Haryana Politics: हरियाणा में कांग्रेस का संगठन बनकर तैयार, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की मुहर लगनी बाकी
हरियाणा में कांग्रेस का संगठन अब तैयार हो चुका है। हालांकि लिस्ट पर अंतिम मुहर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ही लगाएंगे। हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया जिला अध्यक्षों व कार्यकारी अध्यक्षों की सूची के साथ शनिवार को खरगे से मिलेंगे। बताया जा रहा है कि पहले चरण में जिला अध्यक्षों की सूची जारी होगी। हालांकि कांग्रेस के सामने अभी कई तरह की चुनौतियां भी हैं।
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। Haryana Congress हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया ने प्रदेश संगठन का खाका तैयार कर लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा विरोधी खेमे की नाराजगी के बीच प्रभारी ने जिलाध्यक्षों की सूची तैयार कर ली है। जिलाध्यक्षों के साथ-साथ प्रत्येक जिले में कार्यकारी अध्यक्षों की भी लिस्ट तैयार की गई है। इस लिस्ट को मंजूर कराने के लिए पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया जल्दी ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात करेंगे।
मल्लिकार्जुन खरगे की मुहर लगते ही जिलाध्यक्षों की सूची को जारी कर दिया जाएगा। पार्टी अध्यक्ष इस बात पर भी फैसला लेंगे कि प्रदेश कांग्रेस की तर्ज पर हर जिले में कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाएं या नहीं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का संतुलन साधने के लिए पार्टी नेतृत्व में प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान के साथ चार कार्यकारी अध्यक्ष बना रखे हैं।
हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी हावी
कार्यकारी अध्यक्ष जितेंद्र भारद्वाज पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा खेमे के हैं, जबकि रामकिशन गुर्जर कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा, सुरेश गुप्ता मतलौडा कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा तथा श्रुति चौधरी कांग्रेस विधायक दल की पूर्व नेता किरण चौधरी खेमे के हैं। फिलहाल सुरजेवाला, सैलजा और किरण का एक खेमा बना हुआ है और हुड्डा खेमा अलग है।
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कांग्रेस के सामने अब क्या है चुनौती?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे यदि प्रत्येक जिले में कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के फार्मूले से सहमत हुए तो ही उनकी सूची जारी की जाएगी। पहले चरण में जिलाध्यक्षों की सूची और दूसरे चरण में कार्यकारी अध्यक्षों की सूची जारी होगी। जिलाध्यक्ष पद के दावेदार नेताओं की दलील है कि यदि एक जिले में कार्यकारी अध्यक्ष भी लगा दिए गए तो गुटबाजी कम होने की बजाय बढ़ेगी ही। हरियाणा कांग्रेस कमेटी इसका बड़ा उदाहरण है।
प्रदेश अध्यक्ष अपने हिसाब से काम करते हैं और कार्यकारी अध्यक्ष उन्हें सहयोग करने की बजाय अपने ढंग से काम करते हैं। प्रदेश अध्यक्ष भी कार्यकारी अध्यक्षों को साथ लेकर नहीं चलते और कार्यकारी अध्यक्ष समय-समय पर प्रदेश अध्यक्ष की कार्यप्रणाली पर अंगुली उठाते रहते हैं। जिलों में कार्यकारी अध्यक्ष का फार्मूला लागू होने के बाद वहां भी ऐसे ही हालत बनने वाले हैं।
हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया का मानना है कि सभी को जोड़कर और साथ लेकर चलने का यह बेहतरीन फार्मूला हो सकता है। हुड्डा विरोधी खेमा इस फार्मूले से कितना सहमत है, यह देखने वाली बात होगी। प्रभारी का कहना है कि शनिवार को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सूची सौंप दी जाएगी। सूची में जिलाध्यक्ष के पदों पर पार्टी के समर्पित और वरिष्ठ नेताओं को जगह दी गई है। इस लिस्ट में कांग्रेस के उदयपुर अधिवेशन के फार्मूले को शामिल करने की कोशिश भी की गई है। बता दें कि कांग्रेस के संगठन को लेकर तीन दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी मल्लिकार्जुन खरगे से नई दिल्ली में मुलाकात की है।
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