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EVM की गड़बड़ी और सैलजा की नाराजगी ने कांग्रेस को हार के गर्त में धकेला? फैक्ट फाइंडिंग कमेटी जुटा रही जानकारी

हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के कारणों की जांच के लिए गठित फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी को मिली रिपोर्ट में ईवीएम में गड़बड़ी और कुमारी सैलजा की नाराजगी को हार का बड़ा कारण बताया गया है। कमेटी को बताया गया कि सैलजा की अनदेखी से दलित मतदाताओं ने कांग्रेस से किनारा कर लिया। बता दें कि चुनाव से पहले सैलजा पार्टी से नाराज हो गई थीं।

By Anurag Aggarwa Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sun, 20 Oct 2024 08:11 PM (IST)
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हरियाणा में सैलजा की नाराजगी पड़ी कांग्रेस पर भारी। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस हाईकमान हरियाणा में हुई हार के कारणों की तह में पहुंच रहा है। कांग्रेस की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने जहां विधायकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर उनकी राय जानी। वहीं विधायक अलग-अलग माध्यमों से हार के कारणों से फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को अवगत करा रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के पास ऐसी रिपोर्ट भी पहुंची है कि यदि कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा विधानसभा चुनाव के दौरान विरोधी बयानबाजी नहीं करती तो पार्टी को नुकसान नहीं होता।

सैलजा की अनदेखी से कांग्रेस को नुकसान

फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सामने ईवीएम मशीनों की 99 प्रतिशत बैटरी चार्ज रहने तथा कुमारी सैलजा द्वारा इशारों में अपना रुख स्पष्ट करने से कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ है। सैलजा समर्थकों की ओर से कहा गया कि उनकी नेता की अनदेखी का नुकसान कांग्रेस को हुआ है।

कांग्रेस की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी जल्दी ही अपनी रिपोर्ट हाईकमान को देने वाली है। करीब दो दर्जन उम्मीदवारों ने ईवीएम में गड़बड़ी संबंधी वही दस्तावेज फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को सौंपे हैं, जो केंद्रीय चुनाव आयोग को दिए गए हैं। कांग्रेस अभी भी भारत के चुनाव आयोग के जवाब का इंतजार कर रही है।

कांग्रेस ने की है EVM में गड़बड़ी की शिकायत

हरियाणा के विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद कांग्रेस शिष्टमंडल की ओर से चुनाव आयोग को ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी की शिकायत की गई थी। दो दर्जन विधानसभा क्षेत्रों के उम्मीदवारों की ओर से की गई शिकायत में ईवीएम मशीनों का मुद्दा उठाया गया थ, जिसमें कहा गया कि पूरे दिन मतदान के बावजूद ईवीएम की बैटरी 99 प्रतिशत तक चार्ज कैसे रह सकती है।

कांग्रेस की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को जानकारी दी गई कि इस बार चुनाव में कांग्रेस और भाजपा दोनों का वोट लगभग 40 प्रतिशत के आसपास रहा है। मात्र 20 हजार वोट के अंतर से कांग्रेस सरकार बनाने से चूक गई। 15 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का यह 20 हजार वोट अगर नहीं बंटा होता तो नतीजा कुछ और होता।

फैक्ट फाइंडिंग कमेटी से कही गई ये बात

फैक्ट फाइंडिंग कमेटी से कहा गया है कि इस वोट के बंटने के कारणों की तह में गंभीरता से जाने की जरूरत है। विधानसभा चुनाव के बीच कुमारी सैलजा नाराज होकर घर बैठ गईं। जब बाहर निकलीं तो भी उनकी नाराजगी कम नहीं हुई, जिससे दलितों ने कांग्रेस का बोरिया बिस्तर बांधने का इंतजाम कर दिया। भाजपा ने भी पूरा चुनाव कुमारी सैलजा के नाम पर लड़ा और सैलजा ने भाजपा को कांग्रेस के विरोध के लिए जमकर मसाला दिया।

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कांग्रेस पर कब्जा करने की योजना को किया गया उजागर

कांग्रेस की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को यह भी बताया गया कि योजनाबद्ध तरीके से कांग्रेस को हराने तथा पार्टी पर कब्जा करने के लिए चुनाव में काम किया गया है। हुड्डा समर्थक विधायकों ने कमेटी से कहा कि इस बार चुनाव में तमाम विशेषज्ञ, एजेंसिंयां और खुद बीजेपी नेताओं तक की जुबान पर कांग्रेस की जीत की बात थी।

कांग्रेस के भीतर ऐसे नेताओं का अंबार लगा है, जिनका मकसद सरकार बनाना नहीं बल्कि पार्टी में वर्चस्व कायम करना है। यह वर्चस्व स्थापित करने के लिए वह नेता अपनी लकीर बड़ी नहीं करना चाहते, बल्कि दूसरे की लकीर छोटी करके ही खुद को बड़ा साबित करना चाहते हैं। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर अब हाईकमान फैसला लेने वाला है।

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