Haryana Vidhan Sabha: पहली बार विपक्ष के नेता के बिना चला हरियाणा विधानसभा, हुड्डा-अरोड़ा ने संभाला मोर्चा
हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र बिना विपक्ष के नेता के ही शुरू हुआ। कांग्रेस अभी तक अपने विधायक दल का नेता नहीं चुन पाई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सदन में विपक्ष के नेता की भूमिका निभाई। हुड्डा ने नेता चयन में देरी को सामान्य बताया। विधानसभा की बैठकों के लिए न्यूनतम समय सीमा तय करने पर भी सहमति बनी है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र विपक्ष के नेता के बिना ही संचालित हुआ। कांग्रेस अभी तक अपने विधायक दल के नेता का चयन नहीं कर पाई है। कांग्रेस विधायक दल का नेता ही विधानसभा में विपक्ष का नेता होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हालांकि सदन में विपक्ष के नेता की कमी महसूस नहीं होने दी। हुड्डा न केवल पूरे समय विपक्ष के नेता की भूमिका में रहे, बल्कि थानेसर के विधायक एवं पूर्व स्पीकर अशोक अरोड़ा तथा झज्जर की विधायक एवं पूर्व मंत्री गीता भुक्कल भी पूरे फोरम में नजर आईं।
हुड्डा ने नेता चयन में देरी को सामान्य बताया
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कांग्रेस विधायक दल के नेता के चयन में देरी को सामान्य बात बताया है। उन्होंने कर्नाटक का उदाहरण देते हुए कहा कि कई राज्यों में विधानसभा की कार्यवाही विपक्ष के नेता के बिना चली है। कांग्रेस ने प्रस्ताव पारित कर विधायक दल के नेता के चयन का अधिकार हाईकमान को दिया हुआ है।महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव में व्यस्तता की वजह से हरियाणा में कांग्रेस विधायक दल के नेता के चयन में देरी हो रही है। हरियाणा विधानसभा में शीतकालीन सत्र के पहले दिन विधानसभा की बैठकों के लिए न्यूनतम समय सीमा तय करने पर सहमति बनी है।
हुड्डा और अरोड़ा के प्रस्ताव को स्पीकर ने किया स्वीकार
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व अशोक अरोड़ा के प्रस्ताव पर सोमवार को सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे से आरंभ होगी। डॉ. ज्ञानचंद गुप्ता के कार्यकाल से पहले अवकाश से अगले दिन सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे ही आरंभ होती थी, लेकिन नये स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने हुड्डा व अरोड़ा के इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।मुख्यमंत्री नायब सैनी ने सदन की कार्यवाही दो बजे शुरू करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रस्ताव रखा कि ना केवल सोमवार बल्कि भविष्य में भी अवकाश के बाद अगले दिन की सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे से आरंभ होनी चाहिए।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।अरोड़ा ने सदन का समय बढ़ाने की मांग की
थानेसर के कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने सदन का समय बढ़ाने की मांग उठाई। उन्होंने तर्क दिया कि 40 विधायक पहली बार चुनकर आए हैं, उन्हें सदन में बोलने का पूरा समय दिया जाना चाहिये। साथ ही उन्होंने सुझाव भी दिया कि पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश की ओर से सदन में 40 सीटिंग अनिवार्य रूप से होने का नियम बनाया गया है, उसे हरियाणा विधानसभा में लागू होना चाहिए। यह भी पढ़ें- अनिल विज ने जताई थी हत्या की आशंका, विधानसभा में गूंजा मामला; कांग्रेस ने मांगा सरकार से जवाबसकारात्मक चर्चा करें- हरविन्द्र कल्याण
विधानसभा स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने जवाब दिया कि पड़ोसी राज्य पंजाब की ओर से भी ऐसा रूल बनाया गया है, लेकिन उसकी औसतन सीटिंग 16-18-19 रहती है, जबकि 2014 में 84 बैठकें हुई हैं, जिसमें विधायी कार्यों की उत्पादकता में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने सुझाव दिया कि सीटिंग बढ़ाने के साथ जनहितैषी मुद्दों पर विपक्ष भी सकारात्मक चर्चा करे। इस दौरान सदन में पिछले सत्रों में हुई सीटिंग की भी जानकारी दी गई। यह भी पढ़ें- हरियाणा में गरीबों और मजदूरों को मिलेंगे 6 लाख नए मकान, नायब सरकार ने सदन में पेश किया विकास का रोडमैप