हरियाणा में मंत्रिमंडल फेरबदल की सूची तैयार, मुहर लगना बाकी, अमित शाह से मिले सीएम मनोहर लाल
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने एक बार फिर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि इस दौरान किसान आंदोलन पर चर्चा हुई। साथ ही मंत्रिमंडल फेरदबदल को लेकर भी दोनों नेताओं ने चर्चा की।
By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Sat, 17 Jul 2021 01:30 PM (IST)
बिजेंद्र बंसल, नई दिल्ली। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शुक्रवार देर शाम गृहमंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की। पिछले दो माह के दौरान मुख्यमंत्री की शाह से यह तीसरी मुलाकात है। इन मुलाकात का आधार किसान संगठनों के आंदोलन से निपटने की रणनीति बनाने और राज्य मंत्रिमंडल में होने वाले व्यापक फेरबदल के लिए सीएम द्वारा तैयार की गई सूची पर मुहर लगवाना बताया जा रहा है।
बता दें, कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप खत्म होते ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल लगातार दिल्ली पहुंच रहे हैं। दो माह पहले वे 17 मई को दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति में अमित शाह से मिले थे। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल विस्तार से अलग सिर्फ इतना ही कहा था कि किसान संगठनों के आंदोलन को लेकर गृहमंत्री से विस्तृत चर्चा हुई है।मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के मंत्रिमंडल में भी पिछले दो माह से ही व्यापक फेरबदल की संभावनाएं जताई जा रही हैं। बताया जा रहा है कि सीएम ने अपने नए मंत्रिमंडल की सूची तैयार की हुई है। बस, इस पर केंद्रीय नेतृत्व पर मुहर लगनी बकाया है। मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल में से चार से पांच मंत्रियों की छुट्टी कर सकते हैं। इसके अलावा एक मंत्री जजपा कोटे से और बनाया जाएगा।
नए मंत्रियों के नाम पर सीएम राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और प्रदेश व केंद्र के प्रमुख भाजपा नेताओं से कई दौर की चर्चा कर चुके हैं। 31 मई को सीएम जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे थे तब ये कयास लगाए जा रहे थे कि मंत्रिमंडल विस्तार पर अंतिम मुहर लग चुकी है। हालांकि पीएम से मिलने के बाद सीएम ने बताया था कि उन्होंने किसान संगठनों के आंदोलन को लेकर चर्चा की है। तब सीएम ने इस बाबत अमित शाह से भी मिलने का संकेत दिया था।
शाह-मनोहर मुलाकात में बनी किसान संगठनों के आंदोलन से निपटने की रणनीति
वहीं, सात माह से भी ज्यादा समय से दिल्ली हरियाणा के कुंडली और टीकरी बार्डर पर बैठे किसान संगठनों से केंद्र व हरियाणा सरकार कई बार बार्डर खाली करने का आग्रह कर चुकी है। किसान संगठनों ने हर बार सरकार के आग्रह की अनदेखी की है। अब इन बार्डर पर आलम यह है कि स्थानीय लोग भी किसान संगठनों के विरोध में खड़े हो गए हैं।
इससे पहले कुंडली और टीकरी बार्डर पर हुई आपराधिक वारदात भी केंद्र व राज्य सरकार के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं। 19 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू होगा। किसान संगठनों ने यह भी घोषणा की हुई है कि सत्र के दौरान उनके प्रतिनिधमंडल संसद कूच करेंगे। किसान संगठनों से वार्ता की पहल करने के लिए शाह ने 11 जून को उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से भी दिल्ली में मुलाकात की थी। इसके बाद 17 जून को सीएम ने एक बार फिर शाह से मुलाकात की थी।
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