Haryana: हुड्डा बोले-निष्पक्ष जांच कर दोबारा कराई जाए वेटनरी सर्जन भर्ती परीक्षा, केंद्र के इस मंत्री ने भी उठाए थे सवाल
Haryana News कांग्रेस से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि पहले पशु चिकित्सकों के भर्ती घोटाले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए उसके बाद दोबारा परीक्षा कराई जानी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाए कि कोई भर्ती हुई भी तो उसमें ज्यादातर नौकरी हरियाणा के बाहर के प्रदेशों के अभ्यर्थियों को दी गई। उन्होंने कहा कि हरियाणा लोक सेवा आयोग भर्ती बिक्री केंद्र बन गया है।
By Jagran NewsEdited By: Monu Kumar JhaUpdated: Tue, 24 Oct 2023 10:39 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, पंचकूला। Haryana News: कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि पशु चिकित्सकों के भर्ती घोटाले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों ने उन्हें बताया कि 15 जनवरी 2023 को हुए भर्ती पेपर में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुई थी। इसे देखते हुए पूरे मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच जरूरी है तथा दोबारा परीक्षा कराई जानी चाहिए।
दीपेंद्र हुड्डा (Deepender Singh Hooda) ने कहा कि पिछले नौ साल में हरियाणा में शायद ही कोई भर्ती हुई हो, जिसका पेपर लीक ना हुआ हो। यही कारण है कि हर भर्ती घपले-घोटाले की भेंट चढ़ गई और कोई भर्ती हुई भी तो उसमें ज्यादातर नौकरी हरियाणा के बाहर के प्रदेशों के अभ्यर्थियों को दी गई।
हरियाणा लोक सेवा आयोग भर्ती बिक्री केंद्र बन गया-दीपेंद्र
उन्होंने कहा कि हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) भर्ती बिक्री केंद्र बन गया है। उन्होंने आयोग को भंग कर अब तक हुई भर्तियों की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच कराने की मांग की। वेटनरी सर्जन अभ्यर्थियों (Veterinary Surgeon Candidates) के एक प्रतिनिधिमंडल ने सांसद दीपेंद्र हुड्डा से मिलकर भर्ती पर सवाल खड़े किए।
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पेपर में 26 से ज्यादा सवालों के गलत उत्तर
उन्होंने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार (BJP) में राज्यमंत्री संजीव बालियान (Sanjeev Balyan) ने भी हरियाणा लोक सेवा आयोग की भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए थे। वेटनरी सर्जन भर्ती (veterinary surgeon recruitment) के पेपर में 26 से ज्यादा सवालों के गलत उत्तर दिए गए थे।
बड़ी मात्रा में प्रश्नों को महाराष्ट्र के पेपर से कापी किया गया। कई अभ्यार्थियों ने बाकायदा इस भर्ती घोटाले के सबूतों के साथ पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय (Punjab and Haryana High Court) में चुनौती दी।
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