं। प्रति व्यक्ति आय के हिसाब से बादशाहपुर हरियाणा की और संभवत: देश की सबसे अमीर विधानसभा है।

2019 में राकेश दौलताबाद ने जीती थी सीट

गुरुग्राम जिले का करीब 70 प्रतिशत शहरी इलाका इसी विधानसभा क्षेत्र में आता है। इसमें डीएलएफ, उद्योग विहार और आइएमटी मानेसर जैसे सारे इंडस्ट्रियल एरिया भी आते हैं। इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा दोनों की निगाह है।

साल 2019 में यहां के मतदाताओं ने न तो भाजपा को पसंद किया था और न ही कांग्रेस को महत्व दिया था। निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में राकेश दौलताबाद ने पूरे प्रदेश में सबसे अधिक एक लाख सात हजार मतों के अंतर से जीत हासिल करते हुए बादशाहत कायम की थी।

इस बार चुनावी रण में राकेश दौलताबाद की पत्नी

लोकसभा चुनाव के दिन बहुत कम उम्र में राकेश दौलताबाद का देहावसान हो चुका है। अब उनकी पत्नी कुमुदनी राकेश दौलताबाद चुनावी रण में हैं। फिलहाल बादशाहपुर की पंचायत ने मिलकर उन्हें चुनाव लड़ने के लिए तैयार किया है। कांग्रेस के पास चूंकि बादशाहपुर में कोई मजबूत उम्मीदवार नहीं है, इसलिए कांग्रेस उन्हें अपनी पार्टी का उम्मीदवार बनाने के बारे में गंभीरता से सोच रही है।

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भाजपा के पास कई मजबूत उम्मीदवार

बादशाहपुर में भाजपा के पास कई मजबूत उम्मीदवार हैं। साल 2014 में विधानसभा चुनाव जीतकर पीडब्ल्यूडी मंत्री बने राव नरबीर का भाजपा ने साल 2019 में टिकट काट दिया था। तब भाजपा युवा मोर्चा के तत्कालीन अध्यक्ष मनीष यादव को रण में उतारा गया था, लेकिन राकेश दौलताबाद के सामने कमाल नहीं कर पाए। इस बार भाजपा के पास राव नरबीर के साथ-साथ मुख्यमंत्री के पूर्व ओएसडी जवाहर यादव, कमल यादव और मनीष यादव के रूप में नये चेहरे हैं।

कांग्रेस ने मोहित ग्रोवर को अपनी पार्टी में किया शामिल

कांग्रेस ने हाल ही में गुरुग्राम से निर्दलीय चुनाव लड़कर 48 हजार वोट प्राप्त करने वाले मोहित ग्रोवर को अपनी पार्टी में शामिल किया है। कांग्रेस में 17 लोगों ने आवेदन किए हैं, लेकिन वर्धन यादव को छोड़कर कोई नाम गंभीर नहीं है। कांग्रेस के रणनीतिकारों की ओर से कुमुदनी दौलताबाद को पार्टी में शामिल कराने के लिए प्रयास चल रहे हैं।

2014 और 2019 में 10 हजार वोट ले पाई थी कांग्रेस

कांग्रेस 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में यहां सिर्फ 10 हजार वोट ले पाई थी। लगातार दो चुनाव में गुरुग्राम, सोहना और पटौदी में भी कांग्रेस की जमानत जब्त हुई थी। फिलहाल कांग्रेस में यहां जो दावेदार हैं, उनमें किसी का चुनावी रिपोर्ट कार्ड प्रभावशाली नहीं हैं।

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25 मई को दौलताबाद के आकस्मिक निधन के बाद उनकी पत्नी कुमुदनी दौलताबाद को लोगों की सहानुभूति भी मिल रही हैं। आमतौर पर किसी विधायक के आकस्मिक निधन के बाद उनके परिवार को चुनावी जीत मिल जाती हैं। कुमुदनी के कांग्रेस में आने से पार्टी को पूरे क्षेत्र में मजबूती मिल सकती है।

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