Haryana Winter Session: तीन दिन चलेगा विधानसभा सत्र, विपक्ष के नेता के बिना हुई बैठक; कांग्रेस से गीता भुक्कल हुईं शामिल
हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र 13 से 18 नवंबर तक चलेगा। पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण होगा और आखिरी दिन सत्र की समाप्ति होगी। इस बार के सत्र में प्रश्नकाल नहीं होगा। भाजपा सरकार कई अध्यादेश और विधेयक सदन में पेश करेगी। कांग्रेस विधायक दल का नेता अभी तक चयनित नहीं हुआ है। इसका चयन अब महाराष्ट्र चुनाव के बाद ही हो सकता है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (बीएसी) की बैठक में शीतकालीन सत्र की अवधि तय हो गई है। विधानसभा सत्र तीन दिन चलेगा। कांग्रेस विधायक दल के नेता का अभी चयन नहीं हुआ है। इसलिए बिना विपक्ष के नेता के हुई बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में निर्णय लिया गया कि शीतकालीन सत्र 13, 14 और 18 नवंबर को तीन दिन तक चलेगा।
15, 16 और 17 नवंबर को अवकाश है। कांग्रेस की ओर से झज्जर की विधायक एवं पूर्व मंत्री गीता भुक्कल, निर्दलीय विधायकों की ओर से हिसार की विधायक एवं पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल तथा इनेलो की ओर से रानियां के विधायक अर्जुन चौटाला बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में शामिल हुए।
पहले दिन राज्यपाल का होगा अभिभाषण
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, विधानसभा स्पीकर हरविन्द्र कल्याण, संसदीय कार्य मंत्री महिपाल सिंह ढांडा, समाज कल्याण मंत्री कृष्ण कुमार बेदी और डिप्टी स्पीकर डा. कृष्ण मिढा की मौजूदगी में हुई बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में तय हुआ कि जरूरत पड़ने पर सत्र की अवधि बढ़ाई जा सकती है।13 नवंबर से शुरू होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का अभिभाषण होगा। इसी दिन अभिभाषण पर चर्चा होगी।
18 को सत्र की आखिरी बैठक
14 नवंबर को सत्र की दूसरी बैठक होगी। 15 को गुरुनानक जयंती, 16 को शनिवार और 17 नवंबर को रविवार का अवकाश रहेगा। सोमवार यानी 18 नवंबर को सत्र की आखिरी बैठक होगी। शीतकालीन सत्र के दौरान प्रश्नकाल नहीं होगा। लंबे समय बाद यह पहला मौका है, जब प्रश्नकाल नहीं होगा।भूपेंद्र हुड्डा ने साधा निशाना
विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि भाजपा किसानों के सवालों से बचना चाहती है। इसलिए सत्र की अवधि कम रखी गई है। उसे डर है कि किसान विधानसभा का घेराव कर सकते हैं। सत्र में भाजपा सरकार की ओर से कई अध्यादेश और विधेयक सदन में पेश किए जाएंगे।
कौशल रोजगार निगम के अंतर्गत कार्यरत एक लाख 20 हजार अनुबंधित कर्मचारियों के लिए सरकार रिटायरमेंट की उम्र यानी 58 वर्ष तक रोजगार देने की गारंटी का ऐलान कर चुकी है। इस संदर्भ में नायब सरकार के पहले कार्यकाल में ही अध्यादेश जारी किया जा चुका है।अब शीतकालीन सत्र में इस अध्यादेश को स्वीकृति के लिए पेश किया जाएगा। इस पर पक्ष और विपक्ष के विधायक अपनी बात रख सकेंगे।
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