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Haryana Election 2024: भाजपा-कांग्रेस ग्राउंड पर तैयार, करा चुके चुनावी सर्वे; अब घोषणाओं की बैटिंग नहीं कर पाएंगे CM नायब

Haryana Election 2024 हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही लागू आदर्श चुनाव संहिता के कारण अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी खुलकर घोषणाओं की बैटिंग नहीं कर पाएंगे। मुख्यमंत्री नायब सैनी राज्य में स्वतंत्र रूप से कुल 73 दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। बीजेपी ने करीब साढे नौ साल तक राज करने के बाद बीती 12 मार्च को नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाया था।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Sat, 17 Aug 2024 12:04 PM (IST)
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Haryana Election 2024: हरियाणा चुनाव के लिए भाजपा-कांग्रेस ग्राउंड पर तैयार, करा चुके चुनावी सर्वे।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में विधानसभा चुनाव की अचानक घोषणा होने से प्रदेश के सभी राजनीतिक दल सकते में आ गए हैं। पिछली बार के मुकाबले करीब एक माह पहले चुनाव का ऐलान हो गया है। सत्तारूढ़ भाजपा सरकार समेत तमाम विपक्षी दल इस समय धरातल पर चुनावी माहौल तैयार करने में जुटे हुए थे।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी लगातार घोषणाएं कर रहे थे और उनकी अधिसूचनाएं जारी करवा रहे थे, लेकिन चुनाव की घोषणा होते ही मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर ब्रेक लग जाएगा। हरियाणा में भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई कई योजनाएं अंतिम चरण में हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा की गई कई घोषणाएं अभी पूरी नहीं हो पाई हैं।

90 हलकों में चुनावी सर्वे

राजनीतिक दृष्टिकोण से तैयारियों की अगर बात की जाए तो भारतीय जनता पार्टी ग्राउंड पर सभी 90 हलकों में चुनावी सर्वे करवा चुकी है। भाजपा के पर्यवेक्षकों की टीम चुनावी सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ग्राउंड पर वेरीफिकेशन भी कर चुकी है। भाजपा द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह की चुनावी रैलियों का कार्यक्रम भी तय किया जा चुका है।

टिकट के लिए कांग्रेस के पास 2556 आवेदन

भाजपा पिछले करीब एक माह से चुनावी मोड पर काम कर रही है, लेकिन उसे भी यह उम्मीद नहीं थी कि केंद्रीय चुनाव आयोग अचानक चुनाव की तारीख की घोषणा कर सकता है। दूसरी तरफ विपक्षी दल कांग्रेस भी चुनावी मोड में है। कांग्रेस द्वारा प्रदेश के सभी 90 विधानसभा हलकों से चुनाव लडऩे के चाहवानों से आवेदन लेने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

कांग्रेस के पास 2556 आवेदन आए हैं। दीपेंद्र हुड्डा, कुमारी सैलजा व रणदीप सुरजेवाला रैलियां कर रहे हैं। स्वयं भूपेंद्र हुड्डा रथ पर सवार होने को तैयार हैं। कांग्रेस राहुल गांधी तथा मल्लिकार्जुन खरगे की रैलियों का आयोजन करने वाली है।

आप ने भी अभी तक प्रत्याशी चयन प्रक्रिया शुरू नहीं की

पंजाब के बाद हरियाणा की राजनीति में अपनी जड़ें मजबूत करने में जुटी आम आदमी पार्टी पिछले कई दिनों से प्रदेश में हलका स्तर पर रैलियों का आयोजन कर रही है। आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के जेल में होने के कारण उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ने हरियाणा में प्रचार का जिम्मा संभाला हुआ है।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान तथा अन्य मंत्री हरियाणा में अधिक समय दे रहे हैं। आप ने भी अभी तक प्रत्याशी चयन प्रक्रिया को शुरू नहीं किया है। उम्मीद की जा रही है कि अगले कुछ दिनों में आप सबसे पहले अपनी पार्टी के उम्मीदवार राज्य में घोषित कर सकती है।

इनेलो और जजपा की प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया अभी नहीं पकड़ पाई गति

हरियाणा में साढे चार साल तक भाजपा के साथ गठबंधन में सत्ता की हिस्सेदार रही जननायक जनता पार्टी लोकसभा में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी, लेकिन जजपा नेता दुष्यंत चौटाला विधानसभा चुनाव लडऩे का ऐलान कर चुके हैं।

दुष्यंत व अन्य जेजेपी नेता इन दिनों संगठन का पुनर्गठन करने में लगे हुए हैं। जेजेपी ने अभी तक विधानसभा चुनाव के मद्देनजर रैलियों का ऐलान नहीं किया है। ऐसे में चुनाव की तैयारियों के लिहाज से जजपा को फिलहाल सबसे पीछे कहा जा सकता है।

हरियाणा में करीब दो दशक से हाशिये पर चल रही इंडियन नेशनल लोकदल का हाल ही में बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन हुआ है। इनेलो व बसपा के नेता मिलकर प्रदेश में चुनावी रैलियों का आयोजन कर रहे हैं। इनेलो व बसपा के बीच में विधानसभा सीटों का बंटवारा हो चुका है।

गठबंधन की तरफ से अभी तक कोई बड़ी रैली का आयोजन नहीं किया गया है, लेकिन इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला ने पहली बार दो दिन पहले विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार किया था, जिसके बाद गठबंधन के कार्यकर्ताओं में जोश बना हुआ है।

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73 दिन प्रदेश के स्वतंत्र मुख्यमंत्री रहे नायब सैनी

हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही लागू आदर्श चुनाव संहिता के कारण अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी खुलकर घोषणाओं की बैटिंग नहीं कर पाएंगे। मुख्यमंत्री नायब सैनी राज्य में स्वतंत्र रूप से कुल 73 दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं।

अब उनका अगला कार्यकाल चुनाव आचार संहिता में ही व्यतीत होगा। भारतीय जनता पार्टी ने करीब साढे नौ साल तक राज करने के बाद बीती 12 मार्च को तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल को बदलकर नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाया था।

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने 13 मार्च को हरियाणा विधानसभा में बहुमत हासिल किया था। उसके तीन दिन बाद ही 16 मार्च को लोकसभा चुनाव का ऐलान हो गया तथा देशभर में आचार संहिता लग गई। आचार संहिता के दौरान ही 19 मार्च को नायब मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ और नए मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की।

घोषणा करने के बाद अधिसूचना जारी की

इसके बाद सभी मंत्री फील्ड में उतर गए। लोकसभा चुनाव के परिणाम चार जून को घोषित किए गए और छह जून को देशभर में आचार संहिता हटी, जिसके बाद नायब सैनी की सरकार एक्शन मोड में आई। नायब सैनी ने अपने कार्यकाल के दौरान 300 के अधिक छोटी-बड़ी घोषणाएं की और पूर्व मनोहर सरकार के कार्यकाल के दौरान लिए गए करीब एक दर्जन फैसलों को वापस भी लिया।

नायब सैनी की घोषणाओं की खास बात यह रही कि उन्होंने अपने अल्प कार्यकाल के दौरान घोषणा करने के बाद उसकी अधिसूचना जारी करवाने पर भी जोर दिया। मुख्यमंत्री सैनी को सही मायने में सात जून से 15 अगस्त तक का ही समय खुलकर काम करने के लिए मिला।

वह 15 अगस्त को कुरुक्षेत्र में ध्वजारोहण भी कर पाए। अपने छोटे से कार्यकाल में नायब सैनी ने खुद को साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

अब शुक्रवार को विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने के बाद अगले 45 दिन सैनी कार्यवाहक सीएम के रूप में काम करते रहेंगे, लेकिन उनका यह कार्यकाल भी आचार संहिता में ही पूरा होगा। उनके कार्यकाल में आचार संहिता 128 दिन की रहेगी।

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