Haryana News: अनुदान प्राप्त कॉलेजों को टेकओवर करेगी सरकार,राज्य के ढाई हजार कर्मचारियों को मिलेगा सीधा फायदा
हरियाणा (Haryana News) की भाजपा सरकार 2019 के अपने चुनाव घोषणा पत्र में किए गए एक और वादे को जल्दी पूरा करने की तैयारी में है। प्रदेश सरकार राज्य के अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों को शीघ्र ही अपने अधीन लेगी। प्रतिनिधिमंडल में शामिल शिक्षक नेता अपनी इस मांग को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर उच्चत शिक्षा विभाग के अधिकारी से मुलाकात की है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। (Haryana News) हरियाणा की भाजपा सरकार (BJP Government) 2019 के अपने चुनाव घोषणा पत्र में किए गए एक और वादे को जल्दी पूरा करने जा रही है। प्रदेश सरकार राज्य के अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों (गवर्नमेंट एडिड कालेजों) को शीघ्र ही अपने अधीन लेगी। राज्य में सरकारी अनुदान प्राप्त कॉलेजों की संख्या 97 है और इनमें 2500 शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कर्मचारी काम करते हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल(CM Manohar Lal) अनुदान प्राप्त कॉलेजों(Aided colleges) को सरकार के अधीन लेने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे चुके हैं। उच्चतर शिक्षा मंत्री पंडित मूलचंद शर्मा ने मंगलवार को सरकारी अनुदान प्राप्त कॉलेजों की टीचिंग व नॉन टीचिंग यूनियनों के प्रतिनिधिमंडल की बात सुनने के बाद सरकार के इस फैसले की जानकारी दी।
सीएम के प्रधान सचिव से की मुलाकात
प्रतिनिधिमंडल में शामिल शिक्षक नेता अपनी इस मांग को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, उच्चत शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण तथा मुख्यमंत्री के ओएसडी वीरेंद्र सिंह दहिया से मुलाकात की।95 प्रतिशत वेतन देती है सरकारअनुदान प्राप्त कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के प्रधान डा. विकास चाहर ने उच्चतर शिक्षा मंत्री पंडित मूलचंद शर्मा और राजेश खुल्लर को बताया कि इन ढाई हजार शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कर्मचारियों का 95 प्रतिशत वेतन अभी भी सरकार की ओर से प्रदान किया जाता है।
मात्र पांच प्रतिशत वेतन कालेजों की प्रबंधन समितियां प्रदान करती है। हरियाणा सरकार पूर्व में राज्य के अनुदान प्राप्त स्कूलों को अपने अधीन (टेकओवर) कर चुकी है।
ऐसे में अनुदान प्राप्त कॉलेजों को भी सरकार को अपने अधीन लेना चाहिए। नान टीचिंग एसोसिएशन के प्रधान बिजेंद्र कादियान ने मंत्री व मुख्य प्रधान सचिव को बताया कि सरकार के अधीन नहीं होने से कर्मचारियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
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