Move to Jagran APP

हरियाणा में परिवारवाद पर बवाल, बीजेपी ने कांग्रेस को 'बापू-बेटा' कहकर किया टारगेट; हुड्डा ने भी दिया करारा जवाब

हरियाणा की राजनीति में परिवारवाद पर गरमाई हुई है। भाजपा कांग्रेस को बापू-बेटा कहकर टारगेट कर रही है। वहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने लंबे समय बाद चुप्पी तोड़ते हुए कई नेताओं को आईना दिखाया है। हुड्डा ने देवीलाल भजनलाल और बंसीलाल के परिवारवाद को गिनाते हुए भाजपा में भी ऐसे नेताओं को जवाब दिया है जिनके बच्चे अब आगे राजनीति में सक्रिय हैं।

By Anurag Aggarwa Edited By: Rajiv Mishra Updated: Mon, 18 Nov 2024 10:53 AM (IST)
Hero Image
हरियाणा में परिवारवाद की राजनीति पर बवाल, उखाड़े गये गड़े मुर्दे (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा की राजनीति में इन दिनों परिवारवाद पर बवाल मचा हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा को जहां बापू-बेटा कहकर भाजपा, इनेलो व जजपा उन पर हमला कर रहे हैं।

वहीं हुड्डा ने लंबे समय बाद चुप्पी तोड़ते हुए कई नेताओं को आईना दिखाया है। भूपेंद्र हुड्डा ने देवीलाल, भजनलाल और बंसीलाल के परिवारवाद को गिनाते हुए भाजपा में भी ऐसे नेताओं को जवाब दिया है, जिनके बच्चे अब आगे राजनीति में सक्रिय हैं।

कांग्रेस को बापू-बेटा कहकर टारगेट कर रही है भाजपा

हरियाणा में विधानसभा चुनाव के दौरान भी और कांग्रेस की हार के बाद भी हुड्डा को बापू-बेटा कहकर भाजपा ने सबसे ज्यादा टारगेट किया है। हुड्डा के कभी अपने रहे लोगों ने भी उन्हें बापू-बेटा कहकर खूब हमले किये और राजनीतिक निशाने भी साधे।

निशाने साधने वालों में भाजपा की राज्यसभा सदस्य किरण चौधरी और पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई भी शामिल रहे हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कांग्रेस को बापू (हुड्डा) और बेटा (दीपेंद्र) की पार्टी बताते हुए हमले करने का सिलसिला जारी रखा है।

हुड्डा ने कहा- मुझे अपने परिवार पर गर्व

राजनीतिक हमलों को लंबे समय तक झेलने के बाद हुड्डा ने परिवारवाद पर सबको लपेटा। बापू-बेटा कहने वालों को सदन में भी आईना दिखाया। हुड्डा ने एक वीडियो में कहा, परिवारवाद की भाषा मेरी समझ में नहीं आई। मुझे अपने परिवार पर गर्व है। मेरे दादा स्वतंत्रता सेनानी थे।

उन्होंने कहा कि शहीद भगत सिंह के चाचा और मेरे दादा को काले पानी की सजा का हुक्म हुआ था। मेरे दादा गांधी जी को हरियाणा लेकर आए थे। मेरे पिताजी आठ बार जेल में गये। इनमें चार जेल पाकिस्तान में हैं और चार जेल हिंदुस्तान में हैं। जिस संविधान के अंतर्गत हम यहां बैठे हैं। उस पर मेरे पिता चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा के साइन हैं।

यह भी पढ़ें- हरियाणा विधानसभा: महंगाई-गरीबी, खाद और डेंगू पर हंगामे के आसार, मंगलवार को भी चलेगा सत्र, दो बिल वापस लेगी सरकार

हुड्डा ने विरोधियों को दिया जवाब

विरोधियों को जवाब देते हुए कहा कि मेरे पिता सात सदनों के सदस्य रहे। मैं भी कई सदनों का सदस्य रहा हूं। दो बार प्रदेश का सीएम और विपक्ष का नेता रहा हूं। ब्लाक समिति के चेयरमैन से मैंने अपना करियर शुरू किया। यह हमारा परिवारवाद हो गया। आप अपनी पार्टी में देखो। मेरे को ईर्ष्या नहीं है।

उन्होंने कहा कि मेरे साथियों के बच्चे मंत्री बने हुए हैं। मैं खुश हूं। मैंने उन्हें आशीर्वाद दिया है। तुम कहते हो बापू-बेटा। हुड्डा ने किरण चौधरी और उनकी बेटी श्रुति चौधरी, राव इंद्रजीत और उनकी बेटी आरती राव, कुलदीप बिश्नोई और उनके बेटे भव्य बिश्नोई की राजनीति पर इशारा करते हुए भाजपा को करार जवाब दिया है।

ऐसे चल रहा बड़े राजनीतिक घरानों का परिवारवाद

लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कुछ अपवाद को नजरअंदाज कर दें तो परिवारवाद पर भाजपा का स्टैंड स्पष्ट रहा है। हुड्डा के एक्स हेंडिल पर परिवारवाद की यह लड़ाई जब सार्वजनिक हुई तो ट्रोल करने वालों ने देवीलाल, बंसीलाल और भजनलाल के परिवारवाद को सिलसिलेवार ट्रोल किया।

बंसीलाल के परिवार के साथ सुरेंद्र चौधरी, किरण चौधरी और श्रुति चौधरी के नाम प्रसारित किये गये। देवीलाल के परिवार के साथ ओमप्रकाश चौटाला, रणजीत चौटाला, अभय चौटाला, अजय चौटाला, नैना चौटाला, सुनैना चौटाला, आदित्य देवीलाल, दुष्यंत चौटाला, दिग्विजय चौटाला, अर्जुन चौटाला और करण चौटाला के नामों का जिक्र किया गया है।

भजनलाल के परिवार के साथ जसमा देवी, चंद्रमोहन बिश्नोई, कुलदीप बिश्नोई, रेणुका बिश्नोई और भव्य बिश्नोई के नाम जोड़े गये हैं। राव इंद्रजीत के साथ आरती राव और शमशेर सिंह सुरजेवाला के साथ रणदीप सुरजेवाला व आदित्य सुरजेवाला के नाम हुड्डा समर्थकों ने जारी किये हैं।

यह भी पढ़ें- Haryana Politics: हुड्डा की दावेदारी पर सैलजा ने लगाई मुहर, चंडीगढ़ में बिना जमीन दिए नये भवन के निर्माण की रखी मांग

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।