Haryana News: हरियाणा में अफसरों के तबादलों पर चुनाव आयोग पहुंची कांग्रेस, आचार संहिता के नियम तोड़ने के लगाए आरोप
हरियाणा में अधिकारियों के तबादले को लेकर प्रदेश कांग्रेस चुनाव आयोग (Election Commision) पहुंची है। पार्टी ने शिकायत की कि चुनाव की तारीखों के एलान के ऐन मौके पर अधिकारियों के तबादले आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से इस मामले की जांच की मांग करते हुए प्रदेश सरकार के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही कांग्रेस पार्टी सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ निर्वाचन आयोग पहुंच गई है।
प्रदेश सरकार द्वारा शुक्रवार को किए गए तबादलों को आधार बनाकर कांग्रेस ने राज्य चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करवाई है।
विधानसभा चुनाव का ऐलान होने के बाद किसी भी राजनीतिक दल द्वारा सत्तारूढ़ सरकार के विरुद्ध यह पहली शिकायत है।
कांग्रेस के साथ-साथ आम आदमी पार्टी ने भी अधिकारियों के तबादलों को लेकर भाजपा पर आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने अपनी शिकायत के साथ अधिकारियों के तबादलों की सूची भी चुनाव आयोग के पास भेजी है।
कई अधिकारियों के किए गए तबादले
केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को हरियाणा में विधानसभा चुनाव का ऐलान किया था। इस बीच सरकार ने प्रदेश में आइएएस, आइपीएस अधिकारियों के अलावा तहसीलदार व अन्य कई विभागों में अधिकारियों के तबादले कर दिए।
इन्हीं तबादलों को आधार बनाकर हरियाणा कांग्रेस के कानूनी, मानवाधिकार तथा आरटीआइ सेल के चेयरमैन केसी भाटिया ने चुनाव आयोग को शिकायत दर्ज कराई है।
अपनी शिकायत में कांग्रेस ने कहा है कि केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा चुनाव का ऐलान किए जाने के बाद हरियाणा सरकार ने राज्य में एक जिला उपायुक्त, 10 अतिरिक्त जिला उपायुक्त, 12 आइपीएस व तीन एचपीएस अधिकारियों समेत कई विभागों में अधिकारियों के तबादले किए हैं।
यह खुलेआम निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन का उल्लंघन है। केसी भाटिया के अनुसार चुनावों की घोषणा होने के साथ ही आचार संहिता लागू हो चुकी है।
ऐसे में सरकार को कोई अधिकार नहीं है कि वह अफसरशाही को अपने अनुसार बदले। कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से इस मामले की जांच की मांग करते हुए प्रदेश सरकार के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।
भाजपा का पारदर्शी चुनाव व्यवस्था में भरोसा नहीं
आप आम आदमी पार्टी हरियाणा के वरिष्ठ उप प्रधान अनुराग ढांडा ने कहा कि 86 अधिकारियों के ट्रांसफर करने से सरकार की मंशा का साफ पता चलता है।
इससे जाहिर होता है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा कैसे नियमों व आचार संहिता को तोड़ने वाली है, क्योंकि चुनाव की घोषणा के तुरंत बाद ही हुए तबादलों को लेकर भी चुनाव आयोग का डर उसमें नहीं है।
अनुराग ढांडा ने कहा कि भाजपा सरकार आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रही है। आचार संहिता लागू होने के बावजूद भारी संख्या में अधिकारियों के तबादले करने का मतलब साफ है कि उसे पारदर्शी चुनाव व्यवस्था में कोई भरोसा नहीं है। इन अधिकारियों के तबादले पूरी तरह से गैर कानूनी हैं।
भाजपा अपनी संभावित हार देखकर बौखला गई है। अनुराग ढंडा ने कहा कि भाजपा प्रशासन का दुरुपयोग कर चुनाव में बने रहना चाहती है।
चुनाव घोषित होने के बाद प्रदेश सरकार ने जितने भी ट्रांसफर किए हैं, उन सभी को रद किया जाना चाहिए। चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करे कि कोई अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल न कर सके।
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