Haryana Election 2024: हरियाणा में बदलेगी चुनाव की तारीख या फिर नहीं? ECI की बैठक का क्या रहा नतीजा!
हरियाणा में चुनाव बदलने की तारीख पर आज चुनाव आयोग (ECI) की बैठक हुई। रात नौ बजे तक भी सभी राजनीतिक दलों को यही उम्मीद थी कि ईसीआई कोई न कोई फैसला जरूर लेगा। लेकिन बैठक में तारीखों के बदलाव को लेकर ईसीआई ने कोई संकेत नहीं दिया। ज्ञात हो कि हरियाणा में एक अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होना है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में चुनाव की तारीख बदलने को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। केंद्रीय चुनाव आयोग की मंगलवार को नई दिल्ली में बैठक हुई और भाजपा समेत कुछ राजनीतिक दलों के उस अनुरोध पर विचार किया गया, जिसमें मतदान की तारीख बदलकर एक अक्टूबर की बजाय कुछ आगे करने अनुरोध किया गया था।
बैठक खत्म होने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि केंद्रीय चुनाव आयोग की ओर से मंगलवार को ही अपना निर्णय दे दिया जाएगा, लेकिन किसी तरह की घोषणा नहीं की गई। अभी तक की स्थिति के हिसाब से राज्य में एक अक्टूबर ही मतदान की तारीख है और चार अक्टूबर को नतीजे घोषित होंगे।
'तारीखों में शायद ही बदलाव हो'
हरियाणा के निर्वाचन विभाग के पास रात नौ बजे तक चुनाव की तारीख बदलने को लेकर किसी तरह की सूचना अथवा कोई संकेत केंद्रीय चुनाव आयोग की तरफ से नहीं आया था।
केंद्रीय चुनाव आयोग के इस रुख के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि मतदान की तारीख में बदलाव शायद ही संभव हो सके।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली ने अपनी पार्टी की ओर से केंद्रीय चुनाव आयोग को पत्र भेजकर दलील दी थी कि 30 सितंबर को एक दिन का अवकाश लेकर लोग सप्ताहंत के हिसाब से लंबा अवकाश ले सकते हैं, जिस कारण मतदान पर असर पड़ेगा, इसलिए मतदान की तारीख आगे की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा था कि हम राज्य में 100 प्रतिशत मतदान के पक्षधर हैं। इसलिए वोटिंग की तारीख बदलनी जरूरी है। भाजपा को अभी भी केंद्रीय चुनाव आयोग के फैसले का इंतजार है।
भाजपा की इस मांग के बाद राजनीति तेज हो गई थी। कांग्रेस खासकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा मतदान की तारीख बदले जाने के पक्ष में नहीं थे। हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया ने भी तारीख बदलने का विरोध किया था।
तारीख नहीं बदलनी चाहिए: कांग्रेस नेता
तीनों कांग्रेस नेताओं का कहना था कि मतदान की तारीख नहीं बदली जानी चाहिए। यह भाजपा की संभावित हार का संकेत है, जो तारीख बदलने की मांग की जा रही है।
कांग्रेस ने यह भी कहा था कि यदि चुनाव आयोग तारीख बदलना ही चाहता है तो उसे आगे बढ़ाने की बजाय 25 सितंबर को जम्मू कश्मीर के दूसरे चरण के चुनाव के साथ कराया जा सकता है।
हरियाणा के बिश्नोई महासभा के पदाधिकारियों ने भी केंद्रीय चुनाव आयोग से मतदान की तारीख बदलने का आग्रह किया था, क्योंकि उस दिन उनका बड़ा त्योहार है।
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