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Haryana Election 2024: चुनावी रण में दावेदारी ठोक रहे रिटायर्ड नौकरशाह, भाजपा और कांग्रेस बनी पहली पसंद

Haryana Election 2024 हरियाणा विधानसभा चुनाव की बिसात बिछनी लगी है। सेवानिवृत्त जज आईएएस आईआरएस चुनावी मैदान में ताल ठोकने को तैयार हैं। पिछले साल सितंबर में रिटायर हो चुके 2003 बैच के आइएएस अधिकारी विनय सिंह यादव नांगल चौधरी कांग्रेस का टिकट चाहते हैं। 2014 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर दो बार से विधायक बनते आ रहे अभय सिंह यादव भी लगातार तीसरी बार भाजपा टिकट के दावेदार हैं।

By Sudhir Tanwar Edited By: Sushil Kumar Updated: Sat, 24 Aug 2024 10:42 PM (IST)
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Haryana Election 2024: चुनावी रण में दावेदारी ठोक रहे रिटायर्ड नौकरशाह।
सुधीर तंवर, चंडीगढ़। हरियाणा में विधानसभा चुनाव की फील्डिंग सजने लगी है। विभिन्न राजनीतिक दलों में टिकट काे लेकर जहां दावेदारों में आपाधापी की स्थिति है, वहीं एक दर्जन से अधिक सेवानिवृत्त आइएएस-आइपीएस, आइआरएस और एचसीएस अधिकारी भी ताल ठोक रहे हैं। इसके अलावा कुछ सेवानिवृत्त जज भी विधानसभा पहुंचने की जुगत में हैं।

ज्यादातर सेवानिवृत्त अधिकारियों की रणनीति भाजपा और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की है। इनमें से कई तो खुलकर चुनावी पिच पर उतर आए हैं, जबकि कुछ नौकरशाहों ने अभी अपने पत्ते न खोलकर गुपचुप तरीके से राजनीतिक आकाओं के दरबार में हाजिरी बढ़ा दी है।

विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक सेवानिवृत्त अधिकारियों में सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी चंद्र प्रकाश, वजीर सिंह गोयत, आरएस वर्मा और विनय सिंह यादव, सेवानिवृत्त आइपीएस सुभाष यादव, रिटायर्ड जज राकेश यादव और रिटायर्ड एचसीएस अधिकारी अमरजीत सिंह जैसे बड़े नाम शामिल हैं।

ये हैं प्रबल दावेदार

इसके अलावा 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर कांग्रेस सांसद बने रिटायर्ड आइएएस बृजेंद्र सिंह सोनीपत और हिसार संसदीय क्षेत्र के किसी हलके और रिटायर्ड आइआरएस अधिकारी तथा भाजपा की पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल सिरसा जिले के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्राें से टिकट की प्रबल दावेदार हैं।

रोमांचक होगा मुकाबला

पिछले साल सितंबर में रिटायर हो चुके 2003 बैच के आइएएस अधिकारी विनय सिंह यादव नांगल चौधरी (महेंद्रगढ़) से कांग्रेस का टिकट चाहते हैं।

यहीं से 2014 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर दो बार से विधायक बनते आ रहे सिंचाई एवं जल संसाधन तथा सैनिक एवं अर्ध सैनिक कल्याण विभाग के राज्यमंत्री अभय सिंह यादव भी लगातार तीसरी बार भाजपा टिकट के दावेदार हैं। एक ही गांव के रहने वाले दोनों नौकरशाहों को टिकट मिला तो मुकाबला रोमांचक होगा।

राकेश यादव नारनौल से मांग रहे कांग्रेस का टिकट

पिछले साल फरवरी में सेशन जज के पद से रिटायर हुए राकेश यादव नारनौल से कांग्रेस का टिकट मांग रहे हैं। लोकसभा चुनाव में टिकट से चूके पूर्व आइएएस अधिकारी चंद्र प्रकाश अब हिसार के नलवा से टिकट के दावेदार हैं।

ओबीसी वर्ग में आने वाले चंद्र प्रकाश के चाचा रामजी लाल राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं और वह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी माने जाते हैं। इसी तरह सेवानिवृत्त आइएएस आरएस वर्मा भी नलवा या बरवाला से चुनाव लड़ना चाहते हैं।

रिटायर्ड आइपीएस अधिकारी सुभाष यादव अटेली से कांग्रेस का टिकट चाहते हैं। पूर्व आइएएस वजीर सिंह गोयत और राज्यपाल के ओएसडी रहे रिटायर्ड एचसीएस अधिकारी अमरजीत सिंह भी अलग-अलग पार्टियों से टिकट के चाहवान हैं। इसके अलावा रिटायर्ड आइपीएस अधिकारी वी कामराजा भी राजनीति में एंट्री करने को तैयार हैं।

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राजनीति में चमके आइडी स्वामी

मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों के साथ लोगों के बीच रहने वाले अफसरों को राजनीति खूब रास आई है। खास बात यह कि पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री आइडी स्वामी, कृपा राम पूनिया और अभय सिंह यादव को छोड़कर कोई अधिकारी हरियाणा की राजनीति में अभी तक खुद को स्थापित नहीं कर पाया।

स्वर्गीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रह चुके आइडी स्वामी हरियाणा काडर के आइएएस रहे हैं। एचसीएस से आइएएस बने स्वामी कमिश्नर के पद तक पहुंचे थे। आइडी स्वामी के दामाद आइपीएस अधिकारी रणबीर शर्मा ने अपनी खुद की लोक स्वराज पार्टी बनाई हुई है।

इसी तरह 1985-86 में रिटायर होकर चुनाव लड़ने वाले कृपा राम पूनिया को देवीलाल ने अपनी सरकार में मंत्री तक बनाया। पूनिया बसपा में भी रहे। रिटायर्ड आइएएस अधिकारी आरएस चौधरी इनेलो की सक्रिय राजनीति कर रहे हैं।

रिटायर्ड आइएएस युद्धवीर ख्यालिया हिसार से आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं। रिटायर्ड आइएएस अधिकारी प्रदीप कासनी कांग्रेस में टिकट के लिए सक्रिय हैं।

दो डीजीपी और एक एडीजीपी ने भी की राजनीति

रिटायर्ड डीजीपी हंसराज स्वान राजनीति में पूरी तरह से सक्रिय रहे। उन्होंने कई साल तक भाजपा की राजनीति की। रिटायर्ड एडीजीपी रेशम सिंह का लगाव भी भाजपा से रहा है, जबकि रिटायर्ड डीजीपी महेंद्र सिंह मलिक इनेलो की सक्रिय राजनीति कर रहे हैं।

महेंद्र सिंह मलिक जाट सभा के प्रधान भी हैं और ओमप्रकाश चौटाला व अभय चौटाला के प्रति उनकी खासी निष्ठा है।

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