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हरियाणा बना GST कलेक्शन के मामले में देश का शीर्ष 5वां राज्य, पिछले 6 महीनों में इतनी हुई टैक्स में वृद्धि

हरियाणा देश का GST संग्रह करने वाला 5वां राज्य बन गया है। राज्य सरकार के प्रयासों से प्रदेश के राजस्व में लगातार जीएसटी में वृद्धि दर्ज की जा रही है।इस वित्तीय वर्ष के पहले 6 महीनों (अप्रैल-सितंबर 2023) में राज्य का कुल टैक्स का कलेक्शन पिछले साल इस अवधि की तुलना में 32076 करोड़ रुपये हो गया है जो 18.3% की वृद्धि दर्शाता है।

By Jagran NewsEdited By: Shoyeb AhmedUpdated: Thu, 05 Oct 2023 02:06 PM (IST)
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हरियाणा बना GST कलेक्शन के मामले में देश का शीर्ष 5वां राज्य

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। GST Collection Increased in Haryana हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल (Haryana CM Shri Manohar Lal) के कुशल नेतृत्व और राज्य सरकार के प्रयासों से प्रदेश के राजस्व में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। जीएसटी संग्रह के मामले में हरियाणा देश के शीर्ष 5 राज्यों में शामिल हो गया है। इस वित्तीय वर्ष के पहले 6 महीनों (अप्रैल-सितंबर 2023) में, राज्य का कुल कर संग्रह पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 27,155 करोड़ रुपये की तुलना में 32,076 करोड़ रुपये हो गया है, जो 18.3% की वृद्धि दर्शाता है।

इस अवधि के दौरान, वैट का संग्रह 5,568 करोड़ रुपये था, आईजीएसटी निपटान और एसजीएसटी मुआवजे सहित एसजीएसटी संग्रह 20,670 करोड़ रुपये था, जो 27% की वृद्धि दर्शाता है। वहीं उत्पाद शुल्क संग्रह 5,757 करोड़ रुपये था, जो 16.3% की वृद्धि दर्शाता है।

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जीएसटी कलेक्शन में वृद्धि सकारात्मक सकेंत

]जीएसटी कलेक्शन में हुई ये वृद्धि प्रदेश की आर्थिक प्रगति को तो दर्शाती ही है। साथ ही यह राज्य के विकास के लिए एक सकारात्मक संकेत भी है। वहीं इससे यह भी साबित होता है कि देश में एक देश-एक कर की अवधारणा पर लागू जीएसटी प्रणाली बेहद कारगर है। जीएसटी की प्रक्रिया सरल होने से न केवल उद्यमियों को फायदा पहुंचा है बल्कि सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी हो रही है।

कर संग्रह के कार्यों में डिजिटलाइजेशन को अपनाया जा रहा

प्रदेश सरकार द्वारा आबकारी एवं कराधान विभाग के आधारभूत ढांचे को मजबूत एवं आधुनिक किया जा रहा है। विभाग में कर संग्रह के कार्यों में डिजिटलाइजेशन को अपनाया जा रहा है। विभाग का प्रयास है कि राजस्व को अधिकतम करने के साथ ही लीकेज को कम किया जाए। साथ ही राज्य बजट में विभाग के लिए निर्धारित 57,931 करोड़ रुपये के राजस्व एकत्रित करने के लक्ष्य को पूरा किया जाए।

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